चंडीगढ़ में आम लोगों के लिए इस दिन से शुरू होगा इलेक्ट्रिक बस का सफर, डीजल बस जितना ही लगेगा किराया
Electric bus चंडीगढ़ में इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल पूरा हो रहा है। अब एक रेगुलर रूट पर यह बस रोजाना चलने लगेंगी। अभी जो बस ट्रायल के तौर पर चल रही है वही पीजीआइ से मनीमाजरा रूट पर मध्य मार्ग होते हुए रेगुलर चलेगी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल पूरा हो रहा है। अब एक रेगुलर रूट पर यह बस रोजाना चलने लगेंगी। बुधवार एक सितंबर से बस में आम नागरिक सफर कर सकेंगे। हालांकि ट्रायल के दौरान भी कई बार लोगों को बिठा कर देख गया। लेकिन अब पहली सितंबर से रोजाना यह पैसेंजर के साथ दौड़ने लगेगी। इलेक्ट्रिक बस का सफर हर कोई कर सकेगा। अभी जो बस ट्रायल के तौर पर चल रही है वही पीजीआइ से मनीमाजरा रूट पर मध्य मार्ग होते हुए रेगुलर चलेगी। इसके बाद 30 सितंबर तक 19 और बस चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) को मिल जाएंगी। जब यह सभी इलेक्ट्रिक बस चलने लगेंगी तो बहुत से लोगों को रोजाना इनका लाभ मिलेगा। साथ ही पर्यावरण को भी प्रदूषण से बचाया जा सकेगा। बता दें कि 11 अगस्त से प्रशासक ने पंजाब राजभवन से सेक्टर-17 पुलिस स्टेशन तक बस में सफर कर इसका ट्रायल शुरू कराया था। तभी से यह बस रोजाना ट्रायल के तौर पर चल रही है।
डीजल बस जितना ही लगेगा किराया
इलेक्ट्रिक बसों में भी किराया उतना ही लगेगा जितना पहले डीजल बस में लगता है। कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा। ऐसे में लोगों को जीरो एमिशन, नॉयस फ्री बस में सफर करने का मौका पहले जितने खर्च पर ही मिलेगा। सितंबर के आखिर तक यह 20 बस हो जाएंगी। इसके बाद अक्तूबर के आखिर तक इनकी संख्या बढ़कर 40 हो जाएगी।
इलेक्ट्रिक बस की खासियत
एयर कंडीशनिंग सिस्टम, हर सीट पर एयर वेंट
35 पैसेंजर बैठ सकते हैं, 20 खड़े होने की क्षमता
आगे और पीछे पैसेंजर इंफोर्मेशन स्क्रीन, अगले स्टॉप की मिलेगी जानकारी
ऑटोमेटिक कंट्रोल पैसेंजर डोर
इमरजेंसी के लिए पेनीक बटन
सीट की प्रत्येक लाइन में मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट
पिछली साइड में एयर सस्पेंशन
पांच सीसीटीवी कैमरों से निगरानी, हर गतिविधि पर नजर
दो घंटे में फुल चार्ज, 180 किलोमीटर चलेगा
60 रुपये प्रति किलोमीटर खर्च
यह इलेक्ट्रिक बस फुली मेड इन इंडिया है। अशोक लेलैंड कंपनी ने इसे तैयार किया है। चंडीगढ़ प्रशासन ने इस बस को खरीदा नहीं है बल्कि 60 रुपये प्रति किलोमीटर के खर्च पर इस बस को चलाया जाएगा। बस के अंदर ड्राइवर कंपनी का होगा जबकि कंडक्टर सीटीयू का होगा। टिकट रेवेन्यू का सारा काम सीटीयू ही देखेगी। चाहे मुनाफा हो या नुकसान कंपनी को प्रति किलोमीटर 60 रुपये देने होंगे। ऑपरेशन और मेंटेनेंस का काम कंपनी का होगा।