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मुश्किल के बीच बड़ी राहत: पंजाब में कोरोना के कम्युनिटी ट्रांसफर का कोई केस नहीं

पंजाब व चंडीगढ़ में कोरोना ने पांच लोगों की जान ले ली है। अभी 50 पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। इसके बावजूद राहत की बात है अभी तक कम्युनिटी ट्रांसफर का कोई केस नहीं आया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 10:20 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 10:20 AM (IST)
मुश्किल के बीच बड़ी राहत: पंजाब में कोरोना के कम्युनिटी ट्रांसफर का कोई केस नहीं

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। कोरोना वायरस के कारण पंजाब और चंडीगढ में चार लोगों की मौत हो चुकी है। 50 पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है, लेकिन पंजाब और चंडीगढ में अभी तक कोई भी कम्युनिटी ट्रांसफर का केस सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य विभाग इसे राहत वाली बात मान रहा है। विभाग के लिए अब भी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कोरोना वायरस को कम्युनिटी ट्रांसफर से रोका जाए। इसी कारण राज्य में 14 अप्रैल कर्फ्यू लागू है।

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विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 50 पॉजिटिव मरीजों की हालत स्थिर

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग इस बात तो लेकर राहत महसूस कर रहा है कि कर्फ्यू के कारण शारीरिक दूरी बनाने को लेकर चल रहे प्रयास के अच्छे संकेत मिल रहे हैं। कम्युनिटी ट्रांसमिशन का कोई केस सामने न आने का मतलब है कि लोगों में जागरूकता आई है। लोग काफी सजग हो रहे हैं।

कम्युनिटी केस न आने को राहत वाली बात मान रहा स्वास्थ्य विभाग

मंगलवार को चंडीगढ़ में मोहाली जिले के नया गांव के बुजुर्ग की मौत हो गई। इसके साथ ही पंजाब व चंडीगढ़ में कोरोना वायरस से मौत का आंकड़ा चार पहुंच गया, मंगलवार को चंडीगढ़ में दो पॉजिटिव केस सामने आया है, लेेकिन राहत की बात है कि पंजाब में कोई भी नया मरीज सामने नहीं आया। कोरोना कंट्रोल रूम से सदस्य डॉ. राजेश भास्कर का कहना है कि संकट काल अभी चल रहा है, लेकिन कम्युनिटी ट्रांसफर का कोई केस न आना राहत वाली बात है। पॉजिटिव मरीजों की स्थिति स्थिर है। एक कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज का ठीक होना भी अच्छे संकेत देता है।

एनआरआइ बन रहे चिंता का कारण

प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की चिंता अभी वे एनआरआइ हैं, जो स्वास्थ्य विभाग या प्रशासन के संपर्क में नहीं आए हैं। हालांकि, पंजाब सरकार ने सभी सरपंचों को अपने यहां एनआरआइ की जानकारी देने की ड्यूटी लगाई है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में ऐसे एनआरआइ हैं, जो स्वास्थ्य विभाग के संपर्क में नहीं आए हैं।

-50 पॉजिटिव मरीजों की हालत स्थिर

-एक मरीज ठीक होकर घर पहुंच चुका है

-पंजाब एवं चंडीगढ़ में चार लोगों की हो चुकी है मौत

-1198 संदिग्ध केस आए अब तक

-1009 की रिपोर्ट निगेटिव आई

-148 की रिपोर्ट आना बाकी है

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'' अभी संकट काल चल रहा है, लेकिन कम्युनिटी ट्रांसमिशन का कोई केस न आना राहत वाली बात है। पॉजिटिव मरीजों की स्थिति स्थिर है। एक कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज का ठीक होना भी अच्छे संकेत देता है।

                                                                            - डॉ. राजेश भास्कर, कोरोना कंट्रोल रूम से सदस्य।

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30000 एनआरआइ चिंता का कारण

प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की चिंता अभी वे एनआरआइ हैं, जो स्वास्थ्य विभाग या प्रशासन के संपर्क में नहीं आए हैं। इनकी संख्या करीब 30000 है। पंजाब सरकार ने सभी सरपंचों को अपने यहां एनआरआइ की जानकारी देने की ड्यूटी लगाई है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में ऐसे एनआरआइ हैं, जो स्वास्थ्य विभाग के संपर्क में नहीं आए हैं।

क्या है 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन'

'कम्युनिटी ट्रांसमिशनÓ तब होता है, जब कोई व्यक्ति सीधे तौर पर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना या संक्रमित देश की यात्रा किए बिना ही इसका शिकार हो जाता है।

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पंजाब-चंडीगढ़ में अब तक की स्थिति

                          पॉजिटिव केस-          मौत

नवांशहर -                 19 -                   01

मोहाली -                   07-                    01

होशियारपुर -             06-                    01

जालंधर -                  05-                    00

अमृतसर -                01-                     00

लुधियाना-                02-                     01

पटियाला-                 01-                     00

चंडीगढ़-                   15-                      00

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ये हैं महामारी के चार चरण

1. पहले चरण में वे लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए जो दूसरे देश से भारत में आए और उनमें पहले से ही कोरोना के विषाणु थे। भारत यह स्टेज पार कर चुका है। ऐसे लोगों से भारत में स्थानीय स्तर पर संक्रमण अब फैल चुका है।

2. दूसरे चरण में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैलता है, लेकिन ये वे लोग होते हैं जो किसी न किसी ऐसे संक्रमित शख्स के संपर्क में आते हैं, जो विदेश यात्रा करके लौटा हो।

3. तीसरा स्तर और थोड़ा खतरनाक माना जाता है। ये है 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन' जिसे लेकर भारत सरकार चिंतित है। इसमें बिना विदेश की यात्रा किए देश में ही केस सामने आने लगते हैं।

4. चौथा चरण तब होता है, जब संक्रमण स्थानीय स्तर पर महामारी का रूप ले लेता है। इसमें मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ने लगता है।

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