चंडीगढ़ में घर पर सोलर प्रोजेक्ट नहीं लगाया तो आएगा नोटिस, 31 मार्च तक है आखिरी मौका
चंडीगढ़ में घरों की छतों पर सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। अभी तक जिन लोगों ने ऐसा नहीं किया है उन्हें अगले महीने से प्रशासन के नोटिस आना शुरू हो जाएंगे। हालांकि अभी 31 मार्च का समय है जिससे पहले यह प्रोजेक्ट लगाना होगा।
चंडीगढ़, जेएनएन। अगर आपका चंडीगढ़ में 500 वर्ग गज या इससे बड़ा घर है तो इस प्रॉपर्टी को एस्टेट ऑफिस के बिल्डिंग बायलॉज नोटिस से बचाने का यह आखिरी मौका है। इस मौके का फायदा नहीं उठाया तो अप्रैल में नए वित्त वर्ष की शुरुआत अच्छी नहीं रहेगी। इस पैरामीटर के सभी घरों पर सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाना अनिवार्य है।
बिल्डिंग बायलॉज-2017 के तहत यह अनिवार्य कर रखा है। जिसके तहत सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाने की अंतिम तिथि कई बार बढ़ाने के बाद 31 मार्च निर्धारित की गई थी। लोगों के आग्रह पर इसे कई बार आगे बढ़ाया जाता रहा। सिर्फ दस दिन शेष बचे हैं इन दस दिनों में जिसे घर की छतों पर सोलर प्रोजेक्ट नहीं लगवाया। उन्हें बिल्डिंग बायलॉज का नोटिस भेजा जाएगा। कार्रवाई की जाएगी। चंडीगढ़ रिन्यूअल एनर्जी साइंस एंड टेक्नोलॉजी (क्रेस्ट) इससे पहले कई बार अपील कर एस्टेट ऑफिस से समय सीमा बढ़वाता रहा है। बावजूद इसके चार हजार से अधिक प्रापर्टी और घर ऐसे हैं जिन्होंने दायरे में आने के बावजूद सोलर प्रोजेक्ट नहीं लगवाया। यह अभी भी इसे नहीं लगवा रहे।
कमर्शियल और इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी पर भी जरूरी
सोलर प्रोजेक्ट केवल रेजिडेंशियल प्रापर्टी पर ही नहीं कमर्शियल और इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी पर भी जरूरी है। ऐसी सभी प्रापर्टी जिनका दायरा एक कनाल या इससे अधिक है उन पर यह प्रोजेक्ट लगाने जरूरी है। इंडस्ट्रियल एरिया में ऐसे बहुत से प्लॉट अभी ऐसे हैं जिन पर प्रोजेक्ट लगाए जाने हैं। अब इन सभी की सूची एस्टेट ऑफिस तैयार कर रहा है। इससे पहले ज्यादा से ज्यादा लोग बचे समय में सोलर प्रोजेक्ट लगवा लें इसके लिए चंडीगढ़ रिन्यूऐबल एनर्जी साइंस एंड टेक्नोलॉजी (क्रेस्ट) रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन के साथ मिलकर जागरूकता कैंप भी लगा रहा है। जिसमें लोगों को हर जरूरी जानकारी उपलब्ध कराई जा सके।
पैसे नहीं तो भी लगवा सकते हैं प्रोजेक्ट
सोलर प्रोजेक्ट लगवाने से अकसर लोग इस वजह से कतराते हैं कि उन्हें यह फिजुल खर्ची लगती है। वह पैसों की वजह से पीछे हट जाते हैं। लेकिन अगर किसी रेजिडेंट के पास सोलर प्रोजेक्ट लगवाने के लिए पैसे नहीं है तो वह रेस्को मॉडल के तहत इसे लगवा सकता है।इसमें सोलर पावर प्रोजेक्ट बिना किसी इन्वेस्टमेंट के लग जाएगा। रेस्को मॉडल के तहत यह प्लांट कंपनी लगाएगी। इतना ही नहीं प्लांट से जेनरेट होने वाली बिजली घर में इस्तेमाल होने के बाद जो बचेगी उससे कंपनी को पैसा जाता रहेगा। इससे कंपनी के पैसे पूरे हो जाएंगे। जबकि 15 साल बाद कंपनी इस प्रोजेक्ट को प्रापर्टी ऑनर को हैंडओवर कर देगी। इसके बाद प्रापर्टी मालिक का इस पर पूर्ण अधिकार होगा। कंपनी ही प्रोजेक्ट की इंस्टालेशन से लेकर मेंटेनेंस का काम भी देखेगी।
एरिया वाइज कितने का सोलर प्रोजेक्ट अनिवार्य
500-999 वर्ग गज तक 1 किलोवाट
1000-2999 वर्ग गज तक 2 किलोवाट
3000 वर्ग गज से ऊपर 3 किलोवाट ऐसे लगवा सकते हैं रूफटाप सोलर प्लांट
69 का लक्ष्य, 36 जेनरेशन
क्रेस्ट को वर्ष 2022 तक 69 मेगावॉट सोलर जेनरेट करने का लक्ष्य दिया गया है। जबकि अभी शहर में 36 मेगावॉट सोलर ही जेनरेट हो रही है। इस लक्ष्य को तय समय सीमा में हासिल करने के लिए ही अब एस्टेट ऑफिस को सख्ती के लिए लिखा जा रहा है। इसके अलावा कई बड़े प्रोजेक्ट को भी तेजी से पूरा किया जाएगा। जिसमें सेक्टर-39 वाटर वर्क्स पर लगने वाला 15 मेगावॉट का सबसे बड़ा सोलर प्रोजेक्ट भी शामिल है।
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