J&K: फारूख अब्दुल्ला का बड़ा बयान, घाटी में फोर्स की तैनाती से डर का माहौल
कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों के तैनाती के बाद अफवाहों का बाजार गर्म है। इसी के मद्देनजर नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला के घर रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई।
श्रीनगर, एएनआइ। कश्मीर में अमरनाथ यात्रा रद्द होने और अतिरिक्त सुरक्षा बलों के तैनाती के बाद अफवाहों का बाजार गर्म है। इसी के मद्देनजर नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला के घर रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें सभी प्रमुख पार्टियों ने हिस्सा लिया। जिसमें कांग्रेस, पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन, शाह फैजल भी शामिल रहे।
सर्वदलीय बैठक के बाद फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। कश्मीर के लिए सबसे बुरा वक्त है। पहले कभी समय से पहले अमरनाथ यात्रा खत्म नहीं हुई। भारी संख्या में फोर्स की तैनाती से घाटी के लोग घबराए हुए हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव से दोनों देशों को नुकसान होगा। सरकार कोई ऐसा कदम नहीं बढ़ाए जिससे तनाव बढ़े। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा नहीं छीना जाना चाहिए।
कश्मीर घाटी में बीते कुछ दिनों से राज्य के विशेष संवैधानिक दर्जे और अनुच्छेद 35-ए को समाप्त करने की अटकलें जोर पकड़ रही हैं। कश्मीर केंद्रित सियासत करने वाले मुख्यधारा के राजनीतिक दल और उनके नेता बार-बार इस मुद्दे को उठा रहे हैं। केंद्र सरकार ने अभी तक इन अटकलों को अधिकारिक स्तर पर खारिज नहीं किया है।
पीपुल्स यूनाईटेड फ्रंट के संयोजक पूर्व विधायक इंजीनियर रशीद ने कहा कि हमने भी आज एक सर्वदलीय बैठक बुलायी है। देखते हैं कि इसमें क्या नतीजा निकलता है। हम भी बैठक में शामिल होंगे। आखिर इस समय जम्मू-कश्मीर की ही नहीं हमारी पहचान पर भी संकट बना हुआ है।
कश्मीर के खिलाफ होने वाली साजिशों का मुकाबला करने के लिए हम सभी का एकजुट होना जरूरी है। आज पूरे कश्मीर को सैन्य छावनी बना दिया गया है, यह सिलसिला रुकना चाहिए। अगर इसके लिए हमें किसी अन्य दल में शामिल होना पड़ता है तो हम उसके लिए भी तैयार हैं। नैकां की सर्वदलीय बैठक में ही हमें पता चलेगा कि उमर और डॉ. फारुक अबदुल्ला ने प्रधानमंत्री से क्या बातचीत की है।
पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने कहा कि सवाल नेकां, कांग्रेस, पीडीपी या माकपा का नहीं है। यह जम्मू-कश्मीर के भविष्य का सवाल है। हम जम्मू-कश्मीर में अमन बहाली के लिए, संवैधानिक दर्जे की हिफाजत के लिए किसी के भी साथ चलने को तैयार हैं। इस मुद्दे पर आज हम अपने संगठन में भी विचार विमर्श कर रहे हैं, क्येांकि नेकां नेताओं की प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के बाद इस बैठक के मायने बदल जाते हैं।
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