Move to Jagran APP

Rajasthan: कोटा के जेके लोन अस्पताल में घटना के दस दिन बाद पहुंचे मंत्री, कहा-बदल जाएगा सब कुछ

JK Lone Hospital Kota. राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने दावा किया कि 15 जनवरी तक अस्पताल में जो कुछ दिख रहा है वह पूरी तरह बदल जाएगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 07:16 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 07:16 PM (IST)
Rajasthan: कोटा के जेके लोन अस्पताल में घटना के दस दिन बाद पहुंचे मंत्री, कहा-बदल जाएगा सब कुछ
Rajasthan: कोटा के जेके लोन अस्पताल में घटना के दस दिन बाद पहुंचे मंत्री, कहा-बदल जाएगा सब कुछ

जयपुर, जेएनएन। JK Lone Hospital Kota. कोटा के जेके लोन अस्पताल में एक साथ दस बच्चों की मौत की घटना के दस दिन बाद शुक्रवार को दौरे पर पहुंचे राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने दावा किया कि 15 जनवरी तक अस्पताल में जो कुछ दिख रहा है, वह पूरी तरह बदल जाएगा। यहां ऑक्सीजन के लिए सेंट्रल सिस्टम होगा और जो भी उपकरण खराब है, वे सहीं करा दिए जाएंगे। इस बीच, केंद्र सरकार की टीम भी राजस्थान पहुंच गई है और शनिवार को अस्पताल का दौरा कर स्थितियों का जायजा लेगी।

loksabha election banner

कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का मामला 23-24 दिसंबर को सामने आया था। इसके बाद यह मामला बड़ा मुद्दा बना तो सरकार ने जयपुर से अधिकारियों की एक टीम भी भेजी, जिसने वहां बच्चों के आईसीयू में कई तरह की कमियोें की जानकारी दी। जिनमें खास तौर पर ऑक्सीजन लाइन की व्यवस्था न होना और वेंटीलेटर व वाॅर्मर खराब होना पाया गया था।

इस बीच, इस मामले ने बड़ा रूप ले लिया और अब घटना के दस दिन बाद सरकार के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और कोटा के प्रभारी परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास शुक्रवार को कोटा पहुंचे। यहां उन्होंने करीब दो घंटे तक अस्पताल के डाॅक्टरों और अधिकारियों के साथ बैठक की और अस्पताल की कमियों के बारे में एक-एक बिंदू पर चर्चा की। लापरवाही करने वाले अधिकारियों को फटकार भी लगाई। अस्पताल के अधिकारियों से कहा गया है कि इस अस्पताल को बेहतर बनाने के लिए जो भी जरूरत है, उसका एस्टीमेट बना कर राज्य सरकार को भेजा जाए। इसे सरकार के अगले वित्तीय वर्ष के बजट में शामिल किया जाएगा।

दौरे के बाद मीडिया से बातचीत में रघु शर्मा ने कहा कि दिसंबर में इस अस्पताल में 1438 बच्चे भर्ती हुए, उसमे से 100 की मृत्यु हुई है। यह संख्या ज्यादा है, लेकिन अलग-अलग तरह के केस है। एनआईसीयू में जो मरीज आए उनमें से 49 आए थे, वे बहुत क्रिटिकल स्थिति में थे। उन्होंने कहा कि एक भी बच्चे की मौत होती है तो यह हमारे लिए चिंता की बात है। उन्होंने बताया कि इस बीच हमने यहां एक कमेटी भेजी थी और उसने जो कमियां बताई है, उन पर काम किया जाएगा। यहां 15 जनवरी तक सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम और खराब पड़े उपकरण आदि अपडेट हो जाएंगे। पैैसे की व्यवस्था यहां है। जरूरत पड़ी तो और पैसा भी देेंगे। उपकरणों की मरम्मत के लिए हमने एक करोड़ रुपये जारी भी किए हैं।

उन्होंने कहा कि यहां दौरे में हमने अधिकारियों के साथ एक एक पाॅइंट पर चर्चा की है। आने वाली 15 जनवरी तक आमूलचूल परिवर्तन दिखेगा। हमारे प्रयासों में कोई कमी नहीं है। देरी से आने के सवाल पर कहा कि मैं वहां भी बैठक कर स्थितियों को सुधारने में लगा था। यहां आया हूं तो तैयारियों के साथ आया हूं। उन्होंने कहा कि यहां की जरूरतों के लिए हमने अधिकारियों से प्रस्ताव मांगे हैं और ये जो भी एस्टीमेट भेजेंगे, उसे सरकार के आने वाले बजट में शामिल किया जाएगा।

यहां के हालात के लिए उन्होंने भाजपा की पिछली सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा कि हमने अपने पिछले कार्यकाल में यहां के लिए बेड स्वीकृत किए थे, वे भाजपा के कार्यकाल में गायब हो गए। पिछली सरकार के कार्यकाल में यहां के प्रश्ज्ञासन ने तत्कालीन सरकार से पैसा मांगा था, लेकिन पैसा नहीं दिया गया। दुर्भाग्य की बात यह है कि जो सवाल खडे कर रहे , उन्हें अपनी सरकार के समय उन्हें यह व्यवस्था क्यों नहीं की।

वहीं, मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि हमने अधिकारियों से कहा कि जो उपकरण थे, उन्हें अधिकारियों को बदलना चाहिए था और इस मामले में जो भी जिम्मेदार हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होने कहा कि हम किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेंगे।

एक मंत्री ने कहा 24 घंटे में सुधारेंगे, दूसरे ने कहा 15 तक करेंगे

व्यवस्थाएं सुधारने के मामले में दोनों मंत्रियों ने यहां एक साथ दौरा किया और मीडिया से भी एक साथ बात की, लेकिन तालमेल नजर नहीं आया। परिवहन मंत्री ने कहा कि हमने 24 धंटे में व्यवस्थाएं सुधारने के लिए कहा है, वहीं चिकित्सा मंत्री ने कहा कि मैं 24 घंटे की बात नहीं कह रहा हूं, लेकिन 15 जनवरी तक यहां सब कुछ सही हो जाएगा।

केंद्रीय दल पहुंचा

कोटा के जेके लोन अस्पताल में शिशुओं की मौत के मामले में केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय ने छह सदस्यीय टीम भेजी है। यह टीम शुक्रवार को जयपुर पहुंची और यहां स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित सिंह और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया से मुलाकात की। केंद्र से आई टीम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और एम्स जोधपुर के डाॅक्टर शामिल हैं। अब संभवत यह दल शनिवार को अस्पताल का दौरा करेगा।

छावनी में तब्दील हुआ कोटा का अस्पताल

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और परिरहवन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के दौरे के लिए अस्पताल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। जिसके चलते अस्पताल में मरीज के परिजन की आवाजाही भी रोक दी गई। दरअसल, यहां मंत्रियों के दौरे के समय भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से विरोध की आशंका थी। इसके चलते पुलिस ने अस्पताल के आसपास मौजूद चाय की स्टॉल और नाश्ते की दुकानें भी हटवा दीं। इसके अलावा 10 भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में भी लिया गया। यह लोग सुबह मंत्री के दौरे को देखते हुए विरोध प्रदर्शन करने के लिए अस्पताल पहुंच गए थे। यहां पर कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के कार्यकर्ता काफी संख्या में मौजूद रहे।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट

कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चो की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयेाग ने स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है और राजस्थान सरकार से चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ यह भी पूछा है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए अस्पताल में क्या उपाय किए गए है। आयोग ने माना है कि बच्चों की मौत मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है और पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है।

यह भी पढ़ेंः कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत पर नेताओं के बीच चल रहा ट्वीट युद्ध


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.