Move to Jagran APP

फिल्म 'नानक शाह फकीर' के खिलाफ रेल ट्रैक पर पहुंचे सिख संगठन, पुलिस ने खदेड़ा

फिल्म 'नानक शाह फकीर' को लेकर सिख संगत सड़कों पर उतर आई है। सिख संगत इस फिल्म में दिखाए गए पात्रों को लेकर खफा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 13 Apr 2018 03:16 PM (IST)Updated: Fri, 13 Apr 2018 09:11 PM (IST)
फिल्म 'नानक शाह फकीर' के खिलाफ रेल ट्रैक पर पहुंचे सिख संगठन, पुलिस ने खदेड़ा
फिल्म 'नानक शाह फकीर' के खिलाफ रेल ट्रैक पर पहुंचे सिख संगठन, पुलिस ने खदेड़ा

जेएनएन, चंडीगढ़। फिल्म नानक शाह फकीर को लेकर राज्यभर में सिख संगठन विरोध प्रदर्शन किया। फतेहगढ़ साहिब में रेल लाइन पर प्रदर्शन कर रहे सिख संगठन को पुलिस ने हटाया और रोकी गई मालगाड़ी रवाना की। करीब 20 मिनट तक प्रदर्शन के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाकर गुरुद्वारा साहिब में बैठा दिया। फिरोजपुर में सिख संगठनों ने रेल रोकने के लिए ट्रैक पर जाम लगने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने लगाने नहीं दिया। पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया। उधर, एसजीपीसी से संबंधित सभी संस्थान व अस्पताल बंद रहे। अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चलीं।

loksabha election banner

फिल्म के निर्माता हरिंदर सिंह सिक्का को पांच सिंह साहिब पहले ही सिख कौम से निष्कासित कर चुके हैं। शुक्रवार को सिख संगठनों ने फतेहगढ़ साहिब व फिरोजपुर में रेल ट्रैक पर धरना दिया और जमकर नारेबाजी की। बाद में, पुलिस प्रशासन ने उन्हें वहां से खदेड़ दिया। 

सिंह साहिबान का कहना है कि अगर कोई भी सिनेमाघर इस फिल्म को रिलीज करता है तो होने वाले नुकसान के लिए सिनेमाघर मालिक खुद जिम्मेदार होंगे। उन्होंने सिख संगत से भी फिल्म का शांतिपूर्ण ढंग से विरोध और बायकाट करने की अपील की।

फिल्म पर कब हुआ विवाद शुरू

वर्ष 2014: सिख धर्म के प्रचार व प्रसार को मुख्य रखते हुए हरिंदर सिंह सिक्का ने नानक शाह फकीर फिल्म का निर्माण किया। यह वर्ष 2015 में रिलीज होनी थी।

22 जनवरी 2015: फिल्म चूंकि सिख धर्म पर आधारित थी इस संबंध में सिक्का ने मुंबई के ही एक एसजीपीसी सदस्य के माध्यम से एसजीपीसी और श्री अकाल तख्त साहिब से संपर्क किया। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने पत्र नंबर 3736 जारी कर फिल्म की प्रंशासा की थी।

15 अप्रैल 2015 : फिल्म की स्क्रीनिंग होनी थी परंतु इस पर कुछ सिख संगठनों ने फिल्म मर्यादा के खिलाफ होने संबंधी मुद्दा उठा कर इस फिल्म को रिलीज होने से रोकने के लिए आवाज उठाई। हालांकि इससे पूर्व एसजीपीसी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने फिल्म का पोस्टर भी मुंबई जाकर जारी किया था।

17 अप्रैल 2015 : गुरबाणी मीडिया प्राईवेट लिमिटेड ने वायाकाम 18 मोशन पिक्चर की फिल्म जिसमें विदेशी सिख गुरजस खालसा और उसकी टीम के गीत हैं और पंडित जसराज और भाई निर्मल सिंह का संगीत रिलीज होनी थी, लेकिन रिलीज रूक गई।

13 मई 2016 : फिल्म पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा गठित की गई कमेटी के जताए गए सभी 31 एतराज दूर होने पर एसजीपीसी ने पत्र नंबर 21104 के तहत फिल्म को रिलीज करने की स्वीकृति दे दी।

13 मार्च 2018: फिल्म को दोबारा रिलीज करने के लिए 13 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई। एसजीपीसी के मुख्य सचिव रूप सिंह ने एसजीपीसी शैक्षिक संस्था के निदेशक को ई-मेल की। जिसमें विद्यार्थियों को फिल्म दिखाने के लिए मंजूरी मांगी गई।

19 मार्च 2018: एसजीपीसी ने गुरुद्वारा प्रबंधकों को फिल्म की प्रमोशन के लिए निर्देश दे दिए। एसजीपीसी की तरफ से डा. रूप सिंह ने पत्र लिख आदेश दिए कि एसजीपीसी के सभी संस्थान, सदस्य और एसजीपीसी के समर्थक इस फिल्म को प्रमोट करें। स्कूल और कालजों के विद्यार्थी इस फिल्म को देखें और इस फिल्म को प्रचारित-प्रसारित करें।

22 मार्च 2018: एसजीपीसी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने मुंबई में फिल्म का ट्रेलर लांच किया।

29 मार्च 2018: सोशल मीडिया पर फिल्म का विरोध हुआ तो एसजीपीसी ने सिख कौम की भवनाओं को मुख्य रखते हुए फिल्म को रिलीज करने की मंजूरी का फैसला वापिस ले लिया। इस को लेकर एसजीपीसी के अध्यक्ष ने आदेश जारी कर दिया। फिल्म को प्रमोशन देने के जारी आदेशों संबंधी एसजीपीसी के सचिव ने भी क्षमा मांगी।

1 अप्रैल 2018 : एसजीपीसी की ओर से फिल्म रिव्यू के लिए एसजीपीसी की कार्यकारिणी के गुरजोत सिंह ढड्डे, एडवोकेट भगवंत सिंह सियालका, रजिंदर सिंह मेहता, बीबी किरणजोत कौर, धर्म प्रचार कमेटी के अजायब सिंह अभियासी, दिल्ली कमेटी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा, एसजीपीसी के एडिशनल सचिव सुखदेव सिंह , उप सचिव सिमरनजीत सिंह पर आधारित सब कमेटी बनाई गई। बनाई गई नई नई सब-कमेटी ने राज्य व केंद्र सरकार से फिल्म पर बैन लगाने की अपील की।

07 अप्रैल 2018 : इस कमेटी ने दोबार हरजिंदर सिंह सिक्का को बैठक में फिल्म पर अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया। परंतु सिक्का इस बैठक में शामिल नहीं हुए। जिसके बाद फिल्म पर रोक लगाने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने भी आदेश जारी कर दिए। उधर सिक्का फिल्म रिलीज को लेकर सुप्रीम कोर्ट चले गए।

09 अप्रैल 2018 : अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने फिल्म पर बैन औऱ अलग सिख सेंसर बोर्ड की स्थापना की बात कही।

10 अप्रैल 2018: सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म को रिलीज करने की मंजूरी दी।

11 अप्रैल 2018: एसजीपीसी ने सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पटीशन दायर की।

12 अप्रैल 2018: पांच सिंह साहिबानों की बैठक के बाद फिल्म प्रोड्यूसर हरविंदर सिंह सिक्का को पंथ से निष्कासित कर दिया।

यह भी पढ़ें: पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- रोडरेज केस में सिद्धू दोषी, दिया था झूठा बयान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.