Move to Jagran APP

JNU Polls: जेएनयू की GRC ने चुनाव समिति को थमाया नोटिस, कल 10 बजे तक मांगा जवाब

जेएनयू के ग्रीवेंस रिड्रेसल सेल (जीआरसी) के अध्यक्ष प्रो उमेश अशोक कदम ने जेएनयू छात्र संघ चुनाव समिति को नोटिस भेजा है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 07:54 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 07:54 PM (IST)
JNU Polls: जेएनयू की GRC ने चुनाव समिति को थमाया नोटिस, कल 10 बजे तक मांगा जवाब
JNU Polls: जेएनयू की GRC ने चुनाव समिति को थमाया नोटिस, कल 10 बजे तक मांगा जवाब

नई दिल्ली, जेएनएन। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के ग्रीवेंस रिड्रेसल सेल (जीआरसी) के अध्यक्ष प्रो उमेश अशोक कदम ने जेएनयू छात्र संघ चुनाव समिति को नोटिस भेजा है। आरोप है लिंग्दोह समिति की रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए छात्र संघ चुनाव नहीं करवाया है। इनके नियमों का उल्लंघन किया गया है।

loksabha election banner

जीआरसी ने चुनाव समिति को यह निर्देश दिया था कि वह लिंग्दोह समिति और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत ही चुनाव करवाएं और किसी भी नियम का उल्लंघन ना करें। लेकिन चुनाव समिति ने ऐसा नहीं किया। जीआरसी के नोटिस के अनुसार चुनाव समिति ने 10 बिंदुओं पर उल्लंघन किए हैं। जीआरीसी ने सभी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के मामले में बुधवार सुबह 10 बजे तक प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ छात्र संघ चुनाव समिति को अपना जवाब देने के लिए कहा है। 

नोटिस में पूछा ये सवाल
जीआरसी ने नोटिस में लिखा है कि जेएनयू छात्र संघ चुनाव 2019-20 को जेएनयू छात्र संघ चुनाव के संविधान के तहत नहीं करवाया गया। जेएनयू छात्र संघ चुनाव के संविधान के तहत विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों और विशेष केंद्रों को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। साथ ही चुनाव समिति ने पूरे चुनाव की जो अनुसूचि तैयार की थी वह 10 दिनों से ज्यादा की थी, यह लिंग्दोह समिति की सिफारिश का उल्लंघन है।

चुनाव समिति ने 26 अगस्त 2019 को नामांकन दाखिल करने और 8 सितंबर 2019 को नतीजे घोषित करने की तिथियों को निर्धारित किया था, इसमें कुल 14 दिन थे। जबकि लिंग्दोह समिति की सिफारिशों के तहत 10 दिनों के अंदर ही चुनाव कराने होते हैं। चुनाव समिति ने सभी प्रत्याशियों की घोषणा करने से पहले ये चेक नहीं किया कि उन प्रत्याशियों का क्या कोई अकादमिक बकाया है। यह भी नियम का उल्लंघन है।

चुनाव समिति पर यह भी आरोप
सभी प्रत्याशियों के हाजिरी के रिकॉर्ड को उनके स्कूलों से चेक किए बिना ही घोषित कर दिया गया। जेएनयू के चीफ प्रोक्टर के कार्यालय से प्रत्याशियों के संदर्भ में यह जानकारी नहीं ली गई कि क्या उन पर किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। छात्र संघ चुनाव में काउंसिलर की एक सीट पार्ट टाइम छात्र को आवंटित की गई, यह भी लिंग्दोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन है।

नियम के अनुसार,  विश्वविद्यालय के स्थायी छात्र ही चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं। जेएनयू कैंपस की जगहों को चुनाव समिति ने चुनाव के दौरान सार्वजनिक बैठकों के लिए आवंटित किया गया। जबकि इसके लिए प्रशासन की संबंधित अथॉरिटी से अनुमति नहीं ली गई। विश्वविद्यालय का जो लोग हिस्सा नहीं थे वह पोलिंग बूथ पर नजर आए। यह लोग बैलेट बॉक्स और मतगणना कक्ष में भी नजर आए। नियम के तहत यह लोग चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकते हैं।

जेएनयू में स्वतंत्र और निष्पक्ष छात्र संघ चुनाव हों, इसे देखने के लिए एक समीक्षक को नियुक्त किया था। लेकिन चुनाव समिति ने पोलिंग बूथ के इलाके और मतगणना कक्ष में समीक्षक को जाने की अनुमति नहीं दी। लिंग्दोह समिति की सिफारिश के तहत विश्वविद्यालय निष्पक्ष समीक्षक को नियुक्त कर सकती है। 

 दिल्ली-NCR की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक

ये भी पढ़ेंः गुरुग्राम में अब लोगों को मिलेगी कई घंटों की जाम से मुक्ति, जानें कैसे मिलेगी राहत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.