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कैप्‍टन अमरिंदर बोले- जल्‍द होगा SYL नहर मामले का समाधान, पानी की समस्‍या होगी दूर

पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि एसवाईएल नहर मामले का शीघ्र समाधान होेगा। उन्‍होंने मामाले का समाधान बातचीत से करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का स्‍वागत किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 09:56 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 08:53 PM (IST)
कैप्‍टन अमरिंदर बोले- जल्‍द होगा SYL नहर मामले का समाधान, पानी की समस्‍या होगी दूर
कैप्‍टन अमरिंदर बोले- जल्‍द होगा SYL नहर मामले का समाधान, पानी की समस्‍या होगी दूर

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एसवाईएल नहर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि एसवाईएल मामले का जल्‍द समाधान होगा और दोनों राज्यों की उच्च अधिकारियों की समिति राष्ट्रहित इस मामले का एक दीर्घकालिक और न्यायसंगत समाधान निकालने में सफल होगी। इससे पंजाब में पानी की विकट होती समस्या का भी समाधान होगा।

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कहा, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित कमेटी राष्ट्रहित में करेगी समाधान, अधिकारियों का चयन जल्‍द

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस समस्‍या का बातचीत से समाधान के लिए दाेनों राज्‍यों को बातचीत करने का निर्देश दिया है। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि सिर्फ बातचीत से ही इस मसले का समाधान निकाला जा सकता है। पंजाब में पर्यावरण आपदा की स्थिति बन गई है। इस मुद्दे से जुड़े सभी पक्षों को देश हित के लिए मिलकर काम करने और इस आपदा को रोकने की जरूरत है।

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उन्‍हाेंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार का हस्तक्षेप शीर्ष अदालत के आदेशों के अनुरूप दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों के बीच रचनात्मक वार्ता को सुविधाजनक बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा है कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री अधिकारियों की एक समिति बनाएं। यह भी सुनिश्चित करें कि वे दोनों उच्चतम स्तर पर केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से विचार-विमर्श करें और यदि संभव हो तो समाधान तक पहुंचे। 

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बोले, पानी की बर्बादी रोकने के लिए लडऩा होगा युद्ध

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि बढ़ते जल संकट को देखते हुए अब पंजाब को एक युद्ध लडऩा होगा ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके। शहरी नवीकरण और सुधार सलाहकार समूह की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने पानी को लेकर काफी सख्त रुख अपनाया। उन्होंने पानी बिल के डिफाल्टरों पर सख्त कार्रवाई करने और पॉश इलाकों में पानी की बर्बादी रोकने के लिए वाटर मीटर लगाने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरत पडऩे पर पानी के संरक्षण और पंजाब को सूखा होने से बचाने के लिए राज्य एक अलग कानून बना सकता है। उन्होंने बैठक में मौजूद विधायकों से पानी की हर बूंद को बचाने के लिए जिला, सब डिवीजन और ब्लॉक स्तरों पर बड़े पैमाने पर संपर्क कार्यक्रम आयोजित करने को कहा।

मानसून के दौरान पानी निकासी की समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव स्थानीय सरकार ए. वेणु प्रसाद को आकस्मिक और दीर्घकालिक दोनों आधार पर एक व्यापक योजना बनाने का निर्देश दिया। शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए वित्त विभाग को 14वें वित्त आयोग के तहत 221 करोड़ रुपये की धनराशि तुरंत जारी करने के निर्देश दिए। प्रधान सचिव वित्त अनिरुद्ध तिवाड़ी ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि ये धनराशि दस दिनों के भीतर विभाग को जारी कर दी जाएगी।

निकाय मंत्री को बैठक बुलाने के निर्देश
अमरिंदर ने स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा को सांसदों, विधायकों और मेयरों की बैठक बुलाने को कहा। जिससे पीने के पानी की आपूर्ति, सीवरेज, स्ट्रीट लाइटिंग के संदर्भ में शहरी बुनियादी सुविधाओं के अलावा नागरिक सुविधाओं को मजबूत करने से संबंधित बुनियादी मुद्दों की पहचान की जा सके।

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