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पंजाब में मनोरंजन कर की तैयारी, सिनेमाघरों की कुर्सियां गिन रहे मुलाजिम

पंजाब सरकार ने राज्‍य में मनोरंजन कर लगाना तय कर लिया है और इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। नवजोत सिंह सिद्धू का स्‍थानीय निकाय विभाग इसके लिए सर्वे में जुटा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 02 Aug 2017 09:04 AM (IST)Updated: Wed, 02 Aug 2017 09:04 AM (IST)
पंजाब में मनोरंजन कर की तैयारी, सिनेमाघरों की कुर्सियां गिन रहे मुलाजिम
पंजाब में मनोरंजन कर की तैयारी, सिनेमाघरों की कुर्सियां गिन रहे मुलाजिम

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में मनोरंजन कर लगना तय हो गया है और स्‍थानीय निकाय विभाग इसकी तैयारियों में जुटा है। मनोरंजन टैक्स लगाने के बाद स्थानीय निकाय विभाग की कमाई में कितना इजाफा होगा, इसे लेकर पंजाब में केबल कनेक्शनों की पड़ताल करने के बाद नगर निगमों व नगर परिषदों के मुलाजिमों ने सिनेमाघरों की कुर्सियां गिनना शुरू कर दी हैं। हर सिनेमा घर से जानकारी मांगी जा रही है कि उनके पास कितने लोगों के बैठने की क्षमता है। साथ ही मल्टीप्लेक्सं में कितनी स्क्रीन हैं और कितने लोगों के बैठने की व्यवस्था है।

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राज्य में केबल कनेक्शनों का सर्वे लगभग पूरा, मल्टीपलेक्स की भी जानकारी जुटा रही सरकार

5 अगस्त तक विभाग को यह रिपोर्ट सौंपी जानी है। इसके बाद विभाग की तरफ से सिनेमाघरों में बीते एक माह में कितनी टिकटें बिकीं और कितने लोग फिल्में देखने आए, इसे लेकर भी सर्वे करवाया जाएगा। सर्वे पूरा होने के बाद प्रति टिकट कितना मनोरंजन कर लगाया जाना है, इसे लेकर विभाग अपनी कसरत करेगा।

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राज्‍य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने केबल कंपनियों खासतौर पर फास्ट वे कंपनी की ओर से सरकार को सैकड़ों करोड़ का टैक्स न देने का आरोप लगाया था। उन्होंने इस मामले में फास्ट वे कंपनी के खिलाफ कारवाई के भी संकेत दिए थे, लेकिन सरकार की इच्छा न होने के चलते सिद्धू आगे की कार्रवाई नहीं कर पाए। इसके बाद उन्होंने पंजाब में केबल के कारोबार पर भी टैक्स लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।

बतौर सिद्धू अभी पंजाब में करीब 23 लाख लोगों के पास केबल व डीटूएच कंपनियों के कनेक्शन हैं। जीएसटी लगने के बाद भी केवल स्थानीय निकाय के पास कुछ टैक्स लगाने का अधिकार केंद्र सरकार ने दिया है। उसी के तहत अब सिद्धू की कवायद है कि मनोरंजन कर के दायरे में केबल कारोबार के साथ-साथ सिनेमा घरों को शामिल किया जाए।

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पहले भी सिनेमाघरों पर मनोरंजन कर लग रहा था, लेकिन अब ज्यादातर सिनेमाघरों का कारोबार मल्टी प्लेक्स में तब्दील हो गया है। 50 रुपये की टिकट 200 रुपये में तब्दील हो चुकी है। इसलिए सिद्धू की कोशिश है कि किसी भी प्रकार से टैक्स बढ़ाकर विभाग की आमदन में इजाफा किया जाए।

नहीं हो सकी केबल ऑपरेटरों की बैठक, मंत्री से मिले

 मनोरंजन कर को लेकर डीटूएच कंपनियों के प्रतिनिधियों व केबल ऑपरेटरों के साथ रखी गई स्थानीय निकाय विभाग की बैठक नहीं हो सकी। अब बैठक अगले हफ्ते होगी। बैठक स्थगित होने के बाद केबल ऑपरेटरों की एसोसिएशन के सदस्यों ने ग्रामीण विकास मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल से मुलाकात कर उनसे टैक्स न लगाने की मांग की है।

ऑपरेटरों की तरफ से संजीव सिंह उर्फ सन्नी ने कहा कि जीएसटी लगने के बाद पहले ही 43 रुपये प्रति कनेक्शन का बोझ आम जनता पर पड़ चुका है। अब अगर मनोरंजन टैक्स लगाया जाता है तो और बोझ पड़ेगा। इसके चलते छोटे केबल ऑपरेटरों को अपना कारोबार बंद करना पड़ेगा। सरकार ने उन्हें भरोसा दिया है कि पूरे मामले में कोई न कोई हल जरूर निकाला जाएगा।

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