सोलर प्लांट से जगमगा रहा अमृतसर रेलवे स्टेशन, लाखों रुपये बिजली बिल बचा रहा रेलवे
रेलवे स्टेशन पर लगाए गए सोलर प्लाट से रेलवे को हर महीने चार लाख रुपये का फायदा होने लगा है।
विक्की कुमार, अमृतसर : रेलवे स्टेशन पर लगाए गए सोलर प्लाट से रेलवे को हर महीने चार लाख रुपये का फायदा होने लगा है। अक्टूबर में इस प्लाट को शुरू किया गया था, जिसके बाद अब तक रेलवे 32 लाख रुपये बचा चुका है। आने वाले समय में भी रेलवे को यही फायदा होगा कि वह हर साल 48 लाख रुपये की बचत कर सकेगा। अमृतसर पंजाब का पहला रेलवे स्टेशन है, जहा पर सोलर प्लाट लगाया गया है और वह हर महीने लाखों रुपये की बचत कर रहा है। रेलवे स्टेशन पर एज्योर पावर कंपनी की तरफ से 586 किलोवाट का सोलर प्लाट लगाया गया है। हालाकि यहा पर एक मेगावाट का प्लाट लगना था, लेकिन इतनी जगह न होने के कारण सिर्फ 586 किलोवाट का ही प्लाट यहा पर लग सका। एज्योर कंपनी की तरफ से ही अपने खर्च पर यह प्रोजेक्ट इंस्टाल किया गया है। रेलवे ने कंपनी को सिर्फ जगह ही दी है, इसके बदले में कंपनी रेलवे को सिर्फ तीन रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली दे रहा है। बता दें कि तत्कालीन रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु ने 17 जुलाई, 2016 को रेलवे स्टेशन पर एक मेगावाट सोलर प्लाट का नींव पत्थर रखा गया था। लेकिन इस प्रोजेक्ट का काम तीन साल की देरी से फरवरी 2019 में शुरू किया गया और अक्तूबर 2020 में इस प्रोजेक्ट को शुरू कर दिया गया। रेलवे स्टेशन की अलग-अलग इमारतों पर लगाए गए सोलर पैनल
एज्योर कंपनी की तरफ से रेलवे स्टेशन की अलग-अलग इमारतों पर सोलर पैनल लगाए गए हैं। रेलवे स्टेशन के शेड ए पर 75 किलोवाट, शेड बी पर 100 किलोवाट, पीआरएस बिल्डिंग पर 30.22 किलोवाट, आरएमएस बिल्डिंग पर 10.08 किलोवाट, आरपीएफ बैरक पर 10.07 किलोवाट, शेड सी छत पर 95.22 किलोवाट, स्टेशन बिल्डिंग पर 95.22 किलोवाट, स्टेशन बिल्डिंग टीन शेड पर 60.12 किलोवाट, पैसेंजर हाल पर 50.5 किलोवाट और बी ब्लाक अस्पताल की बिल्डिंग पर 60.12 किलोवाट के सोलर पैनल लगाए गए है। इन पैनलों से हर महीने 59554 यूनिट बिजली तैयार की जा रही है।
विभाग को होगा लाखों का फायदा
सोलर प्लाट लगाने से रेलवे को हर महीने चार लाख रुपये की बचत हो रही है। हर महीने रेलवे एक लाख 24 हजार यूनिट की खपत पर करीब साढ़े नौ रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से 11 लाख 78 हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे थे। इसमें से 59554 यूनिट सोलर प्लाट से बन रही है, जिसके बाद 64446 यूनिट के रेलवे 6 लाख 12 हजार 237 रुपये खर्च रहे है, जबकि 59554 यूनिट के एक लाख 78 हजार 662 रुपये एज्योर कंपनी से बिजली ले रहा है। ऐसे में रेलवे को अब सात लाख 90 हजार 899 रुपये ही खर्च करने पड़ रहे है और हर महीने 3 लाख 87 हजार 101 रुपये की बचत हो रही है।