आधार कांड का खुलासा- दिल्ली में बैठकर राजस्थान के प्रत्येक जिले में दलालों के संपर्क में था गोयल
पंकज गोयल की गिरफ्तारी के बाद राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच में कई खुलासे हुए हैं। पूछताछ के दौरान गोयल ने एसीबी अधिकारियों के समक्ष खुलासा किया कि उसने दिल्ली से लेकर राजस्थान के प्रत्येक जिले में अपने दलालों का नेटवर्क तैयारकर रखा था।
जयपुर, जागरण संवाददाता। भारत सरकार के यूनिक आइडेंटिफिकेशन ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के सहायक निदेशक पंकज गोयल की गिरफ्तारी के बाद राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जांच में कई खुलासे हुए हैं। पूछताछ के दौरान गोयल ने एसीबी अधिकारियों के समक्ष खुलासा किया कि उसने दिल्ली से लेकर राजस्थान के प्रत्येक जिले में अपने दलालों का नेटवर्क तैयारकर रखा था।
वह फ्रेंचाइजी देने का काम दलालों के माध्यम से ही करता था। प्रत्येक फ्रेंचाइजी के बदले वह खुद 1 लाख की रकम लेता था, इसमें से 10 हजार दलाल को देता था। इंडियन टेलीकॉम सर्विस के 1988 बैच के अधिकारी गोयल ने पूछताछ में बताया कि रिश्वत की रकम से उसने गुडगांव,फरीदाबाद व जयपुर में फ्लैट खरीदे हैं ।
गोयल ने अपने दलालों का ऐसा नेटवर्क तैयार कर रखा था कि जैसे आवेदक फ्रेंचाइजी लेने के लिए आवेदन करेगा तो वह संबंधित जिले में अपने दलाल को सूचना दे देगा। जिले से जयपुर होते हुए दिल्ली स्थित मुख्यालय पहुंचते ही फाइल अटक जाती थी। दलाल जैसे ही पैसे मिलने की सूचना व्हाट्सअप कॉल पर गोयल को देता था तो वह फाइल निकाल कर अनुमति पत्र जारी कर देता था। एसीबी अधिकारी पिछले कुछ सालों में जारी हुए फ्रेंचाइजी के अनुमति पत्रों की जांच में जुटी है।
कुछ लोगों से अब तक इस संबंध में पूछताछ हो चुकी है। मंगलवार को दिल्ली से गिरफ्तार गोयल को कोटा लाने के बाद एसीबी अधिकारियों ने अलग-अलग पारी में उससे पूछताछ की है। कोटा एसीबी कोर्ट के जज प्रमोद कुमार मलिक ने गोयल को दो दिन के रिमांड पर दिया है।
उल्लेखनीय है कि सहायक गोयल को कोटा एसीबी ने दिल्ली में उसके दफ्तर से ही मंगलवार को 1 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। रिश्वत आधार पहचान पत्र बनवाने की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर मांगी जा रही थी। यह पूरी कार्रवाई एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एन.एम की अगुवाई में की गई थी ।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि एसीबी को हर तरफ से दलालों के नेटवर्क और कॉल सेंटर जैसी जानकारियां मिल रही हैं और एसीबी की अलग-अलग टीमें उन जानकारियों का सत्यापन करने में जुटी हुई हैं।