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लाल डोरे के अंदर वाली प्रॉपर्टी का मिलेगा मालिकाना हक

पंजाब सरकार अब लाल डोरे के अंदर की आवासीय प्रॉपर्टी का भी लोगोंं को मालिकाना हक देने की तैयारी कर रही है। इस बारे में कैबिनेट उपसमिति की रिपोर्ट के बाद फैसला किया जाएगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 18 Apr 2018 12:30 PM (IST)Updated: Thu, 19 Apr 2018 08:48 PM (IST)
लाल डोरे के अंदर वाली प्रॉपर्टी का मिलेगा मालिकाना हक
लाल डोरे के अंदर वाली प्रॉपर्टी का मिलेगा मालिकाना हक

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। यदि आपकी प्रॉपर्टी लाल डाेरा क्षेत्र के अंदर है तो खुश हो जाएं। आपको जल्‍द ही पंजाब सरकार बड़ी खुशखबरी देने वाली है। अब ऐसी प्रॉपर्टी का भी मालिकाना हक मिलेगा। पंजाब की 60 फीसद से ज्यादा गांवों में रहने वाली आबादी को इससे फायदा होगा। सरकार उनको आवासीय जायदादों का मालिकाना अधिकारर देने की तैयारी कर रही है।

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राज्य के 12600 गांवों में रहने वाले लोगों की लंबे समय से मांग है कि उन्हें उनके घरों के प्राॅपर्टी राइट्स दिए जाएं। ऐसा न होने पर उन्हें अपने ही घरों की मरम्मत आदि या उसका विस्तार करने के लिए बैंकों से जो लोन की आवश्यकता होती है वह पूरी नहीं हो पाती। इसके पीछे कारण यह है कि गांव की लाल लकीर के अंदर रहने वालों का घरों पर कब्जा तो है, लेकिन प्रापर्टी राइट्स नहीं है।

सिद्धू के नेतृत्व वाली कैबिनेट सब कमेटी ने की सिफारिश की तैयारी

पंचायतों व नगर पालिकाओं समेत अन्य विभागों की प्राॅपर्टी पर अवैध कब्जे खत्म करने के लिए बनाई कैबिनेट सब कमेटी कल हुई मीटिंग में यह मामला भी सामने आया। यह मीटिंग कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की अगुवाई में हुई। इसमें रेवेन्यू, रूरल डेवलपमेंट और स्थानीय निकाय विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी भी मौजूद थे।

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वित्‍त आयुक्‍त (राजस्‍व) विनी महाजन ने कहा कि लाल डोरे के अंदर रहने वाले लोगों को प्राॅपर्टी का मालिकाना हक देने ही चाहिए। ऐसा न होने से कब्जों को लेकर राजस्‍व अदालतों में केस बढ़ रहे हैं। सब कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट कैबिनेट को सौंपने वाली है जिसमें इसकी सिफारिश की जाएगी कि लाल लकीर के अंदर रहने वाले लोगों को प्राॅपर्टी राइट्स दिए जाएं।

फिलहाल यह है स्थिति

अभी जिस जगह पर बरसों से लोग रह रहे हैं वही प्राॅपर्टी उनके कब्जे के अधीन है। यह प्रापर्टी कितनी है, किसके अधीन है, इसकी कोई जानकारी सरकार के पास नहीं है। इससे पहले पंजाब में चूल्हा टैक्स लगा होता था जिससे यह जानकारी मिल जाती थी। काफी पहले यह टैक्स भी समाप्त कर दिया गया जिससे अब सरकार के पास ग्रामीण जायदाद का कोई रिकार्ड नहीं है।

टैक्स भी लग सकता है

यदि लाल डोरे के अंदर वाली प्रापर्टी का लोगों को मालिकाना अधिकार दिया जाता है तो संभवत: सरकार इस पर चूल्हा टैक्स की तर्ज पर कोई टैक्स भी लगा सकती है। यह कितना होगा, यह कैबिनेट तय करेगी।

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पत्थर लगा नए सिरे से होगी हदबंदी

कैबिनेट सब कमेटी ने फैसला किया है कि नए सिरे से निशानदेही के लिए हर एक मुरब्बे (25 एकड़) के पीछे पत्थर लगाकर निशानदेही की जाए। कमेटी इसकी भी सिफारिश करेगी। कैबिनेट सब कमेटी के सदस्‍य तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि इन सभी विसंगतियों के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। लोगों की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जे हो रहे हैं जिसे ठीक किया जाना जरूरी है। इसके लिए काफी खर्च भी आएगा। सब कमेटी ने फैसला किया है कि संबंधित गांवों की पंचायतें यह खर्च उठाएंगी।


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