पारिवारिक विवाद पर खबरों के प्रकाशन के मामले में युवराज सिंह की याचिका खारिज
युवराज सिंह ने जून 2015 में यह याचिका दायर की थी। इसमें छोटे भाई जोरावर सिंह के वैवाहिक विवाद पर मीडिया में समाचार प्रकाशित न करने की मांग की गई थी।
जेएनएन, चंडीगढ़। युवराज सिंह की ओर से छोटे भाई जोरावर सिंह के वैवाहिक विवाद पर मीडिया में समाचार प्रकाशित न करने की मांग को लेकर दायर याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी। याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस राजन गुप्ता ने कहा कि इसका कोई औचित्य नहीं है, इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है।
युवराज सिंह ने जून 2015 में यह याचिका दायर की थी। तब से अब तक 19 सुनवाई हुई, लेकिन हाईकोर्ट ने किसी पक्ष को नोटिस जारी नहीं किया था। याचिका पर पहली सुनवाई पर ही हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर महज इस अंदेशे के कारण कि मीडिया में समाचार प्रकाशित होने से उनकी साख खराब होगी, रोक नहीं लगाई जा सकती है।
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युवराज सिंह, उनकी मां शबनम सिंह और जोरावर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर उनके पारिवारिक मसले पर मीडिया की दखलअंदाजी का आरोप लगाते हुए प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। आरोप था कि जोरावर की पत्नी के परिवार वाले उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए प्रेस वार्ता की जा रही है।
इस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता ऐसा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए, जिससे साबित हो कि इस मामले में मीडिया संयम से काम नहीं ले रहा है। संविधान में हर किसी को अपनी बात कहने की आजादी है, बशर्ते वह एक सीमा में हो। याचिकाकर्ता के ससुराल वाले अगर कोई प्रेस वार्ता करते हैं तो मीडिया के प्रकाशित करने पर रोक कैसे लगाई जा सकती है?
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