Lockdown in Maharashtra: चौतरफा विरोध के बाद झुकी उद्धव सरकार, जारी रहेगी अखबारों की बिक्री
महाराष्ट्र में अखबारों और मैगजीनों के वितरण को लेकर अपने विचित्र फैसले पर घिरी उद्धव ठाकरे सरकार को यह स्पष्ट करना पड़ा कि राज्य में समाचार पत्रों की बिक्री स्टालों से जारी रहेगी।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र में अखबारों और मैगजीनों के वितरण को लेकर अपने विचित्र फैसले पर घिरी उद्धव ठाकरे सरकार को यह स्पष्ट करना पड़ा कि राज्य में समाचार पत्रों की बिक्री स्टालों से जारी रहेगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक के बाद एक ट्वीट के जरिये स्पष्ट किया कि उसने प्रिंट मीडिया को घर-घर डिलीवरी से बचने की केवल सलाह दी है। दरअसल इसके पहले उद्धव सरकार ने अखबारों और मैगजीनों के घर-घर वितरण पर रोक की बात कही थी, जिसका जबरदस्त विरोध हुआ था।
With regards to reports about the media, clarity on some unnecessary confusion is needed. Both Print & Electronic media are allowed to operate at the basic operational number of staff in these times of fighting corona virus.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 18, 2020
फैसला बदला-सफाई दी, घर-घर वितरण से केवल बचने के लिए कहा
उद्धव सरकार का यह फैसला इसलिए चौंकाने वाला था, क्योंकि स्वास्थ्य संगठनों, डॉक्टरों और विशेषज्ञों के साथ ही केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने भी अखबारों को कोरोना संक्रमण के लिहाज से सुरक्षित माना है। अपने फैसले पर बुरी तरह घिरी उद्धव सरकार ने सफाई दी है कि वह पूरे मन से मीडिया का समर्थन करती है और उसे कोरोना से निपटने के लिए प्रिंट मीडिया के सहयोग की जरूरत है। सीएमओ ने कहा-सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता और इसके लिए प्रिंट मीडिया का सहयोग आवश्यक है। डोर टू डोर डिलीवरी पर पाबंदी के फैसले की चौतरफा आलोचना पर सीएमओ ने स्पष्ट किया कि अकारण ही भ्रम खड़ा किया गया।
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फेक न्यूज के दौर में अखबार ही सबसे विश्वसनीय : फड़नवीस
इसके पहले उद्धव सरकार के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा है कि केंद्र ने आगामी 20 अप्रैल से कई तरह के व्यवसाय फिर शुरू करने की छूट दी है। इसी तर्ज पर राज्य ने भी अधिसूचना जारी कर टीवी, डिजिटल मीडिया व अखबारों को छूट दी है। लेकिन शनिवार को इस अधिसूचना में अनुचित तरीके से परिवर्तन कर दिया गया। फड़नवीस ने कहा कि सरकार को फेक न्यूज के इस दौर में विश्वसनीय सूचना के माध्यम अखबारों के वितरण पर पांबदी नहीं लगानी चाहिये। फेक न्यूज को रोकना सबसे बड़ी चुनौती है और अखबार सबसे कारगर तरीके से यह काम करते हैं।
महाराष्ट्र यूनियन ऑफ वर्किग जर्नलिस्ट ने उद्धव सरकार के पूर्व के निर्णय की आलोचना की थी और उसे मीडिया का गला घोंटने वाला बताया था। महाराष्ट्र के मंत्रालय एवं विधिमंडल वार्ताहर (पत्रकार) संघ ने कहा है कि जब विश्व स्वास्थ्य संगठन कह चुका है कि अखबार सुरक्षित हैं तो उनके वितरण पर प्रतिबंध समझ से परे है।
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