बड़ा सवाल आतंकी गुरमीत को बैसाखी पर पाक किसने भेजा, सुरक्षा एजेंसियां की जांच में खुलेंगे राज
अमृतसर में गिरफ्तार खालिस्तानी आंतकियों के मामले में जांच के दौरान बड़़ा सवाल सामने आया है। सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही हैं कि आतंकी गुरमीत सिंह को बैसाखी पर पाक किसने भेजा।
अमृतसर, [नवीन राजपूत]। यहां पिछले दिनों गिरफ्तार खालिस्तानी आतंकियों मामले की जांच में बड़ा सवाल पैदा हो गया है। सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही हैं कि आतंकी गुरमीत सिंह को दो साल पहले बैसाखी पर किसने धार्मिक जत्थे के साथ पाकिस्तान भेजा था। पूरे मामले में सुरक्षा एजेंसियों की जांच में बड़ा खुलासा हाे की संभावना है।
वर्ष 2018 में जत्थे के साथ आतंकी गुरमीत सिंह गया था पाकिस्तान
खुलासा हुआ है कि खालिस्तानी आतंकी गुरमीत सिंह को बैसाखी के मौके पर साल 2018 में जत्थे के साथ पाकिस्तान भेजा गया था। अभी तक की पूछताछ में वह यही बता रहा है कि उसने पाकिस्तान जाने के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया था, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां उसकी बात पर भरोसा नहीं कर रही हैैं। सबसे बड़ा सवाल है कि गुरमीत को पाकिस्तान भेजने में किसने सहयोग किया? सुरक्षा एजेंसियां विभिन्न धार्मिक समागमों में अलग-अलग संस्थाओं के द्वारा पाकिस्तान भेजे गए जत्थों के दस्तावेज निकलवा रही हैं।
सुरक्षा एजेंसियां खंगाल रहीं विभिन्न धार्मिक समागमों में पाकिस्तान गए जत्थों का रिकार्ड
सुरक्षा एजेंसियां गुरमीत के उस आका की तलाश में जुटी हैं, जिसके जरिए पंजाब में आतंक फैलाने की साजिश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ कर रही है। पुलिस द्वारा पता लगाया जा रहा है कि गुरमीत के आवेदन पत्र को किसने तसदीक किया था। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
जांच में सामने आया है कि आतंकी गुरमीत को फोन पर जंडियाला गुरु के पास हथियारों की खेप उठाने का आदेश देने वाले का कांटेक्ट नंबर गुरमीत के फोन से डिलीट है। पुलिस पता लगा रही है कि जीटी रोड के पास खेतों में हथियार छिपाने वाला कौन है जिसने आइएसआइ से मिले संदेश के बाद हथियारों को यहां छिपाया। इसके बाद गुरमीत को अपने साथी विक्रम के साथ हथियारों की खेप यहां से उठाकर ठिकाने लगानी थी। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने वीरवार को गुरमीत व विक्रम को गिरफ्तार किया था।
खेप लेने वाले का भी नहीं आया फोन
बताया जा रहा है कि हथियारों को कब्जे में लेने के बाद गुरमीत को फोन पर संदेश मिलना था कि यह खेप उसे किसे पहुंचानी है या कौन यह खेप उससे लेने आने वाला है, लेकिन उसके पकड़े जाने के बाद उसे फोन नहीं आया। सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह अब रहस्य ही रह गया है कि हथियारों की खेप हासिल करने किसे गुरमीत के पास आना था।
टारगेट किलिंग के सवाल पर मौन
सुरक्षा एजेंसियां आतंकी गुरमीत व विक्रम से पूछताछ कर रही हैं कि उनके टारगेट पर कितने राजनीतिक और धार्मिक नेता हैं, लेकिन दोनों आरोपित इस सवाल पर मौन हैं। पुलिस आरोपितों का पुराना रिकार्ड भी खंगाल रही है। फिलहाल उनके किसी पारिवारिक सदस्य के खालिस्तान मूवमेंट में शामिल होने का पता नहीं चला है।
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पठानकोट में पुलिस का सर्च ऑपरेशन
पठानकोट : जम्मू के कठुआ जिले में पाकिस्तान के ड्रोन से हथियार भेजने की घटना के बाद से बमियाल और नरोट जैमल ङ्क्षसह में पुलिस ने कमांडो दस्ते के साथ सर्च ऑपरेशन चलाया। पुलिस चौकी बमियाल के प्रभारी तरसेम सिंह के नेतृत्व में पुलिस और कमांडो दस्ते ने नदी, नाले, खेत और बंकर खंगाले। यह सोमवार सुबह का भी जारी है। गांव टिंडा, खोजकी चक्क, दनवाल, समराला सहित बॉर्डर एरिया से सटे करीब एक दर्जन गांवों व उज्ज दरिया के आसपास सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इस दौरान कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
एसपी ऑपरेशन हेमपुष्प शर्मा ने कहा कि कठुआ में पाकिस्तान से ड्रोन से हथियार भेजे जाने की घटना को पठानकोट पुलिस ने गंभीरता से लिया है। क्षेत्र में पेट्रोङ्क्षलग बढ़ा दी गई है और पुलिस नाकों पर जवानों को विशेष हिदायतें जारी की गई हैैं। गांवों में सरपंचों के माध्यम से लोगों को हिदायत दी जा रही है कि बाहरी व्यक्ति दिखने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
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