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    Manisha Gulati: मनीषा गुलाटी की महिला कमीशन के चेयरपर्सन पद से छुट्टी, पंजाब सरकार का बड़ा फैसला

    By Jagran NewsEdited By: Swati Singh
    Updated: Wed, 01 Feb 2023 01:47 PM (IST)

    तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में मनीषा गुलाटी को महिला कमीशन का चेयरपर्सन लगाया गया था। 18 सितंबर 2020 को मनीषा गुलाटी को पुनः तीन साल के लिए एक्सटेंशन दे दिया गया था। बता दें कि कानून में एक्सटेंशन का कोई प्रावधान नहीं है।

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    पंजाब सरकार ने पंजाब राज्य महिला कमीशन की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी की उनके पद से छुट्टी कर दी है

    चंडीगढ़, जागरण डिजिटल डेस्क। पंजाब सरकार ने पंजाब राज्य महिला कमीशन की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी की उनके पद से छुट्टी कर दी है। मनीषा गुलाटी का तीन वर्ष का कार्यकाल 18 सिंतबर 2023 को पूरा हो रहा था।

    सामाजिक सुरक्षा महिला व बाल कल्याण विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कृपा शंकर की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि महिला कमीशन के नियमों में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है कि किसी भी चेयरपर्सन को एक्सटेंशन दी जाए। वहीं, उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया है कि मनीषा गुलाटी को एक्सटेंशन देने से पहले राज्य के महिला संगठनों के साथ कोई सलाह नहीं ली गई थी।

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    कांग्रेस सरकार ने बनाया था चेयरपर्सन

    एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने मनीषा गुलाटी की नियुक्ति को रद्द करते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार के फैसले पर भी सवाल खड़े किए है। बता दें कि तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में मनीषा गुलाटी को महिला कमीशन का चेयरपर्सन लगाया गया था। 18 सितंबर 2020 को मनीषा गुलाटी को पुनः तीन साल के लिए एक्सटेंशन दे दिया गया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री बने।

    कांग्रेस सरकार पर उठे सवाल

    उसके बाद मार्च 2022 में भगवंत मान ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली। तब से लेकर अभी तक मनीषा गुलाटी महिला कमीशन के चेयरपर्सन बनी रही। वहीं, कृपा शंकर सरोज ने मनीषा गुलाटी की नियुक्ति को रद्द करते जो टिप्पणी की उसने तत्कालीन कैप्टन सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए है। 

    उन्होंने अपनी टिप्पणी में लिखा है कि कमीशन के नियमों में किसी को एक्सटेंशन देने का प्रावधान ही नहीं है। यानी एक चेयरपर्सन का कार्यकाल तीन साल का होता है, उसके बाद उसे अपने पद से हटना ही होगा। वहीं, एक्सटेंशन देने से पहले महिला संगठनों के साथ बातचीत भी नहीं की गई।

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    18 सितंबर को पूरा हो रहा था दूसरा कार्यकाल

    अहम बात यह है कि एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने यह भी जिक्र किया है कि 18-10-2012 को जारी अधिसूचना के अनुसार चेयरपर्सन को चुनने के लिए सामाजिक सुरक्षा, महिला व बाल कल्याण मंत्री, मुख्य सचिव व विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी की कमेटी उम्मीदवार की स्क्रीनिंग करके अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेंगी।

    जिसके बाद मुख्यमंत्री अंतिम फैसला लेंगे, लेकिन इस मामले में कमेटी ने कोई भी सिफारिश नहीं की थी। बता दें कि, 18 सितंबर को मनीषा गुलाटी का दूसरा कार्यकाल पूरा हो रहा था।

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