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'यह आत्मा आपका पीछा नहीं छोड़ेगी' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शरद पवार ने क्यों कही ये बात?

राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शपथ लेने से पहले क्या मोदी के पास देश का जनादेश था? वहीं पीएम मोदी द्वारा भटकती आत्मा कहने पर भी पवार ने पलटवार किया है। वे सोमवार को पुणे से 125 किमी दूर अहमदनगर में पार्टी के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Tue, 11 Jun 2024 10:42 AM (IST)
'यह आत्मा आपका पीछा नहीं छोड़ेगी' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शरद पवार ने क्यों कही ये बात?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शरद पवार। (फोटो- फाइल)

पीटीआई, पुणे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने पर एनसीपी (शरद पवार) अध्यक्ष शरद पवार ने प्रश्न किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का नेतृत्व करने का जनादेश मिला है? उन्होंने सोमवार को कहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव में बहुमत से चूक गई है।

केंद्र में नई गठबंधन सरकार बनाने के लिए उसे अपने सहयोगियों का समर्थन लेना पड़ा। शरद पवार पुणे से करीब 125 किलोमीटर दूर अहमदनगर में एनसीपी के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन में पार्टी के नवनिर्वाचित सांसदों को सम्मानित भी किया गया।

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शरद पवार ने क्या कहा?

पवार ने कहा, "नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, लेकिन शपथ लेने से पहले क्या उनके पास देश का जनादेश था? क्या देश की जनता ने उन्हें सहमति दी थी? भाजपा के पास बहुमत नहीं था। उन्हें तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मदद लेनी पड़ी। उनकी वजह से वह सरकार बना सके।"

'यह आत्मा आपका पीछा नहीं छोड़ेगी'

शरद पवार ने मोदी द्वारा उन्हें 'भटकती आत्मा' कहे जाने पर कहा कि यह अच्छा है, क्योंकि आत्मा शाश्वत है और यह आत्मा आपका पीछा नहीं छोड़ेगी। पवार ने कहा कि मोदी ने शिवसेना (यूबीटी) को 'नकली शिवसेना' कहा। उन्होंने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को किसी को 'नकली' कहना चाहिए। पार्टी के बारे में पवार ने कहा कि लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए एक नई और कुशल टीम बनाएगी।

पहली की सरकारों से अलग है एनडीए सरकार

शरद पवार ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली नई एनडीए सरकार पहले की सरकारों से अलग है। चुनाव के दौरान मोदी जहां भी प्रचार करने गए, वहां उन्होंने सरकार को 'भारत सरकार' नहीं कहा। उन्होंने मोदी सरकार और मोदी की गारंटी कहा था। मगर आज वह मोदी की गारंटी नहीं रही।

पवार ने कहा कि आज मोदी सरकार नहीं रही। आपके वोट की वजह से उन्हें मोदी सरकार की जगह भारत सरकार कहना पड़ रहा है। आपकी (जनता) की वजह से उन्हें अलग दृष्टिकोण अपनाना पड़ रहा है।

प्रधानमंत्री का पद देश का, किसी पार्टी का नहीं

पवार ने कहा, "प्रधानमंत्री का पद देश का है, किसी खास पार्टी का नहीं। प्रधानमंत्री को समाज के सभी वर्गों, जातियों और धर्मों के बारे में सोचना चाहिए, लेकिन मोदी यह करना भूल गए। मुझे लगता है कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया। मुस्लिम, सिख, ईसाई और पारसी जैसे अल्पसंख्यक देश का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्हें सरकार पर भरोसा होना चाहिए, लेकिन मोदी ऐसा करने में विफल रहे। प्रचार के दौरान उन्होंने एक वर्ग के लोगों के अधिक बच्चे पैदा करने की बात कही। यह स्पष्ट है कि उनका आशय मुसलमानों से था।"

पवार ने कहा, "उन्होंने (प्रधानमंत्री ने) कहा कि अगर सत्ता इन लोगों के हाथ में चली गई तो वे महिलाओं के मंगलसूत्र आदि छीन लेंगे। क्या देश में कभी ऐसी चीजें हुई हैं? उन्होंने यह भी कहा कि अगर विपक्ष सत्ता में आया तो अगर किसी के पास दो भैंस हैं तो वे एक भैंस भी छीन लेंगे। क्या प्रधानमंत्री को इस तरह की बातें करनी चाहिए? मोदी ने दूसरों की आलोचना करने में संयम नहीं दिखाया।"

हरियाणा और झारखंड पर निगाहें

अपने संबोधन में शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के अलावा हमें हरियाणा और झारखंड में भी काम करना होगा, जहां अगले तीन महीने में चुनाव होने हैं। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों से संगठन को मजबूत करने और समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के हितों की रक्षा करने को कहा।

अपने सांसदों को बताया 'अष्टप्रधान मंडल'

पवार ने कहा कि लोगों को लगता था कि राम मंदिर निर्माण राजनीति में प्रासंगिक होगा, लेकिन भाजपा उम्मीदवार अयोध्या में ही हार गया। उन्होंने कहा, "कल अगर मैं अयोध्या में राम मंदिर जाऊंगा तो मैं इसका इस्तेमाल अपनी राजनीति के लिए नहीं करूंगा। पवार ने आश्वासन दिया कि सभी आठ राकांपा (शरद पवार) के सांसदों को हर समय उनका मार्गदर्शन मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह छत्रपति शिवाजी महाराज का अष्टप्रधान मंडल था, उसी तरह वे संसद में राकांपा के 'अष्टप्रधान मंडल' (आठ मंत्रियों की परिषद) होंगे।

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