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Punjab Budget 2022: पंजाब के वित्‍तमंत्री चीमा बोले- मैंने एसी रूम में बैठ कर नहीं बनाया बजट

Punjab Budget 2022 पंजाब के वित्‍तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उन्‍होंने बजट एसी रूम में बैठ कर नहीं बनाया। बजट के लिए सभी वर्गों के लोगों से सलाह ली। दैनिक जागरण से बातचीत मेंं उन्‍होंने बजट के बारे में अपना पक्ष रखा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 11:06 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 08:36 AM (IST)
पंजाब के वित्‍तमंत्री हरपाल सिंह चीमा राज्‍य का बजट पेश किया। (जागरण)

चंडीगढ़, [इन्‍द्रप्रीत सिंह]। Punjab Budget 2022: पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार का पहला बजट साेमवार को राज्‍य विधानसभा में बजट पेश कर दिया। बदलाव की हवा में तीन महीने पहले सत्ता में आई आम आदमी पार्टी के लिए लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही सबसे बड़ी चुनौती है।

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वित्तमंत्री हरपाल चीमा अपने पहले बजट में अपनी कितनी अपेक्षाओं को पूरा कर पाएं हैं इसको लेकर उनसे दैनिक जागरण की बात की गई। उन्‍होंने कहा कि मैंने एसी रूम में बैठकर बजट नहीं बनाया। हर वर्ग के लिए इस बजट में कुछ न कुछ है। 

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पेश हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश- 

आपके बजट को विपक्ष ने नकार दिया है, इस पर क्‍या कहेंगे?

- क्या उन्होंने मेरा बजट पढ़ लिया है। मैंने बजट एसी कमरों में बैठकर नहीं बनाया। समाज के हर वर्ग से विचार करके और राज्य की सीमित संसाधनों के साथ बनाया है। हर वर्ग के लिए इस बजट में कुछ न कुछ है। साथ ही कुछ ऐसे सेक्टर भी हैं जिनमें सुधार की जरूरत है। हमने उन पर काम करना शुरू कर दिया है।

बजट में लोगों को तीन सौ यूनिट तक निशुल्क बिजली देने का ऐलान है। क्या इसके लिए बजट का प्रविधान किया गया है? 

- यह ऐलान नहीं है। हमने चुनाव से पहले लोगों को पहली गारंटी दी थी। उसे हमने पूरा कर दिया। 1800 करोड़ रुपये इसके लिए रखे गए गए हैं। एक जुलाई से यह लागू हो जाएगी। मेरे कहने का अर्थ यह है कि यह ऐलान नहीं है, गारंटी है जिसे हमने अपनी सरकार के पहले तीन महीनों में ही पूरा कर दिया है।

एक तरफ आप कह रहे हैं कि जीएसटी मुआवजा राशि खत्म होने से राज्य को 14 हजार करोड़ का नुकसान होगा दूसरी ओर मुफ्त बिजली को और बढ़ा रहे हैं? 

- निश्चित तौर पर 14 हजार करोड़ रुपये की आमदनी खत्म हो रही है। विपक्ष आज हमारे बजट को लेकर जो सवाल उठा रहा है, वह कम से कम यह तो बता दे कि पिछली सरकार क्या यह नहीं जानती थी कि 2022 के जून महीने के बाद जीएसटी मुआवजा राशि खत्म हो रही है क्या उन्होंने इस राशि के खत्म होने चलते नए संसाधन पैदा करने का कोई कोशिश की है। अगर एक भी की है तो बता दें। सवाल उठाने आसान होते हैं जब आप सत्ता में होते हो तो उनके लिए क्या किया है यह महत्वपूर्ण होता है।

फिर अगर इतनी बड़ी आमदनी का स्रोत खत्म हो गया है तो ऐलान पूरे कैसे होंगे?

- अब सरकार की आय राजनेताओं की जेबों में नहीं जाएगी। हमने अपनी पहली आबकारी नीति से पूर्व सरकार से 57 फीसदी आमदनी ज्यादा बढ़ाई है। जल्द ही हमारी रेत खनन की पॉलिसी आ रही है। इसके अलावा हम खर्चों में कटौती करेंगे। हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता अपने कर्ज को कम करना है।


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