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भांजे रतुल पुरी की गिरफ्तारी पर बोले कमलनाथ- मेरा उसके कारोबार से कोई संबंध नहीं

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि भांजे और मोजर बेयर कंपनी के पूर्व कार्यकारी निदेशक रतुल पुरी के कारोबार से उनका कोई संबंध नहीं है।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 01:03 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 01:07 PM (IST)
भांजे रतुल पुरी की गिरफ्तारी पर बोले कमलनाथ- मेरा उसके कारोबार से कोई संबंध नहीं

रायपुर, एएनआइ। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि भांजे और मोजर बेयर कंपनी के पूर्व कार्यकारी निदेशक रतुल पुरी के कारोबार से उनका कोई संबंध नहीं है। हालांकि, कमलनाथ का कहना है कि उन्‍हें अदालत की कार्रवाई पर पूरा भरोसा है। बता दें कि रतुल पुरी को आज प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने गिरफ्तार कर लिया है। दो दिन पहले ही पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने रतुल पुरी और अन्य के खिलाफ 354 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले (Bank Fraud) का मुकदमा दर्ज किया था।

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कमलनाथ बोले- कोर्ट पर पूरा भरोसा
भांजे की गिरफ्तारी पर कमलनाथ ने कहा, 'देखिए, मेरा उनके द्वारा किए जा रहे व्यवसाय से कोई संबंध नहीं है। मुझे लगता है कि विशुद्ध रूप से यह अनुचित कार्रवाई प्रतीत होती है। मुझे पूरा विश्वास है कि अदालत इसमें सुधारात्मक रुख अपनाएगी।' वैसे बता दें कि इससे पहले भी कमलनाथ, रतुल पुरी के कारोबार से कोई संबंध न होने की बात कह चुके हैं।

मोजर बीयर कंपनी का आधिकारिक बयान
मोजर बीयर कंपनी की ओर से रतुल पुरी की गिरफ्तारी को लेकर आधिकारिक बयान आया है। कहा गया है कि ईडी द्वारा रतुल पुरी की गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण है। मोजर बीयर नियम कानूनों के तहत ही सबकुछ कर रहा था।

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वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में भी हो चुकी पूछताछ
दिल्ली हाई कोर्ट ने 14 अगस्त को पुरी को 20 अगस्त तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। अब इसी मामले में ईडी ने गिरफ्तारी की है। ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, कारोबारी रतुल पुरी समेत सभी पर कथित तौर पर आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी से कई बार वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में भी पूछताछ कर चुकी है। रतुल पुरी पर आरोप है कि वीआईपी अगस्टा हेलिकॉप्टर केस में उनकी कंपनियों में दुबई से पैसा ट्रांसफर किया गया था। ईडी जांच कर रही है कि आखिर रतुल की कंपनी में किसके इशारे पर पैसा आया?

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने की थी शिकायत
यह मामला सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर दर्ज किया गया था। बैंक ने शिकायत में आरोप लगाया कि कंपनी 2009 से विभिन्न बैंकों से लोन ले रही थी और कई बार पुनर्भुगतान की शर्तों में बदलाव करा चुकी थी। बैंक की यह शिकायत अब सीबीआई की एफआईआर का हिस्सा है। इसमें आरोप लगाया गया कि जब वह (कंपनी) कर्ज का भुगतान करने में असमर्थ रही तो एक फॉरेन्सिक ऑडिट किया गया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने खाते को 20 अप्रैल 2019 को 'फर्जी' घोषित कर दिया।

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