फसल को आग लगी तो बुझाएगा ये देसी जुगाड़, पानी भंडारण क्षमता छह हजार लीटर
फसलों को आग लगने पर उसे बुझाने के लिए मनप्रीत ने देसी जुगाड़ तैयार किया है। यह झटपट घटनास्थल पर पहुंचने में भी सक्षम है।
बठिंडा [सुभाष चंद्र]। ग्रामीण क्षेत्रों में आग लगने पर शहर से फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचने तक काफी नुकसान हो जाता है। गेहूं के सीजन में फसल में लगने वाली आग ज्यादा नुकसानदायक होती है। अब ऐसी दुखद घटनाओं से ग्रामीणों को दो-चार नहीं होना पड़ेगा। गांव नाथपुरा की पंचायत एवं रामपुरा फूल की कलसी इंडस्ट्री के संचालक मनप्रीत सिंह ने पानी के टैंकर से ऐसा देसी अग्निशमन यंत्र बनाया है, जो झटपट घटनास्थल पर पहुंच जाएगा। इतना ही नहीं, आम दिनों में इससे पेयजल की भी आपूर्ति की जा सकेगी।
ऐसे आया विचार
गांव नाथपुरा के सरपंच जगसीर सिंह बताते हैं, ' पिछले साल मेरे खेत में आग लग गई थी। सूचना देने के एक घंटे के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची थी। तब तक फसल को काफी नुकसान हो चुका था। इसके बाद से ही कोई देसी यंत्र बनाने पर विचार चल रहा था। उधर, रामपुरा फूल के कलसी इंडस्ट्री के संचालक मनप्रीत सिंह ने भी खेतों में लगी ऐसी ही भयावह आग देखी थी। वह भी चाहते थे कि आग बुझाने का कोई देसी यंत्र बनाया जाए। एक दिन मैं और गांव की को-ऑपरेटिव सोसायटी के सचिव गुरजंट सिंह ने मनप्रीत सिंह से मुलाकात की और इस बाबत बात की। मनप्रीत ने कहा कि वह पानी के टैंकर से यह यंत्र तैयार कर सकते हैं। '
ऐसे तैयार किया यंत्र
सचिव गुरजंट ने बताया कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की ओर से ग्राम पंचायतों को पानी के टैंकर मुहैया करवाए गए थे। अपने गांव का टैंकर मनप्रीत को दे दिया। टैंकर पर इंजन फिट किया गया है। इस पर सौ-सौ फीट की दो पाइपें लगाई गई हैं। इंजन चलाने पर यह पूरे प्रेशर के साथ पानी फेंकता है। किसी घर में आग लगने पर भी इसे लेकर जाया जा सकता है। संकरी गली हो तो सौ फीट तक पाइप चली जाती है। ट्रैक्टर के ड्राइवर के अलावा इसे चलाने के लिए केवल एक व्यक्ति की जरूरत पड़ती है। मनप्रीत के अनुसार इसकी खास बात यह है कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी करीब 35 लाख रुपये की आती है। उसकी टंकी की क्षमता साढ़े चार हजार लीटर की होती है। यह देसी यंत्र टैंकर समेत करीब सवा तीन लाख रुपये का बन जाता है। इसके टैंकर की क्षमता छह हजार लीटर पानी रखने की है।
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