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Government Ads Ban: मीडिया के सरकारी विज्ञापनों पर बैन को लेकर सोनिया गांधी के प्रस्‍ताव की आइएनएस ने की निंदा

आइएनएस के अध्यक्ष शैलेष गुप्ता ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के मीडिया के सरकारी विज्ञापनों पर रोक के प्रस्‍ताव की निंदा की है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2020 07:11 PM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 08:43 PM (IST)
Government Ads Ban: मीडिया के सरकारी विज्ञापनों पर बैन को लेकर सोनिया गांधी के प्रस्‍ताव की आइएनएस ने की निंदा

नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोरोना वायरस के संकट से लड़ने के लिए पीएम मोदी को सुझाए गए सोनिया गांधी के विकल्प पर भारतीय समाचार पत्र सोसाइटी ने नाराजगी जाहिर की है और मजबूत लोकतंत्र के लिए अपने सुझाव पर पुनर्विचार करने को कहा है। दरअसल, सोनिया ने पत्र लिखकर पीएम मोदी को सुझाव दिए थे। इनमें दो साल तक मीडिया को दिए जाने वाले विज्ञापनों पर रोक की बात कही गई थी। इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आइएनएस) के प्रेसिडेंट शैलेष गुप्त ने आइएनएस सदस्यों की ओर से इस प्रस्‍ताव पर अविश्वास व्यक्त किया और कांग्रेस अध्यक्ष के सुझाव की निंदा की है।

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वित्तीय सेंसरशिप के लिए समान है प्रस्‍ताव 

उन्‍होंने कहा कि इस तरह का प्रस्ताव वित्तीय सेंसरशिप के समान है। जहां तक सरकार के खर्च का सवाल है, यह बहुत कम राशि है, लेकिन यह समाचार पत्र उद्योग के लिए एक बड़ी राशि है जो किसी भी जीवंत लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। यह एकमात्र ऐसा उद्योग है जहां बाजार की ताकतें वेतन का फैसला नहीं करती हैं। ऐसे में सरकार की इस उद्योग के प्रति एक जिम्मेदारी भी है। 

फेक न्‍यूज के युग में प्रिंट मीडिया की बड़ी भूमिका

इसके अलावा, सरकार ओर विपक्ष के लिए फर्जी खबरों के युग में प्रिंट मीडिया देश और दुनिया के हर कोने में लोगों के लिए समाचार और विचार प्राप्त करने का सबसे अच्छा मंच है। मंदी और डिजिटल प्लेटफॉर्म के बढ़ने के कारण पहले से ही विज्ञापन और सर्कुलेशन रेवेन्यू में गिरावट आई है। देशव्यापी लॉकडाउन के कारण समस्या और जटिल हुई है। उद्योग गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है।

ऐसे समय में जब मीडिया कर्मी अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं और महामारी की स्थिति पर समाचार ला रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष का पूरे मीडिया के लिए मीडिया विज्ञापनों पर दो साल का प्रतिबंध लगाने का सुझाव पूरी तरह से निराशाजनक है। ऐसे में आईएनएस कांग्रेस अध्यक्ष से अपील करता है कि वह एक जीवंत और मुक्त प्रेस के हित में मीडिया विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध के बारे में प्रधानमंत्री को दिए गए सुझाव पर पुनर्विचार करें और उसे वापस लें।

एनबीए ने की सोनिया गांधी के सुझाव की निंदा  

उधर, न्यूज ब्राडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने इस प्रस्‍ताव की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मीडिया कर्मियों के लिए इस तरह का सुझाव मनोबल गिराने वाला है। उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी ने सरकारी खर्चों में कटौती करने के नाम पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि अगले दो साल तक सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों को मीडिया में विज्ञापन नहीं देने चाहिए।

एनबीए के अध्यक्ष रजत शर्मा ने कहा कि हम कांग्रेस अध्यक्ष के इस सुझाव की कड़ी निंदा करते हैं। ऐसे समय में जब मीडिया कर्मी जान जोखिम में डालकर लोगों तक सही समाचार पहुंचाने का काम कर रहे हैं, तब कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से इस तरह का सुझाव आना हताशाजनक है।


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