भगवंत मान का आरोप- साजिश के तहत 'आप' को खत्म करना चाहती है भाजपा
आम आदमी पार्टी के पंजाब के नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली सरकार को गिराने की साजिश रच रही है।
जेएनएन, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रधान व सांसद भगवंत मान, विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा, उपनेता बीबी सरर्वजीत कौर माणूके और उपप्रधान अमन अकोड़ा ने कहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को गिराने के लिए घिनौनी साजिश कर रही है। वह मुख्य सचिव के साथ मारपीट के मामले में टिप्पणी कर रहे थे।
भगवंत मान ने कहा कि साल 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान 70 में 67 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था, लेकिन तीन इतने साल गुजर जाने के बावजूद भाजपा दिल्ली के लोगों का फतवा कबूल नहीं कर रही और पहले दिन से ही केजरीवाल सरकार को जनहित काम करने से रोका जा रहा है और केजरीवाल सरकार को गिराने की बार-बार कोशिश की जा रही है। मुख्य सचिव का ताजा मामला उसी साजिश का हिस्सा है।
भगवंत मान ने कहा कि लोगों द्वारा चुनी गई सरकार के साथ केंद्र की मोदी सरकार का सौतेला व्यवहार लोकतंत्र व्यवस्था को खतरा है। सुखपाल खैहरा ने कहा कि लोगों द्वारा चुनी गई सरकार के साथ मोदी सरकार की राजनीतिक बदलाखोरी को पूरा देश देख रहा है, दिल्ली के मुख्यमंत्री के दफ्तर पर सीबीआइ का छापा डलवा दिया जाता है, डिप्टी सीएम के घर पर सीबीआइ भेज दी जाती है, स्वास्थ्य मंत्री के पीछे सीबीआइ छोड़ दी जाती है, आम आदमी पार्टी के 15 विधायकों को गिरफ्तार करवा दिया जाता है।
खैहरा ने कहा कि सीसीटीवी के सामने आए फुटेज से साफ पता चलता है कि मुख्य सचिव द्वारा मारपीट का आरोप गलत है। उनके कहे अनुसार अगर मान लिया जाए के ऐसा हुआ है तो मुख्य सचिव रात को ही पुलिस के पास क्यूं नहीं गए। खैहरा ने कहा कि अगले दिन की सुबह तक साजिश के तहत सचिवालय में भीड़ इकठ्ठा की गई और मीडिया में आकर इस मामले को फैला दिया गया और फिर डीडीसी के चेयरमैन और आप नेता आशीष खेतान पर सचिवालय में हमला कराया जाता है।
मंत्री इमरान हुसैन पर हमला करके उनके सहयोगी को बुरी तरह से पीटा जाता है, लेकिन सीसीटीवी में रिकार्ड हुए इस अपराध के बदले किसी भी अपराधी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया। इससे पता चलता है कि आम आदमी पार्टी का अंत और केजरीवाल सरकार को खत्म करना ही भाजपा का मकसद है। आप के 20 विधायकों की सदस्यता भी इसीलिए खत्म की गई थी।
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