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West Bengal: ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं को दिया सरकारी परियोजनाओं का रिकॉर्ड रखने का निर्देश

Mamata Banerjee. ममता बनर्जी ने अपने पार्टी के नेताओं-नेत्रियों को सरकारी परियोजनाओं को रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 06:41 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 06:41 PM (IST)
West Bengal: ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं को दिया सरकारी परियोजनाओं का रिकॉर्ड रखने का निर्देश
West Bengal: ममता बनर्जी ने पार्टी नेताओं को दिया सरकारी परियोजनाओं का रिकॉर्ड रखने का निर्देश

जागरण संवाददाता, कोलकाता। Mamata Banerjee. 2020 में निकाय चुनाव और 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अभी से ही जुटी तृणमूल सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पार्टी के नेताओं-नेत्रियों को सरकारी परियोजनाओं को रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया है।

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बुधवार को बांकुड़ा में आयोजित प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ने पार्टी नेताओं को मौखिक के अलावा परियोजनाओं को लिखित में भी रखने का निर्देश दिया है। लगे हाथ तृणमूल सरकार के अंतिम आम बजट में आदिवासी समुदाय को लुभाने की कोशिश के तहत 60 वर्ष व उससे अधिक उम्र वाले बुजुर्गो को पेंशन देने की भी घोषणा की है। इसके लिए 'जय जौहार' नामक योजना भी शुरू की गई है।

प्रशासनिक बैठक के दौरान मौके पर मौजूद मुख्य सचिव योजना का लाभ मिलने वाले वेबसाइट को भी दिखा रहे थे। मुख्यमंत्री अपने नेताओं को उक्त वेबसाइट को लिख लेने का निर्देश देती दिखीं। मौके पर मौजूद पार्टी विधायक और पार्षद के अलावा विभिन्न थानों के पुलिस अधिकारियों को भी कलम-कॉपी लेकर वेबसाइट का नाम लिखने का निर्देश दिया। इस दौरान वह जांच करती दिखी कि किसके पास कलम या कॉपी है कि नहीं।

मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासी समुदाय को पेंशन देने की प्रक्रिया शुरू कर देना चाहती हैं। इसी लिए बांकुड़ा के जिलाधिकारी को ऐसे आदिवासियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है, जिन्हें पेंशन दिया जा सके।

लोकसभा और पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी नेताओं के व्यवहार के चलते तृणमूल को उत्तर बंगाल और जंगलमहल में भारी नुकसान हुआ था। इसकी भरपाई करने के लिए पार्टी नेताओं को जनता से मधुर संबंध और उनके हितों के लिए काम करने का भी निर्देश दिया है।

गौरतलब हो कि इसी साल होने वाले निकाय चुनाव में उक्त इलाके में करीब 93 पालिकाएं आती हैं। जहां तृणमूल नेताओं के खराब व्यवहार के चलते भाजपा गहरी पैठ बना चुकी है। यही कारण है कि तृणमूल सुप्रीमो लोगों को अपनी ओर फिर से आकर्षित करने के लिए तरह-तरह की योजनाएं ला रही हैं और पार्टी नेताओं को उनके अच्छे रिश्ते रखने स्थापित करने का निर्देश दे रही हैं।

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