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यूपी में स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से पीएम मोदी ने की बातचीत, बोले- आजादी के बाद पहली बार बनी ऐसी योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री सड़क विक्रेता से आत्मानिर्भर निधि योजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत की। संवाद के बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार बनी ऐसी योजना।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 08:58 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 11:21 AM (IST)
उत्तर प्रदेश के स्वनिधि योजना लाभार्थियों के साथ आज बातचीत करेंगे पीएम मोदी

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री सड़क विक्रेता से आत्मानिर्भर निधि योजना (पीएम स्वनिधि योजना) के लाभार्थियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। लाभार्थियों से बात करने के बाद  अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि  मैंने स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से संवाद करते हुए ये अनुभव किया कि सभी को खुशी भी है और आश्चर्य भी है। पहले तो नौकरी वालों को लोन लेने के लिए बैंकों के चक्कर लगाने होते थे, गरीब आदमी तो बैंक के भीतर जाने का भी नहीं सोच सकता था। लेकिन आज बैंक खुद आ रहा है।  उन्होंने बैंक कर्मियों को धन्यवाद दिया और उनके काम की सराहना की।

गरीबों को लेकर केंद्र सरकार को चिंता

पीएम मोदी ने कहा कि इस तरह की योजना आजादी के बाद पहली बार बनी है। मेरे गरीब भाई बहनों को कैसे कम से कम तकलीफ उठानी पड़े, सरकार के सभी प्रयासों के केंद्र में यही चिंता थी। इसी सोच के साथ देश ने 1 लाख 70 हजार करोड़ से गरीब कल्याण योजना शुरू की

आगरा की प्रीति बोली लॉकडाउन के दौरान काफी परेशानियों का किया सामना

संवाद की शुरुआत में आगरा की प्रीति ने बताया लॉकडाउन के दौरान उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। उन्होंने आगे कगा कि इस दौरान हमें नगर निगम की तरफ से मदद मिली और एक बार फिर से काम शुरु किया। इस दौरान पीएम मोदी ने पूछा की नवरात्री के समय फल की बिक्री अधिक हुई होगी। इस दौरान पीएम मोदी ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि अफसर आपसे जल्द ही मुलाकात करके समस्याओं को दूर करेंगे।

बता दें कि अतिरिक्त मुख्य सचिव, सूचना, नवनीत सहगल ने शनिवार को योजना के तहत लगभग 3 लाख विक्रेताओं को ऋण वितरित किया।

ध्यान दें कि COVID-19 से प्रभावित गरीब स्ट्रीट वेंडरों की मदद के लिए 1 जून 2020 को PM SVANidhi योजना शुरू की गई थी, जो आजीविका गतिविधियों को फिर से शुरू करते हैं। अब तक, इस योजना के तहत कुल 24 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 12 लाख से अधिक को मंजूरी दी गई है और लगभग 5.35 लाख ऋण वितरित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश राज्य में, 6 लाख से अधिक आवेदन आए हैं, जिनमें से लगभग 3.27 लाख मंजूर किए गए हैं और 1.87 लाख ऋण वितरित किए गए हैं।

इस योजना के तहत, सड़क विक्रेताओं को रियायती दरों पर 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी मिल सकती है। अब तक, उत्तर प्रदेश को विक्रेताओं से 557,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो पूरे देश में सबसे अधिक है।

 पिछले महीने भी पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के स्ट्रीट वेंडर्स के साथ 'स्वनिधि सम्मेलन' के तहत बातचीत की थी। पीएम ने इंदौर, ग्वालियर और रायसेन के तीन विक्रेताओं से बात की और उन्हें योजना के तहत मिलने वाले लाभों और कठिनाइयों के बारे में, यदि कोई हो, तो उन्हें योजना के तहत अपने व्यवसाय के लिए बीज पूंजी की खरीद में सामना करना पड़ा।

जून में, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने यह योजना शुरू की थी जो 50 लाख से अधिक सड़क विक्रेताओं को 10,000 रुपये तक का किफायती ऋण प्रदान करने के लिए विशेष माइक्रो-क्रेडिट सुविधा प्रदान करती है, जिनके पास 24 मार्च को या उससे पहले अपने कारोबार का संचालन था। यह योजना मार्च 2022 तक वैध है।


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