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पंजाब सरकार नई औद्योगिक नीति में स्थानीय इंडस्ट्री को देगी तरजीह

पंजाब की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की सरकार अपनी नई औद्योगिक नी‍ति में स्‍थानीय उद्योगों को तरजीह देगी। सरकार ने नई नीति का प्रारूप तैयार कर लिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 19 Jul 2017 11:10 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jul 2017 11:10 AM (IST)
पंजाब सरकार नई औद्योगिक नीति में स्थानीय इंडस्ट्री को देगी तरजीह
पंजाब सरकार नई औद्योगिक नीति में स्थानीय इंडस्ट्री को देगी तरजीह

जेएनएन, चंडीगढ़। राज्य की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह में औद्योगिक विकास का माहौल तैयार करने के लिए नई औद्योगिक नीति तैयार कर रही है। नई औद्योगिक नीति में स्थानीय इंडस्ट्री को खास तरजीह दी जाएगी। इस बात के संकेत खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिए हैं। इस नीति का आधार होगा 'व्यापार पहले'। सरकार ने पांच वर्षों में पांच लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्‍य निर्धारित किया है। वहीं, सरकार का मानना है कि स्थानीय इंडस्ट्री को सपोर्ट मिले तो वह 50 हजार करोड़ से भी ज्यादा का निवेश कर सकती है।

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लघु और मध्यम उद्योग पर जोर

नई औद्योगिक नीति के प्रारूप पर विचार-विमर्श के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्‍यक्षता में बैठक हुई। इसमें कैप्टन ने स्पष्ट कर दिया कि उद्योग और व्यापारिक घरानों के साथ भागीदारी जैसा व्यवहार करना चाहिए न कि उनके प्रति शक वाली प्रवृत्ति अपनानी चाहिए। स्थानीय उद्योग को समृद्ध करने के लिए कैप्टन ने कहा कि व्यापारिक घरानों खासकर लघु और मध्यम उद्योग के विकास व प्रसार के लिए हर संभव मदद दी जानी चाहिए।

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यह होगा नई नीति में-

-चार औद्योगिक पार्कों और 10 औद्योगिक एस्टेट को विकसित किया जाएगा। इसमें व्यापार को आसान बनाने पर ध्यान दिया जाएगा।

-पांच वर्षों में विकास के सात अहम स्तंभों में पांच लाख करोड़ रुपये के कुल पूंजी निवेश का लक्ष्य होगा। इन स्तंभों में बुनियादी ढांचा, बिजली, एमएसएमई स्टार्ट अप और इंटरप्रिन्योरशिप, हुनर विकास, व्यापार करने को आसान बनाना और निवेश बढ़ावा और वित्तीय रियायतें शामिल हैं। यह नीति केंद्र सरकार के लिए औद्योगिक नीति के साथ तालमेल बिठाने के लिए तैयार की जा रही है।

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-कॉलेजों में 50 उद्यमी हुनर विकास केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। जिससे नौजवानों को स्वरोजगार की तरफ उत्साहित और प्रेरित किया जा सके।

-सभी प्रकार की विकास की जरूरतों के लिए एकल प्रौद्यौगिकी मंच तैयार किया जाएगा, जिसकी आम स्वरूप और पहचान हो। एक पोर्टल पर दो लाख सेवाओं के साथ निपटे जा सकेगा और सेवाओं को संगठित करने का कार्य सहज ही प्राप्त किया जा सकेगा।
-नई नीति टैक्सटाइल और पोशाक, साइकिल व साइकिल के पुर्जे व वाहनों का साजो-सामान, चमड़ा और खेलों का सामान, पेट्रोकेमिकल, स्टील, एनआरएसई, कृषि व फूड प्रोसेसिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, बॉयो टेक्नोलॉजी और फार्मास्यूटीकल, जहाज व रक्षा से जुड़े साजो-सामान के निर्माण पर फोकस किया जाएगा।

-सेवाओं के क्षेत्र में आइटी और आइटीईएस, जीव विज्ञान, सैनिक योजनाबंदी, पर्यटन व मेजबानी, मनोरंजन व फिल्म उद्योग, स्वास्थ्य संभाल और शिक्षा सेवाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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ये रहे बैठक में मौजूद

बैठक में कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा, मनप्रीत बादल, राणा गुरजीत सिंह और चरनजीत सिंह चन्नी के अलावा मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, प्रमुख सचिव वित अनिरुद्ध तिवारी, प्रमुख सचिव आवास व शहरी विकास विन्नी महाजन, वित्त आयुक्त कर अनुराग अग्रवाल, वित्त आयुक्त विकास एमपी सिंह आदि मौजूद थे।
 


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