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अजीब रवैया: प्लाज्मा थेरेपी की तैयारी, लेकिन कोराेना से ठीक हुए लोग डोनेट करने नहीं तैयार

पंजाब के अमृतसर केे गुरु नानक देव अस्‍पताल में प्‍लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों के इलाज की पूरी तैयारी है लेकिन ठीक हुए मरीज प्‍लाज्‍मा डोनेट करने को तैयार नह‍ीं हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 09:33 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 09:33 AM (IST)
अजीब रवैया: प्लाज्मा थेरेपी की तैयारी, लेकिन कोराेना से ठीक हुए लोग डोनेट करने नहीं तैयार
अजीब रवैया: प्लाज्मा थेरेपी की तैयारी, लेकिन कोराेना से ठीक हुए लोग डोनेट करने नहीं तैयार

अमृतसर, [नितिन धीमान]। यहां गुरु नानक देव अस्पताल में कोविड-19 मरीजों को स्वस्थ करने के लिए प्लाज्मा थेरेपी की अनुमति मिल चुकी है, पर इसके लिए डोनर तैयार नहीं हैं। कोरोना मुक्त हुए लोगों ने प्लाज्मा डोनेट करने से इन्कार कर दिया है। प्लाज्मा थेरेपी से कोविड-19 बीमारी से ग्रस्त मरीजों को ठीक किया जा सकता है। कोरोना मुक्त हुए लोगों के रक्त से प्लाज्मा लेकर संक्रमण ग्रस्त मरीज के शरीर में पहुंचाया जाता है।

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जंडियाला गुरु व शहीद ऊधमसिंह नगर के कोरोना मुक्त हुए लोगों ने प्लाज्मा डोनेट करने से किया इन्कार

प्लाज्मा थेरेपी से मरीज के शरीर में एंटीबॉडी बनना शुरू हो जाती है और कोरोना वायरस का खात्मा हो जाता है। दूसरी तरफ गुरु नानक देव अस्पताल से ठीक हो चुके लोग प्लाज्मा डोनेट करने को तैयार नहीं। इनमें जंडियाला गुरु का एक युवक व शहीद ऊधम ङ्क्षसह नगर का एक परिवार शामिल है।

अस्पताल स्थित ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ. नीरज शर्मा का कहना है कि हम पिछले दो सप्ताह से इन लोगों से संपर्क कर रहे हैं। हर बार ये लोग प्लाज्मा देने से इन्कार कर रहे हैं। ये लोग इस गलतफहमी में हैं कि अस्पताल में प्लाज्मा डोनेट करते वक्त वे कोविड-19 का पुन: शिकार हो सकते हैं। कुछ कहते हैं कि हम अभी शारीरिक रूप से फिट नहीं, जबकि तीन लोगों का कहना है कि कुछ दिन बाद प्लाज्मा देंगे। अफसोस है कि अब तक कोई भी डोनर सामने नहीं आया।

कोरोना मुक्त होने के 14 दिन बाद कर सकते हैं प्लाज्मा डोनेट

विशेषज्ञ डॉक्‍टरों ने बताया कि कोरोना वायरस की तीन स्टेज हैं। पहली स्टेज में यह वायरस इंसान के शरीर में प्रवेश करता है। दूसरी में यह फेफड़ों तक पहुंचता है और तीसरी स्टेज में यह वायरस रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर करता है। इसके बाद अंदरूनी अंग खराब होने लगते हैं और इंसान की मृत्यु हो सकती है। प्लाज्मा थेरेपी मरीज को तीसरी स्टेज तक पहुंचने से रोक सकती है। कोरोना मुक्त हुआ शख्स 14 दिन बाद प्लाज्मा डोनेट कर सकता है।

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