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सिद्धू के एक्‍शन पर पंजाब में बंटी कांग्रेस, अब कैप्‍टन के जरिये घेरने की तैयारी

अवैध निर्माणों के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू के अभियाने से पंजाब में खलबली है। इस मामले घिर रहे कुछ कांग्रेस विधायक खुलकर सिद्धू के खिलाफ अा गए हैं तो कई उनका समर्थन भी कररहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 06:00 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 08:56 PM (IST)
सिद्धू के एक्‍शन पर पंजाब में बंटी कांग्रेस, अब कैप्‍टन के जरिये घेरने की तैयारी
सिद्धू के एक्‍शन पर पंजाब में बंटी कांग्रेस, अब कैप्‍टन के जरिये घेरने की तैयारी

चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू फिर फार्म और चर्चा में हैं। सिद्धू के एक्‍शन में आने से पंजाब में खलबली है। सिद्धू की अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई से कांग्रेस में सबसे अधिक हलचल है। इस पर कांग्रेस विधायक व नेता दो गुटों में बंटते नजर आ रहे हैं। सिद्धू को घेरने के लिए कई कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दरबार पहुंचने लगे हैैं। जालंधर कैंट से विधायक परगट सिंह सहित कई नेता सिद्धू के साथ भी हैैं। सिद्धू ने इस मामले में अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है कि वह कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे। ऐसे में इन विधायकों में बेचैनी बढ़ गई है।

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अवैध निर्माणों के खिलाफ नवजोत सिद्धू के एक्शन से बेनकाब हो रहे कांग्रेस विधायक

पंजाब में कांग्रेस सरकार बनने के करीब 16 माह के दौरान कई बार विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व नवजोत सिद्धू आमने-सामने नजर आते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भी अपने पद की गरिमा के अनुसार सिद्धू को नजाकत भरी सियासत से यह समझाने की कोशिश की है कि हर मामले में टांग अड़ाना ठीक नहीं है।

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सिद्धू ने भी मंत्री बनने के बाद केबल माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया, रेत माफिया व पिछली सरकार के कार्यकाल में सरकार के इशारे पर भ्रष्टाचार करने वाले तमाम अफसरों के खिलाफ के मुद्दे सलीके से उठाए। कुछ दिनों तक इन मुद्दों को लेकर सिद्धू और कैप्टन के बीच शीत युद्ध चलता रहा। कुछ समय बाद कैप्टन की घुड़की पर सिद्धू ने न चाहते हुए भी इन मुद्दों को छोड़कर दूसरे मुद्दे पकड़ लिए।

लगभग हर मुद्दे पर सिद्धू को कुछ और मिला हो या न मिला हो, लेकिन कांग्रेस के अंदर उन्होंने जरूर अपने समर्थक और विरोधी नेताओं व विधायकों की संख्या बढ़ा ली है। यह अलग बात है कि सिद्धू अभी कांग्रेस विधायकों, नेताओं की उस संख्या से काफी दूर हैं जो कैप्टन को चुनौती देने के लिए उनके पास होनी चाहिए। सिद्धू को जब राहुल गांधी ने पार्टी में शामिल करवाया था तब भी कैप्टन अमरिंदर सिंह मौके पर मौजूद नहीं थे। राहुल गांधी तक सिद्धू की सीधी पहुंच है। इस वजह से भी कई कांग्रेसी सिद्धू के साथ नजर आते हैैं जिससे उनकी बात हाईकमान तक पहुंच सके।

इस बार भी अमृतसर, जालंधर में अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सिद्धू को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कुछ कांग्रेसी उनके पक्ष में भी आ रहे हैं। विरोध करने वाले कांग्रेसी खुलकर सिद्धू को चुनौती दे रहे हैं और उनके समर्थक अंदरखाते उनका साथ निभा रहे हैं। यही वजह है कि मौके की नजाकत को देखते हुए लोक इंसाफ पार्टी से लेकर आम आदमी पार्टी तक के तमाम विधायक व नेता सिद्धू के लिए लॉबिंग करने में जुटे हुए हैं।

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फिलहाल अवैध निर्माण के खिलाफ सिद्धू का नया अभियान किस करवट बैठेगा अभी यह नहीं कहा जा सकता है, लेकिन लोगों व शहरों के हित जरूर इस अभियान की सफलता के पीछे छिपे हैैं। वैसे, कांग्रेसी सियासत के जानकारों का कहना है कि सिद्धू के इस अभियान का भी वही हाल होगा जैसे पहले वाले अभियानों का हो चुका है।

इसलिए कर रहे सिद्धू का विरोध

अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर नवजोत सिद्धू का कांग्रेस विधायक या नेता इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि कुछेक मामलों में उनका मानना है कि सिद्धू उनके सियासी दुश्मनों की शिकायत पर कार्रवाई कर उन्हें कमजोर कर रहे हैं। कुछ मामलों में नेताओं व विधायकों की निर्माण करवाने वालों से सीधी मिलीभगत भी है। कोई भी अवैध कालोनी स्थानीय विधायक की मर्जी के बिना उसके इलाके में नहीं काटी जाती है, खासतौर पर अगर सत्ताधारी पार्टी का विधायक हो।


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