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पंजाब में किसानों को सीधी अदायगी पर सीएम कैप्‍टन अमरिंदर ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने राज्‍य में किसानों को उनकी फसलों की खरीद का सीधा भुगतान किए जाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। कैप्‍टन अमरिंदर ने कहा कि इस मुद्दू पर आम सहमति तक मौजूदा प्रणाली जारी रहने दी जाए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 08:15 AM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 08:15 AM (IST)
पंजाब सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और पीएम नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को उनकी फसल की खरीद का भुगतान सीधे करने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्‍होंने गेहूं खरीद की किसानों को सीधी अदायगी किए जाने संबंधी निर्देश पर सवाल उठाया है। कैप्‍टन ने कहा है कि नई प्रणाली अपनाने की बजाय मौजूदा प्रणाली को ही जारी रखा जाए। उन्होंने कहा कि आढ़ती, किसानों और खरीद एजेंसियों के बीच बिचौलिए नहीं है बल्कि सर्विस प्रोवाइडर हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह यकीनी बनाने की अपील की कि अनाज की निर्विघ्न खरीद में शामिल किसानों और सभी पक्षों की रोजी-रोटी खतरे में न डाली जाए ।

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सीधी अदायगी पर आपसी सहमति बनाने तक मौजूदा प्रणाली जारी रखने की अपील की

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कैप्टन ने कहा है कि मौजूदा प्रणाली को बदलने के विरोध तेज हो सकता है और स्थिति हाथ से निकल सकती है। ऐसे में उन्‍होंने इस मुद्दे पर विभिन्न पक्षों की चिंताओं से अवगत करवाने के लिए उनसे मुलाकात के लिए समय भी मांगा। पंजाब सरकार की ओर से उन्होंने प्रधानमंत्री को लंबे समय के लिए किए जाने वाले मजबूत सुधारों से संबंधित सभी पक्षों में आपसी सहमति बनाने के लिए सहयोग देने का भरोसा दिया।

उन्होंने केंद्र सरकार से एकतरफा फैसले लेने और उठाए गए कदमों का भी नोटिस लिया। कैप्टन ने कहा कि खुद एक फौजी और किसान होने के नाते वह ऐसे खतरों को उजागर करना चाहते हैं जो मुल्क की खाद्य सुरक्षा को नजरअंदाज कर सकते हैं। इसके परिणाम स्वरूप कुछ फैसले देश के इस हिस्से में किसानों से जुड़ी जमीनी हकीकत ओं से पूरी तरह दूर हैं। हरित क्रांति लाने और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के मेहनतकश किसानों की भूमिका की जिक्र करते हुए कैप्टन ने कहा यह सुरक्षित ढांचा दशकों  में बना है और इसे पलों में बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री अमरिंदर ने पत्र में लिखा है, बेशक में इस बात से पूरी तरह सहमत हूं कि समाज और एक राष्ट्र के तौर पर विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक की सियासी लीडरशिप के नाते हमें सुधारों के बारे में आगे बढ़ने और निरंतर सोच विचार करते रहना चाहिए। पर मेरा यह मानना है कि सुधार तभी कामयाब हो सकते हैं यदि सभी पक्षों के साथ सलाह मशविरा किया जाए।

कैप्‍टन अमरिंदर ने इस मसले पर प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की मांग करते हुए उन्हें खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय को सलाह देने की अपील की कि आपसी सहमति से सब को स्वीकृत प्रणाली तैयार करने के लिए किसानों खेत श्रमिकों और आढ़तियों समेत सभी पक्षों से विचार किया जाए। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा किए गए सुधारों का जिक्र करते हुए कैप्टन ने कहा कि पंजाब ने खरीद में पारदर्शिता लाने और अदायगी की ट्रैकिंग को यकीनी बनाने के प्रयास किए हैं। इसके तहत ऑनलाइन अनाज खरीद पोर्टल अमल में लाया गया है जिस पर सभी किसानों को रजिस्टर्ड किया गया है।

उन्‍होंने पत्र में लिखा है कि खरीद भी इसी पोर्टल के माध्यम से की जाती है। आढ़तीयों को अदायगी भी इस अनाज खरीद पोर्टल के माध्यम से ही ऑनलाइन की जाती है और आढ़तियों की ओर से किसानों को की जाती अदायगी भी ऑनलाइन के जरिए ही की जा रही है। उन्होंने कहा कि अनाज खरीद पोर्टल पर सारा रिकॉर्ड दर्ज है और यह पोर्टल भारत सरकार के पी एफ एम एस पोर्टल के साथ जुड़ा हुआ है। मौजूदा नियमों और अदालती फैसलों का हवाला देते हुए कैप्टन ने कहा कि किसानों को उनकी पैदावार के भुगतान के लिए चयन की व्यवस्था मुहैया करवाई गई है। उन्होंने बताया कि हर साल साढे बारह लाख किसानो को 54 हजार करोड़ का भुगतान किया जाता है।

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