Chandigarh: कुराली की तर्ज पर डायवर्ट हो ट्रैफिक तो मिलेगी जीरकपुर-चंडीगढ़ मार्ग पर जाम से राहत
जीरकपुर-चंडीगढ़ र्माग पर रूट डायवर्ट होने पर ही जाम से राहत मिल सकती है। शहर में जाम की समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं। मोहाली के लिए रूट अंबाला से बनूड़ बन सकता है। जाम की यह परेशानी अब पंचकूला निवासियों को भी सहनी पड़ सकती है।
सुमेश ठाकुर, जीरकपुर: कुराली की तर्ज पर जीरकपुर-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक डायवर्ट हो तो ही जाम से निजात मिल सकती है। यह कहना है जीरकपुर के स्थानीय लोगों का। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ट्रैफिक पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो इस यहां कोई बसना नहीं चाहेगा। इसी प्रकार से यदि जाम को खत्म करने की दिशा में काम नहीं हुआ तो जल्द ही चंडीगढ़ आकर रोज नौकरी करने वाले भी नहीं आना चाहेंगे।
जाम से जीरकपुर-चंडीगढ़ के निवासी परेशान हैं वहीं यह परेशानी जल्द ही पंचकूला निवासियों पर भी आनी वाली है। रोजाना सैकड़ों वाहन चंडीगढ़ के मध्य मार्ग और पीजीआइ आने के लिए जीरकपुर से रास्ता बदलकर पंचकूला के सेक्टर-12 की तरफ आ रहे हैं जो कहीं न कहीं जाम को न्यौता दे रहे हैं।
अंबाला से बनूड़ बन सकता है मोहाली के लिए रूट
जीरकपुर-चंडीगढ़ के नेशनल हाईवे पर दिल्ली से आने वाले 30 प्रतिशत वाहन मोहाली, खरड़, कुराली से होते हुए हिमाचल या फिर पंजाब के दूसरे जिलों को जाते हैं लेकिन रास्ता एक ही है। दिल्ली से अंबाला तक के यात्रियों के लिए अंबाला पटियाला मार्ग को खोलकर बनूड़ के साथ जोड़ा जाए तो वह जीरकपुर के छत गांव को जोड़ता हुआ मोहाली के सेक्टर-81-82 पर मिलेगा। यह सड़क मोहाली और खरड़ के लिए बिना ट्रैफिक और परेशानी के चलाई जा सकती है।
2017 तक कुराली से चंडीगढ़ तक लगता था जाम
वर्ष 2017 तक मोहाली के कुराली से चंडीगढ़ तक जाम की स्थिति बेहद खराब थी। पंजाब सरकार ने कुराली मार्केट को बाईपास करते हुए नया रास्ता तैयार किया, जिसमें खरड़ में फ्लाईओवर बनाए तो एक रास्ता कुराली से मुल्लांपुर को जोड़ते हुए फोरलेन हाईवे तैयार कर दिया। कुराली से मुल्लांपुर तक आने वाला हाईवे पीजीआइ, पंचकूला को खरड़ और चंडीगढ़ के मध्य जाने की जरूरत नहीं छोड़ता। बद्दी, परवाणु, सोलन और शिमला को भी वही मार्ग जोड़ता है।
लोग बोले-हिमाचल प्रदेश और पीजीआइ के लिए डेराबस्सी से बदला जाए रूट
चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट आथोरिटी ने लोगों की सुविधा के लिए डेराबस्सी से मुबारिकपुर, घग्गर पुल से होते हुए पंचकूला, मनीमाजरा के साथ मध्य मार्ग को जोड़ा हुआ है। सीटीयू की तरफ से पीजीआइ से पंचकूला होते हुए बस डेराबस्सी तक जाती है। उसी सड़क को यदि पंजाब सरकार अपग्रेड करके पंचकूला के साथ जोड़ती है तो हिमाचल प्रदेश के सोलन, शिमला जाने वाले वाहनों के साथ पंचकूला, चंडीगढ़ मध्य मार्ग और पीजीआइ आने वाले वाहनों को बदला जा सकता है।
व्यापारी वर्ग के लिए जीरकपुर में बिजनेस करना मुश्किल है। काम चलाने के लिए पार्किंग चाहिए लेकिन डेराबस्सी और पटियाला से आने वाले वाहनों का जाम इतना जबरदस्त है कि कोई ग्राहक हमारे पास आकर खरीदारी करना नहीं चाहता क्योंकि उसके लिए पार्किंग की सुविधा नहीं है। -आशीष चौहान, स्थानीय दुकानदार, जीरकपुर ।
सुबह नौ से 11 बजे और शाम को पांच से आठ बजे तक जीरकपुर से चंडीगढ़ के इंडस्ट्रीयल एरिया तक सफर करना बड़ी मुसीबत है। जीरकपुर से लेकर इंडस्ट्रीयल एरिया चंडीगढ़ तक तीन लाइटें है लेकिन किसी भी लाइट से चार पहिया वाहन चालक एक बार में क्रास नहीं कर सकता उसे तीन से चार बार लाइट होने का इंतजार करना पड़ता है। स्थिति बेहद खराब जिस पर विचार करना चाहिए। -विकास सूद, जीरकपुर निवासी।
रोज मोहाली में ड्यूटी के लिए जाना होता है। आठ से 10 किलोमीटर के सफर के लिए हमेशा 45 मिनट से भी ज्यादा का समय लग जाता है। रोज दो घंटे 10 किलोमीटर का सफर तय करने में लगते है जिसका कारण जाम है। पंजाब सरकार, चंडीगढ़ और हरियाणा सरकार को मिलकर इस पर सोचना चाहिए ताकि लोगों को राहत मिले। -अमनदीप कौर, कामकाजी महिला, जीरकपुर।