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आर्मी अफसरों में PHD का क्रेज, प्रवेश परीक्षा देने पहुंचे लेफ्टिनेंट जनरल, कर्नल व कैप्टन

पीएचडी व एमफिल की प्रवेश परीक्षा में आर्मी के कई सीनियर ऑफिसर बैठे। ज्यादातर की उम्र 45 साल से ज्यादा थी और इस उम्र में भी उनका पढ़ाई के प्रति जज्बा देख स्टूडेंट्स हैरान थे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 02 Jul 2018 02:39 PM (IST)Updated: Tue, 03 Jul 2018 08:55 PM (IST)
आर्मी अफसरों में PHD का क्रेज, प्रवेश परीक्षा देने पहुंचे लेफ्टिनेंट जनरल, कर्नल व कैप्टन
आर्मी अफसरों में PHD का क्रेज, प्रवेश परीक्षा देने पहुंचे लेफ्टिनेंट जनरल, कर्नल व कैप्टन

चंडीगढ़ [डॉ. रविंद्र मलिक]। पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) में पीएचडी व एमफिल की प्रवेश परीक्षा में आर्मी के कई सीनियर ऑफिसर बैठे। ज्यादातर की उम्र 45 साल से ज्यादा थी और इस उम्र में भी उनका पढ़ाई के प्रति जज्बा देख स्टूडेंट्स हैरान थे। ज्यादातर ने डिफेंस स्टडीज विभाग में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा दी।

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बातचीत के दौरान उन्होंने बताया, ‘पढ़ाई उम्र की मोहताज कभी नहीं होती। कभी भी कर लो। देश की सेवा के साथ यह भी जरूरी है।’ लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला ने कहा कि अगर पढ़ाई करेंगे तभी तो आर्मी में आने के चांस बढ़ेंगे। बोले, जिंदगी में पढ़ाई की काफी अहमियत है। इसको बराबर अहमियत देनी चाहिए। कई आर्मी अफसर के बेटे व बेटियां भी परीक्षा देने आए पहुंचे।

एक साथ आठ आर्मी अफसर परीक्षा देने सेंटर आए तो स्टूडेंट्स के बीच चर्चा का केंद्र बन गए। परीक्षा के दौरान वे स्टूडेंट्स के साथ ही बैठे रहे। बाहर आकर स्टूडेंट्स ने बताया कि हमारे लिए यह किसी प्रेरणा से कम नहीं है। बता दें कि डिफेंस स्टडीज विभाग में महाराजा रणजीत सिंह चेयर भी स्थापित की गई है, जिसके हेड रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह हैं।

एमफिल भी यहीं से की, अब पीएचडी करेंगे कर्नल अनिल

कर्नल अनिल ने बताया कि उन्होंने पीयू के डिफेंस विभाग से ही एमफिल की है। अब वो यहां से पीएचडी करना चाहते हैें। बोले-पढ़ाई इंसान के लिए बेहद जरूरी है। इसके लिए कोई उम्र नहीं होती ।

खुद के विकास के लिए जरूरी

सीनियर आर्मी ऑफिसर मनमोहन सिंह ने कहा कि देश की सेवा में आप योगदान जरूर दें। इसके साथ साथ पढ़ाई पर भी ध्यान दें क्योंकि यह आपके विकास का मार्ग प्रशस्त करती है। दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। पढ़ाई करोगे तभी तो आर्मी में जाने का मौका मिलेगा। पढ़ाई से आपकी हर तरह की प्रोग्रेस होती है।

डिफेंस में रहा हूं तो इसमें रुचि है

एयरफोर्स में विंग कमांडर प्रांजल भी पीएचडी प्रवेश परीक्षा देने पहुंचे। उन्होंने बताया कि डिफेंस में ही रहा हूं और इसमें ही रुचि है। इसलिए पीएचडी करना चाहता हूं।

22 में से 21 कैंडिडेट पहुंचे परीक्षा देने , पीएचडी में 5 सीट हैं

पीएचडी में दाखिले के लिए कुल 22 कैंडिडेट्स ने अप्लाई किया था। उनमें से 21 अपीयर हुए। उनमें से ज्यादातर आर्मी अफसर थे। डिफेंस स्टडीज में पीएचडी में दाखिले के लिए 5 सीट हैं जबकि एमफिल कोर्स में 10 सीट हैं। अगर इस बीच कोई सीट खाली होती है तो निर्धारित सीट में बढ़ोतरी हो सकती है।

डिफेंस स्टडीज के चेयरपर्सन डॉ. जसकरण सिंह का कहना है कि सीनियर आर्मी ऑफिसर्स को कई जगह डिफेंस विभाग द्वारा रिसर्च के लिए मना कर दिया जाता है। पर पीयू का डिफेंस विभाग रिसर्च के क्षेत्र में ऐसे अफसरों को रिसर्च करने का मौका देना चाहता है। उनके आने से स्टूडेंट्स को भी प्रेक्टिकल नॉलेज मिलेगी।

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