Gujarat Assembly Election 2022: ये हैं वो 5 बड़े कारण जिनकी वजह से गुजरात में भाजपा को मिली रिकॉर्ड जीत
Gujarat Assembly Election 2022 सबसे ज्यादा सीटें जीतकर भाजपा गुजरात में और भी मजबूत हो गई है। बीजेपी की इस जीत के मुख्य कारणों को देखा जाए तो इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फैक्टर से लेकर पाटीदारों के वोट काफी अहम माने गए है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क।Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा को रिकॉर्ड जीत हासिल हुई है। अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाली भाजपा ने एक साथ अपने कई रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। बीजेपी ने न केवल बड़ी संख्या में विधानसभा सीटें जीती बल्कि सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हासिल कर अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं।
लगातार सातवीं बार सत्ता में पहुंची बीजेपी ने इस चुनाव के जीतने के बाद अपनी एक ऐसी तस्वीर पेश की जो आज से पहले कभी नहीं देखी गई। सबसे ज्यादा सीटें जीतकर भाजपा गुजरात में और भी मजबूत हो गई है। बीजेपी की इस जीत के मुख्य कारणों को देखा जाए तो इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फैक्टर से लेकर पाटीदारों के वोट काफी अहम माने गए है। आइये आपको बताते हैं गुजरात में भाजपा के जीत के 5 बड़े कारण।
पहला कारण-पीएम मोदी
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का घर गुजरात जहां उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री का पद संभाला। मोदी ने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के पद की शपथ 7 अक्टूबर 2001 को ली थी। पीएम मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री का तीन कार्यकाल संभाला और फिर केंद्र का रुख किया। इसी से समझ जाइये के यहां के लोग उन्हें कितना पसंद करते हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने कई चुनावी रैलियां और जनसभाएं निकाली।
पीएम मोदी समेत पूरी भाजपा पार्टी को इस बात का अंदाजा है कि अगर गुजरात में भाजपा की सरकार नहीं आई तो इसका सीधा असर 2024 के लोकसभा चुनावों में देखने को मिलेगा। भाजपा के लिए गुजरात का गढ़ जीतना बेहद जरूरी था। ये कहना गलत नहीं होगा कि गुजरात में पीएम मोदी का जादू इस बार भी कायम रहा।
दूसरा कारण- आदिवासी सीटों का वोट
गुजरात विधानसभा चुनाव की 25 आदिवासी सीटों पर भाजपा का ही जादू चला। इस बार बीजेपी को आदिवासी सीटों का सबसे ज्यादा बहुमत मिला। आपको जनाकर हैरानी होगी लेकिन जिन इलाकों में भाजपा हारती रही वहीं से अब बीजेपी ने 150 के आंकड़े को पार कर लिया है। आदिवासी क्षेत्रों में बीजेपी को लगभग 47 फीसदी वोट हासिल हुए है। दरअसल, पीएम मोदी ने इस बार के गुजरात विधानसभा चुनाव में अपना सबसे ज्यादा फोकस आदिवासी क्षेत्रों पर रखा।
उल्लेखनीय है कि इसी साल अप्रैल में पीएम मोदी ने गुजरात के आदिवासी बाहुल्य दाहोद जिले में एक कार्यक्रम में भाग लिया था। इस दौरान उन्होंने एक आदिवासी जैकेट और टोपी पहनी हुई थी। इस कार्यक्रम में मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा और अन्य आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को भी याद किया था।
तीसरा कारण- कांग्रेस का कमजोर पड़ना
गुजरात विधानसभा चुनावों के परिणामों के पीछे एक बड़ा कारण कांग्रेस का कमजोर पड़ना भी है। बता दें कि इस बार कांग्रेस के कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस के आदिवासी नेता मोहन्सिन रथवा और हिमांशु व्यास भी विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा के खेमे में चले गए थे।
जिससे कांग्रेस पार्टी गुजरात में कमजोर पड़ती चली गई। गुजरात में चुनाव प्रचार के बजाए कांग्रेस के नेता राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त रहे। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा में अपना ज्यादा समय बिताया न कि गुजरात में। हालांकि, वे गुजरात से भी गुजरे लेकिन उसका कोई भी असर गुजरात में देखने को नहीं मिला।
चौथा कारण- आम आदमी पार्टी की एंट्री
गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की एंट्री होना भी भाजपा के लिए काफी फायदेमंद साबित हुई। इस बार आप पार्टी गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावी मैदान में उतरी लेकिन नतीजों के अनुसार कांग्रेस का वोट आप की तरफ जाता दिखा। इसका सबसे ज्यादा असर कांग्रेस की सीटों की संख्या पर देखने को मिला।
वर्ष 2017 के गुजरात चुनाव में कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार 20 से भी कम सीटों पर आप पार्टी को संतोष करना पड़ा। जहां कांग्रेस का वोट आप की तरह शिफ्ट हो गया तो वहीं बीजेपी का वोट कहीं गया ही नहीं।
पांचवा कारण- पाटीदारों का वोट बीजेपी को
2017 में हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पाटीदार आंदोलन से भाजपा को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। इसी बात को समझते हुए भाजपा ने हार्दिक पटेल को अपनी ओर कर लिया। इससे भाजपा को पाटीदार अनामत आंदोलन समिती (PAAS) के युवाओं का समर्थन मिलने में कामयाबी हुई। बता दें कि हार्दिक पटेल ने कहा था कि गुजरात के युवाओं को भविष्य बीजेपी सरकार के हाथों सुरक्षित रहेगा।