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मजीठिया के सुरक्षा रूट पर मंत्रियों ने उठाया सवाल, कैप्टन बोले- देखता हूं

पूर्व मंत्री व अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के सुरक्षा रूट पर कैबिनेट मंत्रियों ने आपत्ति जताई। इस पर सीएम ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 01 Jun 2018 01:11 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jun 2018 08:53 PM (IST)
मजीठिया के सुरक्षा रूट पर मंत्रियों ने उठाया सवाल, कैप्टन बोले- देखता हूं

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया भले ही मंत्री न हों लेकिन उनके लिए आज भी सुरक्षा का रूट लगता है। इस मुद्दे पर कैबिनेट बैठक में मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को घेरा। सीएम ने कहा कि वह इस मामले को देखते हैं। वहीं, तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के विरोध में भी मंत्री लामबंद हो गए। जिस कारण मुख्यमंत्री को कैबिनेट बैठक में ही सफाई देनी पड़ी।

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मंत्रियों ने चन्नी के उस बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा था कि एडवोकेट जनरल के दफ्तर में कोई भी दलित नहीं है। यह कहकर चन्नी ने अपनी ही सरकार को दलित विरोधी साबित किया था। कैबिनेट विस्तार के बाद से ही चन्नी लगातार खिन्न चल रहे थे। जिसके कारण मंत्रीगण व पार्टी में भी खासी नाराजगी थी। कैबिनेट बैठक के दौरान कैबिनेट में एजेंडों के पास होने के बाद को-आपरेटिव व जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने चन्नी के इस बयान का मुद्दा उठा दिया। इस पर पहले से ही गुस्से में चल रहे मंत्री विरोध दर्ज करवाने लगे।

इसके बाद खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सफाई दी कि चन्नी ने उन्हें एजी दफ्तर में लगाने के लिए दो नाम भेजे थे। जब उन नामों की जांच की गई तो वह जट्ट सिख थे, जबकि चन्नी ने दलित का मुद्दा उठाया है। कैप्टन ने मंत्रियों को यह भी बताया कि इस मामले में उन्होंने खुद चन्नी से बात की थी। अहम बात यह है कि आज की कैबिनेट बैठक में चन्नी उपस्थित नहीं थे।

यही नहीं, एक-दो मंत्रियों ने तो यहां तक कह दिया कि एक तरफ चन्नी सरकार के विरुद्ध बयान दे रहे हैं और दूसरी तरफ सरकार ने चन्नी के भाई तक को सम्मानित पोस्ट दे रखी है। यहां बता दें कि चन्नी के भाई मनमोहन सिंह इंप्रूवमेंट ट्रस्ट से चीफ इंजीनियर सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्हें सरकार ने पंजाब इंफ्रास्ट्रक्चर रेगुलेटरी अथॉरिटी का सदस्य लगाया हुआ है।

अभी यह मामला शांत ही हुआ था कि मजीठिया रूट का मामला उठ खड़ा हुआ। सूत्र बताते हैं कि एक मंत्री ने मुख्यमंत्री के समक्ष बात रखी कि कांग्रेस सरकार में भी मजीठिया की सुरक्षा के लिए वैसे पुलिस का रूट लगता है, जैसे अकाली दल की सरकार के दौरान लगता था, जबकि मंत्रियों के लिए कोई रूट नहीं लगता। इस मुद्दे पर कांग्रेस के सभी मंत्री लामबंद हो गए।

मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी आपत्ति भी दर्ज करवाई। मामले को गरमाता देख मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी जानकारी मुझे नहीं है। मैं इस मामले को देखता हूं। यहां बता दें कि बिक्रम सिंह मजीठिया को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है। मजीठिया को रूट की सुविधा दिए जाने से मंत्री खासे नाराज चल रहे हैं। माना जा रहा है कि यह मुद्दा इसलिए भी उठा क्योंकि कांग्रेस सरकार मजीठिया को लेकर सॉफ्ट नजर आ रही है। इसे लेकर कई मंत्रियों में नाराजगी है।

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