नवजोत सिंह सिद्धू के यू टर्न के बाद बढ़ीं आप की उम्मीदें, दबाव में छोटेपुर
नवजाेत सिंह सिद्धू के अचानक यू टर्न लेने और नई पार्टी बनाने से इन्कार करने के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी की उम्मीदें बढ़ गई हैं। दूसरी ओर सुच्चा सिंह छोटेपुर दबाव में हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य नवजोत सिंह सिद्धू के नई सियासी पार्टी बनाने से पीछे हटने के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी की उम्मीदें फिर से कायम हो गई हैं। आप नेताओं के चेहरों पर लौटी मुस्कान के साथ पूर्व कनवीनर सुच्चा सिंह छोटेपुर के सामने अब पेचीदा स्थिति पैदा हो गई है। छोटेपुर अभी पटना साहिब में हैं। वहां से लौटने के बाद वह अगली रणनीति का खुलासा करेंगे।
विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे की सियासत में चल रही उठापटक के बीच नवजोत सिंह सिद्धू, बैंस ब्रदर्स व परगट सिंह द्वारा चौथा मोर्चा बनाने के बाद पंजाब में नए सियासी समीकरण बन गए थे। सिद्धू चौथे फ्रंट का एलान करने के बाद पंजाब से चले गए थे, लेकिन सिमरजीत सिंह बैंस व विधायक परगट सिंह ने सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी, छोटेपुर व डेरों के साथ संपर्क कर नई सियासी पार्टी बनाने को लेकर सभी की राय ली थी।
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परगट सिंह ने खासतौर पर कई धार्मिक डेरों में जाकर वहां का समर्थन भी हासिल करने की कवायद की थी।
सूत्रों की मानें तो किसी भी धार्मिक डेरे से चौथी सियासी पार्टी बनाने को लेकर सहमति नहीं मिली और इसकी जानकारी सिद्धू को दी गई तो उन्होंने नए सिरे से रणनीति बनानी शुरू की।
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इसके बाद सिद्धू ने एलान कर दिया कि पंजाब के हित व अकाली अौर कांग्रेस को सत्ता में आने से रोकने के लिए वे नई पार्टी नहीं बनाएंगे। तीन सप्ताह पहले प्रेस कांफ्रेंस करके आम आदमी पार्टी सहित अकाली-भाजपा व कांग्रेस पर तीखे प्रहार करने वाले सिद्धू ने अचानक यू टर्न लिया और नई पार्टी बनाने से मना कर दिया। छोटेपुर पहले ही इस बाबत इशारा कर चुके थे कि अगर सिद्धू नई पार्टी बनाते हैं तो सभी एक मंच पर आकर अकाली-भाजपा गठबंधन व आप को सत्ता में आने से रोक सकते हैं।
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फिलहाल छोटेपुर पटना साहिब में हैं। करीबी सूत्रों की मानें तो वहां से एक-दो दिन में लौटने के बाद वह नई पार्टी का एलान कर सकते हैं। छोटेपुर का इस बाबत कहना है कि नई पार्टी को लेकर सिद्धू के फैसले का इंतजार हो रहा था। अब स्थिति स्पष्ट हो गई है तो नई पार्टी का पंजीकरण कराने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। पंजीकरण होने के बाद नाम का एलान किया जाएगा। पहले नहीं। थोड़ा इंतजार करें। पंजाब व पंजाबियों की लड़ाई वे बीच में नहीं छोड़ेंगे।
छोटेपुर को दूसरा झटका
छोटेपुर को सिद्धू के सियासी पार्टी न बनाने के फैसले से दूसरी बार बड़ा झटका लगा है। चूंकि छोटेपुर आप के नाराज नेताओं व कार्यकर्ताओं को साथ लेकर नई सियासी पारी खेलने की तैयारी में थे। उन्होंने नई पार्टी का एलान करने की घोषणा भी कर दी थी, लेकिन सिद्धू के घटनाक्रम के चलते छोटेपुर पार्टी बनाने की बजाय सिद्धू के साथ किस्मत आजमाने की दिशा में सोचने लगे थे। आप से कनवीनर पद से हटाए जाने व सिद्धू से निराशा मिलने के बाद छोटेपुर के सामने नई पार्टी बनाने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा है।