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पंजाबियों का ब्लड प्रेशर रहता है हमेशा हाई

पंजाब के लोग अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति बेहद लापरवाह हैं। वे उच्‍च रक्‍तचाप सहित विभिन्‍न बीमारियों की चपेट में हैंं। यह खुलासा पीजीआइ व चार मेडिकल कालेजों के सर्वे में हुआ है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 09 Jul 2016 09:57 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jul 2016 11:36 AM (IST)

चंडीगढ़, [साजन शर्मा]। पंजाबियों का ब्लड प्रेशर, फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज लेवल और कॉलेस्ट्रोल हमेशा निर्धारित मात्रा से ज्यादा रहता है। राज्य की 40 फीसद आबादी हाइपरटेंशन, हाई ब्लड प्रेशर की शिकार है। पंजाब के लोग हाई ब्लड प्रेशर को लेकर लापरवाह हैं। यहां की 37 फीसद आबादी ने कभी अपना ब्लड प्रेशर तक चेक नहीं करवाया है। 45 से 69 साल के लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की दर 60 फीसद तक है। यह खुलासा हुआ है पीजीआइ व पंजाब के चार मेडिकल कालेजाें द्वारा किए गए सर्वेक्षण में।

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पीजीआइ व पंजाब के चार मेडिकल कॉलेजों के साथ किए सर्वे में खुलासा

राज्य की 42 फीसद लोग हाई ब्लड प्रेशर का कोई इलाज नहीं करा रहे हैं। पंजाबियों की किडनियां भी अब ज्यादा खराब हो रही हैं। पीजीआइ व पंजाब के चार मेडिकल कॉलेजों के साथ किए गए सर्वे में यह तथ्य सामने आए हैं।

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नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज यानि डायबिटीज, कार्डियोवास्कुलर डिजीज, कैंसर एवं क्रोनिक लंग डिजीजिस पर पंजाब के करीब 5127 लोगों पर यह सर्वे किया गया। इंटरनेशनल जर्नल प्लस वन में 7 जुलाई को इस शोध व सर्वे का नतीजा प्रकाशित हुआ है। राज्य के लोगों के शरीर में कॉलेस्ट्रोल भी ज्यादा है और उनकी किडनी के फंक्शन में भी जबरदस्त विकार है।

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कॉलेस्ट्रोल भी ज्यादा, किडनी के फंक्शन में भी जबरदस्त विकार

पीजीआइ के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर डॉ. जेएस ठाकुर के अनुसार पंजाब के लोगों में नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज का खतरा काफी ज्यादा है। शहरी, ग्रामीण, महिला व पुरुष सभी इसकी चपेट में हैं। पंजाब देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां इस तरह का शोध व सर्वेक्षण हुआ है। प्रो. ठाकुर के अनुसार लोगों को सेहतमंद करने के लिए राज्य में स्वास्थ्य गतिविधियां बढ़ाने व नेशनल एनसीडी प्रोग्राम में तेजी लाने की जरूरत है।

सर्वे की यह हैं खास बातें

-पंजाब में 13.1 फीसद लोग धूमपान कर रहे हैं।
-राज्य में 27 फीसद लोग शराब पीने के आदी हैं।
-राज्य के नौ फीसद लाेग बहुत ज्यादा शराब पीते हैं।

-पंजाब के 96 फीसद लोग दिन में निर्धारित मात्रा के अनुरूप फल व सब्जियां नहीं खाते।
-राज्य के 41 फीसद लोग मोटापे का शिकार हैं।
- 80 फीसद लोगों की तोंद निकली है और वे ओवरवेट हैं।
-31 फीसद लोग कोई शारीरिक गतिविधि नहीं करते।

- राज्य में 14 फीसद लोग डायबिटीज के शिकार हैं।
-16 फीसद लोगों के शरीर में कॉलेस्ट्रोल का लेबल काफी अधिक है।
-22 फीसद आबादी का ट्राईग्लिसराइड भी बढ़ा हुआ। एक तिहाई लोेगों के ट्राईग्लिसराइड (फैटी एसिड) बढ़े हुए हैं।
-44 फीसद आबादी के एलब्यूमीन-क्रिएटीनीन रेशो बढ़े हुए। यानि क्रोनिक किडनी डिजीज के शिकार।


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