Rajasthan: अनुसूचित जाति की महिला विधायक ने सदन में कहा, पुलिस हमें धमका रही है
Rajasthan MLA Indra Bawri. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से जुड़े अनुसूचित जाति के दो विधायकों ने विधानसभा में आरोप लगाया कि पुलिस हमें धमका रही है।
जयपुर, जेएनएन। Rajasthan MLA Indra Bawri. अनुसूचित जाति के लोगों के साथ हो रही अपराधिक घटनाओं में फंसी राजस्थान की कांग्रेस सरकार के लिए सोमवार को विधानसभा में भी मुश्किल खड़ी हो गई। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से जुड़े अनुसूचित जाति के दो विधायकों ने विधानसभा में आरोप लगाया कि पुलिस हमें धमका रही है। सत्र चल रहा है और हमसे अजमेर रेंज आईजी के समक्ष पेश होने के लिए कहा जा रा है।
इनमें से अनुसूचित जाति की महिला विधायक इंद्रा बावरी ने तो यहां तक कहा कि पुलिस हमारे घर पर आकर हमें धमका रही है। मेरे बच्चों से कहा गया कि मां को बुलाओ। इस मामले में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड की ओर से विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया है। विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने भी इसे गंभीर मामला बताते हुए सरकार का पक्ष आने के बाद विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर निर्णय करने की बात कही।
विधानसभा में पेयजल और सिंचाई की अनुदान मांगों पर चल रही चर्चा के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने यह मामला उठाते हुए कहा कि विधानसभा का सत्र चल रहा है। इसी दौरान राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के दो विधायकों इंद्रा बावरी और पुखराज गर्ग को छह माह पुराने एक मामले में पूछताछ के लिए दो मार्च को नागौर में पेश होने का नोटिस दिया गया है। सदन की कार्यवाही चल रही है और ऐसे में पुलिस विधायक को पूछताछ के लिए कैसे बुला सकती है। राठौड ने कहा कि पुलिस ने दोनों विधायकों के घरों पर नोटिस चस्पा दिए हैं। राठौड ने कहा कि यह नोटिस पुलिस के थानाधिकारी ने भेजे हैं और नोटिस में विधायकों को आरोपित बताया गया है। यह राजस्थान पुलिस की हिमाकत है और विशेषाधिकार हनन का मामला है।
वहीं, संबंधित विधायक इंद्रा बावरी ने सदन में कहा कि पुलिस हमारे बच्चों को धमका रही है। कल रात नौ बजे पुलिस मेरे घर आई, घर पर बच्चे थे। पुलिसवालों ने बच्चों को धमकाया कि मम्मी को बुलाओ। पुलिस को यह अधिकार किसने दिया।
वहीं, दूसरे विधायक पुखराज गर्ग ने सदन में कहा कि जिस मामले में एफआइआर दर्ज कर हमें पूछताछ के लिए बुलाया गया है, वहां हमने राजकार्य में कोई बाधा नहीं पहुंचाई। पुलिसवाले हमें जयपुर आकर धमका रहे हैं। मेरे जयपुर स्थित सरकारी आवास पर भी पुलिस वाले आए। मैंने उनसे कहा कि अभी सदन चल रहा है। सत्र पूरा होने के बाद हम आ जाएंगे, लेकिन उसने कहा कि हमें तो अपनी ड्यूटी पूरी करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने सरकार से पूछा कि हमारा यहां सदन में रहना जरूरी है या पुलिस के सामने पूछताछ के लिए जाना जरूरी है। उन्होंने नोटिस की भाषा पर भी आपत्ति की और कहा कि एफआइआर दर्ज होना आरोप सिद्ध होना नहीं होता, लेकिन हमें नोटिस में आरोपित लिखा गया। यह हमारी बेइज्जती करने, हमें धमकाने का प्रयास है।
वहीं, रालोपा विधायक नारायण बेनीवाल ने कहा कि सरकार एक तरफ तो दलितों के उत्थान की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ विधायकों को धमकाती है। उन्होंने कहा कि एक एएसआइ ने हमारे विधायकों के लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेेमाल किया, वह बयां नहीं किया जा सकता।
वहीं, सरकार की ओर से जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि उपनेता प्रतिपक्ष ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव गलत ढंग से रखा है। इसके लिए पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया। कोई दस्तावेज भी पेश नहीं किए। कल्ला ने कहा कि कानून की बाध्यता सब पर है। दोनों विधायक लिख कर दे दें कि विधानसभा सत्र के बाद पूछताछ के लिए पेश हो सकते है। इसे मान लिया जाएगा।
अध्यक्ष ने कहा, गंभीर मामला
इस मामले में स्पीकर सीपी जोशी ने सख्त रुख दिखाते हुए कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों को पूछताछ के लिए बुलाना विधानसभा के निर्देेशों का साफ उल्लंघन है। ऐसे नोटिस देने का मतलब है कि विधायका को विधायक को सदन की कार्यवाही में भाग लेने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होने कहा कि यह जिम्मेदारी विधायक की नहीं है कि वह लिख कर दे कि सत्र चल रहा है, इसलिए वह बाद में आएंगे। यह जिम्मेदारी सरकार की है कि जब तक सत्र चल रहा है, तब तक विधायकों को इस तरह नहीं बुलाया जाए। प्रभावित सदस्य ऐसे समुदाय से हैं। जिन्होंने चुनाव लड़ने की हिम्मत की और अपनी बात रखी। ऐसी सदस्य को सदन की कार्यवाही से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार का पक्ष आने के बाद निर्णय किया जाएगा कि इस पर सदन में चर्चा हो या विशेषाधिकार हनन समिति को भेजा जाए।
जानें, क्या है मामला
दरअसल. नागौर में पिछले वर्ष अगस्त में पुलिस ने हाईकोर्ट के निर्देश पर एक बंजारा बस्ती को हटाने के निर्देश दिए थे। जब अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही थी तो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के दो विधायक इंद्रा बावरी और पुखराज गर्ग मौके पर पहुंच गए थे। पुलिस ने इन पर राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया है।
यह भी पढ़ेंः सीएम अशोक गहलोत बोले, देश में अविश्वास का माहौल