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पंजाब के मंत्री कांगड़ के दामाद को अनुकंपा आधार पर नौकरी, पिता ने किया था घोटाले का खुलासा

पंजाब सरकार ने अपने कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ के दामाद गुरशेर सिंह को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी है। गुरशेर के पिता ने 2002 में भर्ती घोटाले का खुलासा किया था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 10:43 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 10:43 AM (IST)
पंजाब के मंत्री कांगड़ के दामाद को अनुकंपा आधार पर नौकरी, पिता ने किया था घोटाले का खुलासा
पंजाब के मंत्री कांगड़ के दामाद को अनुकंपा आधार पर नौकरी, पिता ने किया था घोटाले का खुलासा

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में 2002 में बनी कांग्रेस सरकार के समय सबसे बड़े नौकरी घोटाले को उजागर करने वाले भूपजीत सिंह के पुत्र को नौकरी  मिलेगी। भूपजीत ने करीब 18 साल पहले पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन के तत्कालीन चेयरमैन रवि सिद्धू को रिश्वत कांड में पकड़वा दिया था। बाद में भूपजीत सिंह का अपने सेवा काल के दौरान दिल का दौरा पडऩे से देहांत हो गया। उनके बेटे गुरशेर सिंह को अनुकंपा के आधार पर एक्साइज इंस्पेक्टर लगाने के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। गुरशेर पंजाब के कैबिनेट मंत्री ग्ररप्रीत सिंह कांगड़ के दामाद ह‍ैं।

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राजस्व मंत्री कांगड़ ने ही अपने दामाद को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री को किए गए आग्रह के बाद गुरशेर सिंह की फाइल आबकारी विभाग के पास पहुंच गई है। कार्मिक और आबकारी विभाग इस बात पर विचार कर रहा है कि गुरशेर सिंह को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जा सकती है या नहीं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि राजस्व मंत्री का आग्रह उन्हें मिल चुका है।

भूपजीत सिंह अपने कार्यकाल के दौरान अच्छे अफसर माने जाते थे। उन्‍होंने बड़े नौकरी घोटाले का पर्दाफाश कर पंजाब में हंगामा मचा दिया था। उन्‍होंने घोटाने की परतेें खोलने में तत्‍कालीन पंजाब सरकार की मदद भी की। अगर उनका बेटा नियमों के अनुसार नौकरी के लिए योग्य होगा तो उसे सरकारी नौकरी दी जा सकती है। अभी यह कहना मुश्किल है कि सरकार नौकरी देगी, क्योंकि आबकारी विभाग की ओर से फाइल आना अभी बाकी है।

यह था करोड़ों का नौकरी घोटाला

भूपजीत सिंह देश के सबसे बड़े नौकरी घोटाले के शिकायतकर्ता थे। 25 मार्च 2002 को पीपीएससी के तत्कालीन चेयरमैन रवि सिद्धू ने भूपजीत सिंह को पीसीएस में शामिल करने के लिए रिश्वत की मांग की थी। उन्होंने विजिलेंस को शिकायत की और विजिलेंस के कहने पर ही रिश्वत की पहली किस्त पांच लाख रुपये देने के लिए भूपजीत सिद्धू के सेक्टर 39 स्थित आवास पर गए थे। सिद्धू के पकड़े जाने के बाद कई पीसीएस अफसर, ज्युडिशियल अफसर, कॉलेज लेक्चरार, डॉक्टर आदि चपेट में आ गए थे।

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'' मैैंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से आग्रह किया है कि गुरशेर सिंह को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाए। अगर नियमों के अनुसार उसे नौकरी मिल सकती है तो सरकार द्वारा फैसला लिया जाएगा।

                                                                                      - गुरप्रीत सिंह कांगड़, राजस्व मंत्री, पंजाब।

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