स्वच्छता में शहरों को मात दे रहा फाजिल्का का गांव आवा
फाजिल्का का गांव आवा स्वच्छता को लेकर चर्चा में बना हुआ है। यहां सड़कों पर लोगों के बैठने के लिए बेंच लगाए गए हैं। इतना ही नहीं गांव में सुबह करीब 8 बजे ही गांव में झाड़ू लगाया जाता है।
मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का: एक समय था जब शहरों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों को पिछड़ा हुआ समझा जाता था। इसके पीछे का कारण वहां की कच्ची गलियां व पानी की निकासी के सही प्रबंध न होना भी था, लेकिन जिले का गांव आवा स्वच्छता के मामले में शहरों को मात दे रहा है।
पिछले दिनों राज्य स्तर पर आयोजित समारोह में इसे जिले का सबसे स्वच्छ गांव चुना गया है। गांव की गलियां पक्की है और नालियां अंडरग्राउंड है। इसके चलते नालियों के बंद होने की समस्या नहीं होती। साथ ही अब एक योजना के तहत यहां एक सरोवर भी बनाया जा रहा है, जोकि गांव की सुंदरता को और बढ़ाएगा।
इस दौरान पूरे गांव के आसपास की सड़कों पर लोगों के बैठने को लेकर बेंच लगाए गए थे। साथ ही विभिन्न कुरीतियों के खिलाफ जागरूक करने के लिए दीवारों पर स्लोगन भी लिखे नजर आए। गांव में आकर ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि यह शहर की तुलना में सुंदर नहीं है। आवा फाजिल्का का पहला गांव है, जोकि तीन तरफ से जुड़ा हुआ है।
बार्डर रोड पर बीएसएफ के कार्यालय के सामने वाली सड़क, सिद्ध श्री हनुमान मंदिर के साथ वाली सीधी सड़क और चक्कर वाला झुग्गे से थोड़ा आगे बाएं तरह की सड़क सीधे आवा के साथ जुड़ती है। गांव की आबादी लगभग 1050 के करीब है। गांव में सुबह करीब 8 बजे ही गांव में झाड़ू लगाया जाता है।
गांव के भीतर प्रवेश करते ही सबसे पहले ब्रेक पंचायत घर में लगी, जहां बैठक के लिए कमरों, बच्चों के खेलने के लिए मैदान व झूले व कसरत करने के लिए ओपन जिम लगी हुई थी। पंचायत घर के साथ ही गांव का गुरद्वारा साहिब व गांव का सरकारी स्कूल बना हुआ है।
गांव का विकास है मुख्य उद्देश्य: सरपंच
गांव आवा की सरपंच वीरपाल कौर ने कहा कि उनसे पहले उनके पति ने सरपंच रहते हुए गांव में विकास कार्य करवाए। अब उनके द्वारा अपने पति के साथ मिलकर विकास कार्य करवाए जा रहे हैं।
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