सिख परिवार ने हिंदू मेड को दिया बेटी का दर्जा, शादी में मुस्लिम भाई ने किया कन्यादान
मोहाली में एक सिख फैमिली ने अपनी मेड को बेटी का दर्जा देकर उसकी शादी पूरे हिंदू रीति रिवाजों से करवाई। दुल्हन के मामा का फर्ज व लड़की का कन्यादान एक मुस्लिम भाई से करवाया गया।
मोहाली, [रोहित कुमार]। नफरत की फसल उगाने के मंसूबे रखने वाले चाहे जितनी कोशिश कर लें लेकिन इंसानियत के गुलशन से तो मोहब्बत की खुशबू ही आती है। यह कहावत यूं ही नहीं बनी, बल्कि हकीकत में कुछ लोग ऐसे काम कर जाते हैं जो आगे चलकर एक मिसाल कायम करते हैं। ऐसी ही एक मिसाल मोहाली में देखने को मिली, जहां एक सिख फैमिली ने अपनी मेड को बेटी का दर्जा देकर उसकी शादी पूरे हिंदू रीति-रिवाजों से करवाई। इस शादी में सबसे अहम बात यह रही कि दुल्हन के मामा का फर्ज और लड़की का कन्यादान एक मुस्लिम भाई से करवाया गया।
फेज-3 की कोठी नंबर-740 में कैप्टन नवजीत सिंह संधू अपनी पत्नी मनदीप कौर संधू के साथ रहते हैं। पिछले 10 साल से शांति देवी उनके घर पर मेड का काम कर रही थी। कैप्टन नवजीत सिंह संधू व उनकी पत्नी मनदीप कौर संधू ने शांति का अपनी बेटी की तरह पालन पोषण किया। शांति मूल रूप से कानपुर (यूपी) के गांव तिपरी की रहने वाली है। 10 साल पहले उसकी बड़ी बहन उसे मोहाली लेकर आई थी और तभी से वह कैप्टन संधू के घर पर मेड का काम कर रही है। शांति सहित उसकी कुल सात बहनें हैं। चार बहनें मोहाली में ही मेड का काम करती हैं जबकि बाकी उसके पिता ननकय कुमार व मां नीलम देवी के साथ यूपी में रहते हैं।
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अपने खर्च पर करवाई कैप्टन संधू ने शादी
घर की माली हालत खराब थी, ऐसे में बेटी की शादी करना बड़ा सवाल था लेकिन कैप्टन संधू ने शांति के लिए खुद उसकी बिरादरी का लड़का ढूंढ़ा और अपने खर्च पर उसकी शादी लुधियाना के कर्ण कुमार से करवाई। कर्ण लुधियाना में प्राइवेट नौकरी करता है, अपने परिवार के साथ वहीं रहता है। फेज-3बी2 के हनुमान मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों के साथ शांति की शादी करवाई गई। जहां कन्यादान के समय मोहम्मद हबीब ने उसके मामा का फर्ज अदा किया। एक तरफ यह महजबी खाई खोदने वालों के लिए सबक था तो दूसरी तरफ इंसानियत का कबूलनामा भी।
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..जब छलक पडे़ सबके आंसू
शांति को खुशी-खुशी कैप्टन संधू के घर से ससुराल रुख्सत किया गया तो सबकी आंखें छलक पड़ीं। हनुमान मंदिर के एसी हाल में बारात का स्वागत किया गया। बरात में आए 150 लोगों को भोजन कराया गया। पंडित शास्त्री ने दोनों को फेरे पढ़कर उनका लगन करवाया। इस मौके शांति का पूरा परिवार शामिल था। शांति के पिता ननकय ने कहा कि कैप्टन संधू ने उनकी बेटी को अपनी बनाकर रहने के लिए छत दी थी। बेटी की शादी कराकर वे काफी खुश हैं।