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'मेक इन पंजाब' के लिए बनेगी नई नीति

पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने घोषणा की है कि 'मेक इन पंजाब' के लिए स्थानीय उद्योग को बढ़ावा देने करने के लिए जल्द ही नई नीति तय की जा जा रही है। नई नीति से विकास को और अधिक रफ्तार दी जा सकेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2015 09:05 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2015 11:24 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने घोषणा की है कि 'मेक इन पंजाब' के लिए स्थानीय उद्योग को बढ़ावा देने करने के लिए जल्द ही नई नीति तय की जा जा रही है। नई नीति से विकास को और अधिक रफ्तार दी जा सकेगी।

उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने की उद्यमियों के साथ बैठक

सुखबीर बादल यहा उद्यमियाें की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार नए उद्योगों की स्थापना के प्रति आकर्षण बढ़ाने व मौजूदा इकाइयों को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका मकसद रोजगार के अवसर पैदा करना, उद्यमियों को सौहार्दपूर्ण वातावरण, उदार नीतियां और ऑनलाइन सुविधा प्रदान करना है।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि नई नीति के तहत हर औद्योगिक क्षेत्र में पहली जनवरी तक स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) स्थापित किए जाएंगे। यह एसपीवी औद्योगिक इकाइयों से टैक्स एकत्र करेंगे जिसे औद्योगिक क्षेत्रों के विकास पर खर्च किया जाएगा।

बादल ने घोषणा की कि मौजूदा श्रम नियमों के तहत चेक के माध्यम से औद्योगिक श्रमिकों को किया जाने वाला भुगतान 31 दिसंबर तक टाल दिया गया है और श्रम विभाग के साथ मशविरा कर वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जा रही है। उन्होंने आबकारी एवं इंडस्ट्री विभाग से स्माल स्केल उत्पादकों से उनके बहुमूल्य सुझाव प्राप्त करने के लिए सलाहकार समीति का गठन करने को कहा। उन्होंने मुख्य सचिव सर्वेश कौशल से कहा है कि वह जल्द इस सलाहकार समिति की बैठक बुलाएं।

उद्योगपतियों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए बादल ने घोषणा की कि आबकारी विभाग पिछले पांच साल के बजाय तीन साल तक के मामलों का आकलन करेगा। यदि कोई करदाता करों के आकलन के मामलों की सेल्फ घोषणा के दौरान गलत पाया जाता है तो पांच साल के करों की जांच का नियम लागू किया जाएगा।

विभागीय वेब पोर्टल पर अपना ईमेल आईडी अपलोड करने का सुझाव देते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे करदाताओं को ऑनलाइन सुविधाओं और अन्य जानकारियां ऑनलाइन प्रदान की जा सकेंगी।

नई औद्योगिक नीति के तहत मौजूदा इकाइयों के विस्तार और वैट को बनाए रखने व बिजली प्रोत्साहन प्रदान करने की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार जल्द ही नई ऊर्जा नीति ला रही है जिसके तहत मौजूदा इकाइयों को भी पांच रुपये प्रति यूनिट की दर से भी सस्ती बिजली मिल जाएगी, यह उनकी मौजूदा खपत के अनुसार होगी। इस्पात उद्योग को नेगेटिव लिस्ट से बाहर करने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि लुधियाना, जालंधर और अमृतसर के प्रदर्शनी हॉल को पुन: खोला जाएगा।

बैठक में उद्योग और वाणिज्य मंत्री मदन मोहन मित्तल ने घोषणा की कि औद्योगिक क्षेत्रों और फोकल प्वाइंट के विभिन्न नियमों को जल्द ही समान करते हुए पंजाब राज्य उद्योग विकास निगम को सशक्त बनाते हुए आवंटित लोगों को सुविधा देने व प्रशासन चलाने को कहा जाएगा। मित्तल ने कंडी क्षेत्र में प्लाईवुड और लकड़ी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आनंदपुर साहिब मे करीब 200 एकड़ क्षेत्र में विशेष लकड़ी पार्क का प्रस्ताव भी रखा।

बैठक की मुख्य बातें
- 31 दिसंबर तक श्रमिकों का चैक से भुगतान स्थगित
- आबकारी विभाग पांच नहीं तीन सालों के मामले का आकलन करेगा
- मौजूदा इकाइयों को भी पांच रुपये प्रति यूनिट से कम पर मिलेगी बिजली
-उद्योगमंत्री का प्रस्ताव, आनंदपुर साहिब में लकड़ी पार्क बने
-उद्योगपतियों से मांगें उनकी शिकायतें दूर करने के लिए सुझाव


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