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कोरम पूरा नहीं, पास हो गए प्रस्ताव

जासं, चंडीगढ़ : मेयर की ओर से अफसरों को सीधा निर्देश देने पर निगम कमिश्नर केके यादव की आपत्ति का माम

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Aug 2021 11:34 PM (IST)Updated: Sun, 22 Aug 2021 11:34 PM (IST)
कोरम पूरा नहीं, पास हो गए प्रस्ताव

जासं, चंडीगढ़ : मेयर की ओर से अफसरों को सीधा निर्देश देने पर निगम कमिश्नर केके यादव की आपत्ति का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि म्युनिसिपल एक्ट की अवहेलना का एक ताजा प्रकरण सामने आया है। यह मामला कोरम पूरा हुए बगैर प्रस्ताव पास होने से जुड़ा है। इस संबंध में आरोप लगाते हुए वित्त एवं अनुबंध कमेटी के सदस्य कांग्रेस के नेता सतीश कैंथ ने प्रशासन से शिकायत की है। आरोप है कि पिछले माह हुई वित्त एवं अनुबंध कमेटी की बैठक में कोरम पूरा न होने के बावजूद इससे पहले हुई बैठक में पास प्रस्ताव के मिनट्स के अलावा नए अहम प्रस्ताव पास कर दिए गए। हालांकि मामले में मेयर रविकांत शर्मा ने अपनी ओर से सफाई दी है। उनका कहना है कि कोरम पूरा था, इस मामले में एक्ट का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।

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कैंथ ने लिखित शिकायत स्थानीय निकाय सचिव के अलावा सलाहकार धर्म पाल को भेजी है। आरोप लगाया गया है कि अनुबंध कमेटी की बैठक में कोरम पूरा नहीं था। दो सदस्यों की बदौलत भाजपा शासित नगर निगम ने अहम प्रस्ताव पास कर दिए। अनुबंध कमेटी में मेयर के अलावा पांच पार्षद सदस्य होते हैं। ऐसे में कोरम पूरा न होने के कारण मिनट्स पास कर मेयर ने एक्ट का उल्लंघन किया है।

वहीं पहले से अफसरों को सीधे काम के लिए निर्देश देने का मामला राजनीतिक तूल पकड़ चुका है। कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला का दावा है कि 31 अगस्त होने वाली सदन की बैठक में इस मामले पर मेयर रविकांत शर्मा से जवाब पूछते हुए घेरा जाएगा।

कांग्रेस पार्षद एवं अनुबंध कमेटी के सदस्य का कहना है कि 22 जुलाई को दोपहर तीन बजे हुई बैठक में सिर्फ दो ही सदस्य मौजूद थे जिसमे मेयर और भाजपा पार्षद सुनीता धवन ने बैठक में भाग लिया।जिसमे कई नीतिगत फैसलों के अलावा चार अहम प्रस्ताव पास किए गए।ऐसे में दो सदस्यों के मौजूद होने से कोरम पूरा नहीं होता है।पूर्व डिप्टी मेयर सतीश कैंथ ने स्थानीय निकाय सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि एक्ट के अनुसार सब कमेटियों की बैठक में प्रस्ताव पास करने के लिए आधे सदस्यों का मौजूद रहना जरूरी है।

कैंथ का दावा है कि यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है और म्यूनिसिपल एक्ट का उल्लंघन है। इससे यह साबित होता है कि अपने निजी स्वार्थ के लिए अधिकारियों पर दबाव डालते हुए प्रस्ताव पास किए गए। कैंथ का कहना है कि कोरम पूरा न होने पर नियम है कि मीटिग को स्थगित या खारिज किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कैंथ ने पत्र में प्रशासन ने इस मामले में निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है, क्योंकि इस बैठक में पास हुए प्रस्ताव फाइनेंशियल मामले से संबंधित है, जिन्हें एक्ट की अवहेलना करते हुए पास किया गया है।

वित्त एवं अनुबंध कमेटी को सब कमेटी नहीं कहा जाता है। उन्हें सचिव रोहित गुप्ता ने बताया था कि म्युनिसिपल एक्ट के अनुसार कोरम पूरा होने के लिए तीन सदस्यों का होना जरूरी है और उस बैठक में उनके अलावा सुनीता धवन और कमिश्नर भी मौजूद थे। कमिश्नर भी अनुबंध कमेटी का सदस्य होता है। ऐसे में एक्ट की उल्लंघना नहीं हुई है।

- रविकांत शर्मा, मेयर, नगर निगम।


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