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मीणा या मीना: राजस्‍थान में फिर गरमायी सियासत- गहलोत बोले ,दोनों एक ही हैं, केवल स्‍पेलिंग का अंतर

एक बार फिर मीना याा मीणा को लेकर विवाद सरनेम को लेकर विवाद उत्पन्न होने से अशोक गहलोत सरकार के सामने मुश्किल पैदा हो गई। गहलोत ने इस मामले में 5 ट्वीट करके इस मुद्दे पर राजस्थान में किसी तरह का विवाद होने से इंकार किया है ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 02:01 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 02:01 PM (IST)
एक बार फिर मीना याा मीणा को लेकर विवाद

जयपुर, जागरण संवाददाता। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय में कंपनी प्रॉसीक्यूटर के पद पर भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में केवल मीना सरनेम वाले अभ्यर्थियों को ही अनुसूचित जनजाति (एसटी) मानने के प्रावधान से विवाद खड़ा हो गया है। एक बार फिर मीना याा मीणा को लेकर विवाद सरनेम को लेकर विवाद उत्पन्न होने से अशोक गहलोत सरकार के सामने मुश्किल पैदा हो गई।

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में एक के बाद एक 5 ट्वीट करके इस मुद्दे पर राजस्थान में किसी तरह का विवाद होने से इंकार किया है। गहलोत ने हाईकोर्ट में पेश जवाब का हवाला देते हुए मीना और मीणा को एक ही जाति बताया और इनमें केवल सरनेम की स्‍पेलिंग का अंतर होने की बात कही है।

गहलोत ने ट्वीट किया कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय में कंपनी प्रॉसीक्यूटर के पद पर भर्ती के लिये विज्ञापन जारी किया गया है। इसमें मीना (अंग्रेजी में स्पेलिंग Mina) जाति वाले अभ्यर्थियों को अनुसूचित जनजाति मानकर आरक्षण के लाभ के लिये योग्य माना गया है, जबकि मीणा (अंग्रेजी में स्पेलिंग Meenaहै) सरनेम वाले अभ्यर्थियों को योग्य नहीं माना गया है । प्रदेश में मीना व मीणा दोनों सरनेम वाले लोगों को अनुसूचित जनजाति प्रमाण-पत्र जारी किये जाते रहे हैं ।

प्रदेश सरकार ने मीना। मीणा विवाद के संदर्भ में स्थिति साफ करते हुए केंद्र सरकार द्वारा स्पष्टीकरण जारी करने के लिए 2018 में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय को पत्र लिखा था, जिसका केंद्र ने अभी तक जवाब नहीं दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में एक बार फिर केंद्र सरकार को पत्र लिखा जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस संबंध में कोई विवाद नहीं है।

पहले भी गरमा चुका है यह मामला

गहलोत ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि मीणा और मीना के मुद्दे पर हाईकेर्ट में भी कई रिट याचिकायें डाली गईं, जिस पर मुख्य सचिव ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर स्पष्ट किया गया कि मीना व मीणा दोनों एक ही जाति हैं। इनमें केवल स्‍पेलिंग का अंतर है। राजस्थान में इस मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है।

राज्य के आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन बामनिया ने कहा कि राज्यसरकार केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण जारी कर मीना और मीणा को एक ही मानकर इस विवाद को खत्म करने के लिये फिर से पत्र लिखेगी। मीना व मीणा के मुद्दे को लेकर अदालतों के साथ राजनीतिक गलियारों में भी पहले यह मामला खूब गरमाया था। अब संघ लोक सेवा आयोग के विज्ञापन के बाद इस मुद्दे पर एक बार फिर सियासत होना तय है। इस मामले में अब कांग्रेस को बीजेपी को घेरने का मौका मिल गया है।

इससे पहले भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा ने भी सीएम गहलोत को पत्र लिखकर मीणा व मीना विवाद का सही हल निकालने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि दोनों एक ही है। पूर्वी राजस्थान में मीना और आदिवासी इलाके में मीणा बोला जाता है। केवल बोलने का फर्क है। 

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