पंजाब में दुकानें खोलने पर कैप्टन सरकार 30 अप्रैल को लेगी फैसला, कैबिनेट की होगी बैठक
पंजाब में कर्फ्यू से दुकानदारों को राहत और राज्य में दुकानें खोलने के बारे में कैप्टन सरकार 30 अप्रैल को फैसला करेगी। इस बारे में पंजाब कैबिनेट की बैठक होगी।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद पंजाब में दुकानें कब खुलेंगी, इसका फैसला 30 अप्रैल को होने वाली पंजाब कैबिनेट की बैठक में होगा। कैबिनेट बैठक में ही 3 मई के बाद कर्फ्यू खत्म करने, आंशिक ढील देने या आगे बढ़ाने पर भी फैसला होगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा इस संबंध में बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी ने कई सुझाव दिए हैैं। कमेटी ने कहा है कि दुकानें आदि खोलने का काम पूरी तरह से डिप्टी कमिश्नर्स पर न छोड़ा जाए। सरकार खुद फैसला ले।
कार्रवाई को लेकर उद्यमियों में फैला डर सरकार को खत्म करना होगा
पूर्व मुख्य सचिव केआर लखनपाल की अगुआई में बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी तीन दिन बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी जिस पर कैबिनेट में चर्चा होगी। कमेटी ने रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री के साथ कुछ बिंदुओं पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग में बात की। मीटिंग में कई उच्च अधिकारी भी शामिल थे। इंडस्ट्री को खोलने संबंधी भी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कई सुझाव दिए हैं।
कमेटी का मानना है कि इंडस्ट्री इस समय डरी हुई है। छोटी इंडस्ट्री के पास न तो लेबर को लाने-ले जाने की सुविधा है और न ही उन्हें अपने यहां ठहराने की। ऐसे में कोरोना का केस निकलने पर उन पर होने वाली संभावित दंडात्मक कार्रवाई से भी वह डरे हुए हैं। सरकार को उनमें इस तरह के डर को खत्म करना होगा।
केंद्र के निर्देशों का पालन किया जाए
कमेटी ने रिपोर्ट में कहा है कि लॉकडाउन खोलने के लिए कम से कम केंद्र सरकार के निर्देशों का तो पालन किया ही जाए। केंद्र ने जिन उद्योगों, दुकानों आदि को खोलने के लिए कहा है वह तो शारीरिक दूरी और अन्य प्रोटोकॉल के अनुसार खोल दी जानी चाहिए।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर जताई चिंता
कमेटी ने पंजाब में स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी बात की और कहा कि अमेरिका व इटली जैसे देश अपने लोगों को बचाने में नाकाम रहे हैं। अगर पंजाब में भी उसी तरह की स्थिति आ जाती तो इसकी हालत का अंदाजा लाया जा सकता है।
कमेटी के प्रमुख सुझाव
-मुख्यमंत्री सोमवार को प्रधानमंत्री के साथ होने वाली मीटिंग में कुछ और रियायतें देने पर बात करें।
-कर्मचारियों का वेतन न काटा जाए। अपने वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की बजाए केंद्र के सातवें वेतन आयोग को ही पंजाब सरकार अपना ले।
-छोटी इंडस्ट्री पंजाब की आर्थिकता की रीढ़ है। इसके लिए केंद्र सरकार से और रियायत मांगी जाए।
-फिस्कल रिस्पांसिबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट एक्ट में संशोधन करके और ज्यादा कर्ज लेने की छूट देने के बारे में पंजाब केंद्र से बात करे।
- सभी राज्य केंद्र सरकार से कहें कि वह कर्ज ले और राज्यों को बांट दे।
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