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नवजोत सिद्धू को अकाल तख्त साहिब पर जाने का कोई हक नहीं: शिअद

शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा है। शिअद नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि सिद्धू को श्री अकाल तख्‍त साहिब जाने का हक नहीं है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 11:00 AM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 11:39 AM (IST)
नवजोत सिद्धू को अकाल तख्त साहिब पर जाने का कोई हक नहीं: शिअद

जेएनएन, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा है और उनक श्री अकाल तख्‍त साहिब जाने पर सवाल उठाया है। सीनियर अकाली नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू जैसे व्यक्ति काे श्री अकाल तख्‍त साहिब जाने का हक नहीं है। सिद्धू अपने केशों का कत्ल करने के साथ साथ ऐसे धार्मिक रीति रिवाज करते हैं जिसकी सिख धर्म में सख्त मनाही है। वह गुरसिख व्यक्तियों के खिलाफ अपनी नफरत का इजहार करने के लिए कौन सा मुंह लेकर श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश हुए।

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चंदूमाजरा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को सिख धर्म के बारे में बात करने से पहले सिख मर्यादा के सिद्धांतों की जानकारी लेनी चाहिए।सिद्धू को पहले सच्चा सिख बनकर दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिद्धू एक पतित सिख हैं। प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि सिद्धू सिख मर्यादा के बारे में बोलने का पाखंड नहीं करते, हमें उनके सच्चे सिख होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि यह उनका निजी मामला है। लेकिन जब वह खुद केसों की पवितत्रा को लेकर दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह के हुक्मों का पालन नहीं करते और सिख धर्म में वर्जित रीति व कुर्बानियों में यकीन रखते हैं तो उसे किसी भी सिख मसले पर बोलने का कोई हक नहीं है।

उन्होंने आगे कहा, सिद्धू एक ऐसी पार्टी का कार्यकर्ता है, जो सिखों की कातिल हैं। इस पार्टी ने 1984 में श्री हरमंदिर साहिब पर हमले के दौरान श्री अकाल तख्त साहिब को तोपों से तबाह कर दिया था, जिसे सिख कभी भी नहीं भूलेंगे। ऐसे में सिद्धू को किसी अन्‍य सखि के बारे में बोलने का कोेई हक नहीं है।

सिद्धू ने बादल पिता-पुत्र को सिख पंथ से निष्‍कासित करने की मांग की थी

बता दें कि शुक्रवार को नवजोत सिंह सिद्धू ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल को सिख पंथ से निष्कासित करने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को ज्ञापन दिया था। सिद्धू ने जत्थेदार की अनुपस्थिति में उनके पीए को दिए ज्ञापन में दोनों पिता-पुत्र के खिलाफ बेअदबी मामले में पंथ के नियमों के मुताबिक कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी।

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सिद्धू ने प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल के डेरा मुखी राम रहीम के साथ मिलकर मुंबई में फिल्म कंपनी बनाने के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का स्वांग रचने पर डेरा मुखी पर 2007 में केस दर्ज किया गया था। 2007 से लेकर 2017 तक प्रकाश सिंह बादल की सरकार रही, मगर दस वर्षों के दौरान अकाली सरकार ने इसकी जांच नहीं करवाई।

उन्होंने कहा कि ओहदा (पद) नारायण और नगद (नोट) नारायण प्रेमी पिता-पुत्र ने 2009 में डेरा सिरसा वाले बाबा की मदद से हरसिमरत कौर बादल को बठिंडा से चुनाव जिताया। सिद्धू ने कहा कि 2012 में चुनावों से कुछ दिन पहले बादल सरकार ने डेरा मुखी के खिलाफ केस रद करने की सिफारिश की थी।

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सिद्धू ने कहा कि बेअदबी मामले में असल आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने डेरा मुखी के श्री गुरु गोबिंद सिंह का पहरावा पहनने पर रोटी और बेटी का रिश्ता खत्म करने का हुक्मनामा जारी किया था। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री बादल ने अपने निजी हितों के लिए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को चंडीगढ़ में अपने घर बुला डेरा मुखी के नाम नया हुक्मनामा जारी करवाया और अगले ही दिन डेरा मुखी की फिल्म एमएसजी-2 पंजाब में रिलीज हुई।

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