टूटा सब्र का पैमाना, कोरोना वायरस Covid-19 के साथ-साथ टेस्ट रिपोर्ट लेने के लिए संघर्ष
पंजाब में काेरोना से जंग के साथ-साथ इसके टेस्ट की रिपोर्ट लेने के लिए भी लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है। अमृतसर में लोगों के सब्र का बांध टूट गया और लोग अस्पताल में उमड़ पड़े।
अमृतसर, [नितिन धीमान]। कोरोना वायरस ने जनमानस को भयभीत कर रखा है, लेकिन इससे भी अधिक डरावनी तस्वीर यहां सिविल अस्पताल में दिखाई दी है। यहां स्थित आइडीएसपी लैब में कोविड-19 टेस्ट की रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए सोमवार को सैकड़ों लोग एक साथ जमा हो गए। इस दौरान न तो किसी ने शारीरिक दूरी का पालन किया और ना ही अधिकतर लोगों ने मास्क लगा रखे थे। इनकी यह लापरवाही जिले में कोरोना का बड़े स्तर पर प्रसार कर सकती है। दरअसल लोगों को कोरोना वायरस Covid-19 के खिलाफ लड़ने के साथ ही इसकी टेस्ट रिपोर्ट लेने को भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
पहले दिन पहुंचे करीब 200 लोगों ने उड़ाईं शारीरिक दूरी के नियम की धज्जियां
एकसाथ इतने लोगाे के रिपोर्ट लेने आना अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा है। दरअसल, आइडीएसपी लैब के बाहर जो लोग रिपोर्ट लेने आए थे, ये वही थे जिनके सैंपल यहां के स्टाफ ने डंप कर रखे थे। लोगों ने एक सप्ताह से भी पहले सैंपल दिया था, लेकिन रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण रोष में थे। लैब के स्टाफ ने उनके सैंपल तो ले लिए थे, लेकिन उन्हें जांच के लिए इंफ्लुएंजा लैब ही नहीं भेजा था। ऐसे में इनमें से कई सैंपल तो खराब भी हो चुके हैं। खराब सैंपलों की रिपोर्ट को लेकर संशय बना हुआ है।
कई लोग बिना मास्क लगाए रिपोर्ट लेने पहुंचे, घर ले जा सकते हैं खतरनाक वायरस
दैनिक जागरण की ओर से आठ-आठ दिन तक सैंपल डंप करके रखने का खुलासा करने के बाद ये सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। ऐसे करीब 1500 सैंपल भेजे गए, जिनमें से सोमवार को 200 से अधिक लोग अपनी रिपोर्ट लेने पहुंचे थे। लैब की लापरवाही से इन्हें रिपोर्ट तो मिल नहीं रहीं, पर यह डर है कि इनमें से यदि एक भी कोरोना पॉजिटिव हुआ तो, भीड़ में खड़े इनमें से कई लोग संक्रमण ग्रस्त हो जाएंगे। इसका कसूरवार कौन होगा?
रिपोर्ट बिना गर्भवती महिलाओं को भी नहीं मिल रहा इलाज
8 जून को गर्भवती का सैंपल, अब तक नहीं मिली रिपोर्ट: आइडीएसपी लैब के बाहर खड़े सुल्तानविंड रोड निवासी बलजिंदर सिंह ने कहा कि उनकी पत्नी गर्भवती है। 8 जून को उसके पेट में दर्द उठा तो सिविल अस्पताल स्थित गायनी ओपीडी में डॉक्टर ने कहा कि पहले कोरोना टेस्ट करवाओ, फिर जांच करेंगे। आइडीएसपी लैब में पत्नी का सैंपल दिया। इसके बाद आज तक लगातार चक्कर काट रहा हूं, पर टेस्ट रिपोर्ट नहीं मिली। जब तक टेस्ट रिपोर्ट नहीं मिलती, तब तक डॉक्टर भी जांच नहीं करेंगे। ऐसे में यदि जच्चा-बच्चा की जान जोखिम में आ जाए तो जिम्मेवार कौन होगा?
आइडीएसपी लैब में आठ दिन तक डंप करके रखे 1500 सैंपलों की रिपोर्ट मिलनी शुरू
परमजीत सिंह नामके व्यक्ति ने बताया कि उसकी पत्नी की डिलीवरी की तिथि 25 जून है। 6 जून को डॉक्टर के कहने पर उसका कोविड-19 टेस्ट के लिए सैंपल दिया। आज नौ दिन बीत गए, लेकिन रिपोर्ट नहीं आई। परमजीत के अनुसार टेस्ट रिपोर्ट देखे बगैर डॉक्टर डिलीवरी नहीं करेंगे और आइडीएसपी लैब का स्टाफ हर रोज कल आना कहकर पल्ला झाड़ रहा है।
पूरे दिन में सिर्फ 25 लोगों को मिली रिपोर्ट
पूरा दिन लेबोरेट्री का स्टाफ नए सैंपलों को इंफ्लुएंजा लैब भेजने में जुटा रहा, जबकि बाहर लोग रिपोर्ट के लिए हाथ फैलाए खड़े रहे। पूरा दिन महज 25 लोगों को ही रिपोर्ट दी जा सकी। भाग्यवश सभी की रिपोर्ट निगेटिव थी। यदि एक आध भी पॉजिटिव होता तो वह न जाने कितनों को संक्रमणग्रस्त बना देता।
आइसपैड की जगह पानी में रखे गए थे सैंपल
आइडीएसपी लैब में 1500 से अधिक सैंपल डंप कर रखे थे। दैनिक जागरण ने मामले का पर्दाफाश किया तब जाकर स्टाफ ने लैब से सैंपलों को इंफ्लुएंजा लैब भेजना शुरू किया। यहां सैंपलों को थर्मोकॉल की शीट में ठंडा पानी डालकर रखा जा रहा था। पानी गर्म होने पर सैंपल खराब हो गए। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस बात से इंकार करते हैं कि सैंपल खराब हुए हैं। हालांकि एक सैंपल की लाइफ 72 घंटे है। वह भी तब जब इसे निर्धारित आइसपैड में रखा जाए, पर आइडीएसपी लैब में तो आइसपैड का प्रयोग तक नहीं किया जा रहा।
सिविल सर्जन को निर्देश, छह घंटे में मिल जाए रिपोर्ट
सोमवार को सिविल सर्जन डॉ. जुगल किशोर आइडीएसपी लैब पहुंचे और स्टाफ से बातचीत की। वहीं डीसी शिवदुलार ङ्क्षसह ढिल्लों ने सिविल सर्जन को साफ कहा है कि सैंपलों की रिपोर्ट में विलम्ब नहीं होना चाहिए। मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी ने भी सिविल सर्जन को कहा है कि छह घंटे तक सैंपल रिपोर्ट हर हाल में मिल जानी चाहिए।
अब यूनिक आइडी नंबर लगाकर भेज रहे सैंपल
सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. चरणजीत सिंह ने कहा कि सैंपलों को समयबद्ध इंफ्लुएंजा लैब भेजा जा रहा है। हमने यूनिक आइडी के अनुसार सैंपलों की नंबरिंग की है। आइडीएसपी लैब का संचालन एनएचएम के अंतर्गत होता है। स्टाफ को निर्देश दिए गए हैं कि काम में तेजी लाई जाए।
फिर लापरवाही: 11 जून को लिए सैंपल अब तक नहीं भेजे
लैब में 11 जून को लिए गए सैंपलों को भी अब तक इंफ्लुएंजा लैब नहीं भेजा गया। इन सैंपलों का पैकेट लैब में पड़ा था। इससे साफ है कि लैब स्टाफ की काम करने की नीयत ही नहीं।
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