हार्ट एप्रोज टीम देगी बेहतर सलाह
- हृदय रोगियों के लिए अस्पतालों में बनी हार्ट एप्रोज टीम
- बीमारी से संबंधित इलाज व तकनीकी सलाह भी देगी टीम
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़
ह्दय रोगों के इलाज के लिए अब अस्पतालों में बनी हार्ट एप्रोच टीम न केवल बेहतर विकल्प की सलाह देगी, बल्कि उन्हें फायदे और नुकसान भी गिनाएगी। वाल्व रिपेयर्स, कॉरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी और अरदीमिया ट्रीटमेंट को लेकर अक्सर मरीज उलझन में होते हैं। नए इलाज विकल्पों की विस्तृत रेज के चलते मरीजों को अपने भविष्य के इलाज के लिए भी उलझन होती है।
हार्ट टीम इलाज प्रक्रियाओं के लाभ और हानि के बारे में सलाह देगी और मरीज की सभी रिपोर्ट्स को देखते हुए इलाज के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प के रूप में होगी। इडियन डिफेंस सर्विसेज के 300 से अधिक रिटायर्ड अधिकारियों और उनके परिवारों को एमएसएसएच की ओर से डिफेंस सर्विसेज ऑफिसर्स इस्टीट्यूट (डीएसओआई), सेक्टर, 36 में आयोजित 'हार्ट टीम एप्रोच' कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी गई।
इस दौरान डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियोवस्कुर्लर थोरासिक सर्जरी के डॉ.वीरेद्र सरवाल ने कहा कि इस नए कॉन्सेप्ट में एक बड़ा ऑपरेटिग थिएटर होता है, जिसमें मरीजों को कार्डियोलॉजी और कार्डियोलॉजीसिस विज्ञान के बेहतरीन अनुभवों के बारे में बताया जाता है। ऑपरेशन के बाद की अवधि के बारे में डॉक्टर्स की एक अन्य टीम मरीज को ह्दय रोग के बाद जीवन शैली प्रबंधन के बारे में बताती है। पश्चिमी देशों में किसी भी कार्डियक सेंटर के लिए हार्ट टीम आवश्यक है। भारत में भी मरीजों को कार्डियोलॉजिस्ट और कार्डिक सर्जन (एंजियोग्राफी के बाद), दोनों से सलाह लेने के लिए अब प्रोत्साहित किया जा रहा है। मरीज को अपने इलाज के बारे में स्वयं ही फैसला करना चाहिए और उसे इलाज प्रक्रिया के बारे में सभी लाभ और नुकसान के बारे में पहले से ही जानकारी होनी चाहिए। इसमें इटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट्, कार्डियोथोरासिस सर्जस और अन्य विशेषज्ञ एक साथ जुट कर मरीज के लिए विशेष इलाज की भी तैयारी कर सकते हैं।