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डाक्टरों ने लगाई पैरलल ओपीडी, मरीजों को दी मुफ्त दवाएं

छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट के विरोध में डाक्टरो की हड़ताल के बाद शुक्रवार को सरकारी नौकरी के लिए 61 उम्मीदवारों का मेडिकल किया गया जबकि शुक्रवार को भी डाक्टर अपनी सीट पर नहीं बैठे और डेंटल विभाग के हाल में मरीजों का चेकअप किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 10:50 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 10:50 PM (IST)
डाक्टरों ने लगाई पैरलल ओपीडी, मरीजों को दी मुफ्त दवाएं

संवाद सूत्र, फिरोजपुर : छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट के विरोध में डाक्टरो की हड़ताल के बाद शुक्रवार को सरकारी नौकरी के लिए 61 उम्मीदवारों का मेडिकल किया गया, जबकि शुक्रवार को भी डाक्टर अपनी सीट पर नहीं बैठे और डेंटल विभाग के हाल में मरीजों का चेकअप किया। विरोध स्वरूप डाक्टरों ने मरीजों को दवाएं व ओपीडी की पर्ची भी खुद ही बनाकर दी।

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जिले के 76 सरकारी डाक्टरों ने शनिवार तक हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है, विरोध में डाक्टर्स ने पैरलल ओपीडी बना कर मरीजों का इलाज किया। डाक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जतिदर कोछड़ ने कहा कि एसोसिएशन ने फिलहाल शनिवार तक विरोध जताने का फैसला किया है। सरकार अगर डाक्टरों से बात नहीं करती तो रोष प्रदर्शन आगे भी बढ़ाया जा सकता है। 61 उम्मीदवारों का लंबे इंतजार के बाद हुआ मेडिकल

सरकारी नौकरी ज्वाइन करने से पहले मेडिकल के लिए भटक रहे उम्मीदवारों ने शुक्रवार को राहत की सांस ली और 61 उम्मीदवारों का मेडिकल हुआ। ज्यूडिशियली के लिए 51 और सात नगर कौंसिल और तीन उम्मीदवारों ने कोआपरेटिव सोसाइटी में ज्वाइन करना था। फिरोजपुर में नियुक्त मोहाली के सुखजीत सिंह ने कहा कि आठ दिन बाद उनका मेडिकल हुआ है। वहीं सुखचैन सिंह ने कहा ज्यूडिशियली में क्लेरिकल पद पर नियुक्त हुए है लेकिन डाक्टरों की हड़ताल के कारण मेडिकल कराने में देरी हुई।

ओपन ओपीडी लगा डाक्टरों ने बिना पर्ची की मरीजों की जांच

संवाद सूत्र, फाजिल्का : डाक्टरों की ओर से सरकार के खिलाफ रोष जताने के लिए सरकारी अस्पताल में ओपन ओपीडी लगाई जा रही है। एक सप्ताह से परेशान मरीजों की मुश्किलों को देखते हुए भले ही मरीजों की जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन सरकारी अस्पताल में फीस के रूप में काटी जाने वाली पर्ची पिछले आठ दिन से बंद है। फाजिल्का में शुक्रवार को दूसरे दिन भी डाक्टरों ने अस्पताल के बाहर बैंच लगाकर ओपन ओपीडी के जरिए करीब 250 मरीजों की बिना पर्ची के जांच की और यूनियन की पर्ची पर दवा लिखकर दी।

इस मौके एसएमओ डा. सुधीर पाठक ने कहा कि छठे वेतन आयोग द्वारा सरकारी डाक्टरों को दिए जाने वाले एनपीए को कम कर दिया गया है और इसे बेसिक पे से भी डीलिक कर दिया गया हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा किया जाए।

वहीं, सरकारी नियमों के अनुसार अस्पताल में बनी लैब में उनका ही टेस्ट किया जाता है, जिसकी पर्ची ओपीडी से सरकारी फीस देकर कटी हो, लेकिन डाक्टरों के संघर्ष के चलते ओपीडी की पर्ची नहीं काटी जा रही, जिसके चलते कई मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। हालांकि सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों का टेस्ट तो किया जा रहा है। लेकिन नए मरीजों के पास सरकारी पर्ची ना होने के कारण उनके टेस्ट नहीं हो रहे। गांव मुंबेकी से पहुंचे जुगराज सिंह ने बताया कि वह सरकारी अस्पताल में रक्त की जांच करवाने के लिए पहुंचा था। लेकिन यहां आकर उसे ओपीडी के बंद होने के बारे में पता चला, जिस कारण अब उसे प्राइवेट लैब से रक्त की जांच करवानी पड़ेगी।


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