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किसानों के मुद्दे : पंजाब सरकार की केंद्र पर दबाब की तैयारी

किसानों के आंदोलन से चिंता में डूबी बादल सरकार ने इस पर नई रणनीति बनाई है। उसकी किसानों के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर दबाब बनाने की तैयारी है। वीरवार रात को अचानक शिअद की सियासी कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2015 11:27 AM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2015 10:51 AM (IST)
किसानों के मुद्दे  :  पंजाब सरकार की केंद्र पर दबाब की तैयारी

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। किसानों के आंदोलन से चिंता में डूबी बादल सरकार ने इस पर नई रणनीति बनाई है। उसकी किसानों के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर दबाब बनाने की तैयारी है। वीरवार रात को अचानक शिअद की सियासी कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई। इसमें किसानों के गुस्से को कम करने के उपायों पर चर्चा की गर्इ।

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इसमें फैसला किया गया कि धान की बाधित खरीद के मसले, नरमे का भाव बढ़ाने, कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया को मंडियों में बुलाने की मांग को लेकर शिअद-भाजपा के विधायक, मंत्री, सांसद व वरिष्ठ नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री समेत संबंधित मंत्रियों से मुलाकात करेंगे।

नरमा मुद्दा व माफी प्रकरण पर जताई गई चिंता, भरपाई की कोशिश

बैठक में किसान द्वारा छेड़े गए रेल रोको आंदोलन को रोकने की रणनीति पर भी चर्चा हुई। प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की गई कि वह संघर्ष का रास्ता छोड़कर वाजिब मुद्दों पर सरकार से बात करें। यह भी तय किया गया कि मंडियों में धान खरीद में तेजी लाई जाए और इसका ध्यान रखा जाए की मंडियों में किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं आए। इसके लिए जिला स्तर व राज्य स्तर पर निगरान कमेटी भी गठित की जाएगी।

इसके अतिरिक्त एक अन्य कमेटी गठित करने पर भी चर्चा हुई। यह कमेटी किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी और इसके हल के लिए सुझाव भी देगी। इसके आधार पर सरकार मामले का हल किया जाएगा। कोर कमेटी की बैठक में संत राम रहीम को माफी को मुद्दा भी उठा।

उपस्थित नेताओं ने कहा कि नरमा व माफी मुद्दा का प्रभाव वोट बैंक पर पडऩे की संभावना है। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इन दोनों मुद्दों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बैठक में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल, रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा, जत्थेदार तोता सिंह, सिकंदर सिंह मलूका, बलविंदर सिंह भूंदड़, सेवा सिंह सेखवां, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, डा. दलजीत सिंह चीमा, बलवंत सिंह रामूवालिया आदि उपस्थित रहे।


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