वाटर बस लोगों का प्रोजेक्ट था, सिद्धू ने बदले की राजनीति में बंद कराया: सुखबीर
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने बदले की राजनीति के कारण वाटर बस बंद कराई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने स्थानीय निकाय एवं पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब के विकास के लिए सकारात्मक एजेंडा अपनाने को कहा है। उन्हाेंने कहा कि सिद्धू ने वाटर बस राजनीतिक बदले की भावना से किया है।
सुखबीर ने कहा कि बंद किया गया वाटर बस वाला प्रोजेक्ट मेरा नहीं, बल्कि पंजाब के लोगों का था। यह सिर्फ 10 दिन इसलिए चला क्योंकि आप इस को इसलिए बंद करवा दिया था, क्योंकि इस को मैंने शुरू करवाया था।
सिद्धू की ओर से इस प्रोजेक्ट की व्यवहारिकता पर सवाल उठाने को भी उन्हाेंने गलत करार दिसा। उन्हाेंने कहा कि यदि ऐसा ही था तो सिद्धू ने प्रकाश सिंह बादल की ओर से बनाए गए प्रोजेक्ट जंग-ए-आजादी यादगार के लिए 25 करोड़ रुपये की अनुदान राशि जारी करने से पहले उस प्रोजेक्ट की व्यवहारिकता भी परखनी थी।
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उन्हाेंने कहा कि पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने श्री दरबार साहिब की ओर जाते विरासती मार्ग पर 200 रुपये खर्च किए थे। क्या हमें इन रास्तों का इस्तेमाल करने के लिए लोगों से पैसे लेने चाहिए? सिद्धू की दलील के अनुसार तो उन्हें अकाली-भाजपा सरकार की तरफ से बनाए गए मोहाली और बठिंडा हवाई अड्डों का अध्ययन करना चाहिए और उनको मिटा देना चाहिए। सिद्धू को इस बात का भी अध्ययन करना चाहिए कि क्या सीवरेज और पानी की सप्लाई के लिए पैसे जारी करना व्यवहारिक बात है?
उन्होंने कहा कि जहां तक वाटर बस प्रोजेक्ट का संबंध है, इसने पहली बार वेटलैंड को सैलानियों के लिए खोला था। उन्होंने कहा कि इसको उत्साहित करने की जगह, सिद्धू ने इस अनोखे प्रोजेक्ट को बंद कर दिया है। वह इस की जगह पैडल वाली किश्ती जैसी 50 साल पुरानी सहूलियत शुरू करना चाहते हैं।
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अंतरराष्ट्रीय मापदंडों को ध्यान में रखते हुए ही वाटर बस शुरू की गई थी, जिसे सिद्धू ने नफरत भरे रवैये के चलते बंद कर दिया। उन्हें बदलाखोरी की भावना की जगह पंजाब के विकास के प्रोजेक्टों को आगे बढ़ाना चाहिए।सिद्धू ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि सिख सभ्याचार और विरासत का विलक्षण नमूना विरासत-ए-खालसा एक सफेद हाथी है। उनकी नजर से देखें तो पंजाब के कई बड़े टूरिज्म प्रोजेक्ट सफेद हाथी हैं।
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