Move to Jagran APP

नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत बोले- कश्मीर में गंदी फिल्में देखने के लिए होता है इंटरनेट का इस्तेमाल !

नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने कश्मीर में इंटरनेट पर पाबंदी पर कहा कि कश्मीर में इंटरनेट न हो तो क्या फर्क पड़ता है? गंदी फिल्में देखने के अलावा कुछ नहीं होता।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 01:22 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 05:16 PM (IST)
नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत बोले- कश्मीर में गंदी फिल्में देखने के लिए होता है इंटरनेट का इस्तेमाल !
नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत बोले- कश्मीर में गंदी फिल्में देखने के लिए होता है इंटरनेट का इस्तेमाल !

नई दिल्ली, एएनआइ। नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने कश्मीर में इंटरनेट पर पाबंदी पर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा है कश्मीर में इंटरनेट न हो तो क्या फर्क पड़ता है? आप वहां इंटरनेट पर क्या देखते हैं? वहां क्या ई-टेलिंग हो रही है? गंदी फिल्में देखने के अलावा, आप वहां कुछ भी नहीं करते हैं। कश्मीर घाटी में इंटरनेट के पाबंदी का व्यापार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। 

loksabha election banner

इससे पहले उन्होंने कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि नेता कश्मीर क्यों जाना चाह रहे हैं। कश्मीर जाकर वे दिल्ली की तरह प्रदर्शन भड़काना चाह रहे हैं। वे सोशल मीडिया की मदद से विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा दे रहे हैं। 

सारस्‍वत ने दी सफाई 

बाद में अपने बयान पर नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने सफाई दी है। उन्‍होंने कहा कि मेर बयान का गलत मतलब निकाला गया है। अगर किसी को मेरी बात से दुख हुआ तो मैं माफी मांगता हूं। मैं नहीं चाहता हूं कि ऐसा लगे कि मैं कश्मीर के लोगों के इंटरनेट इस्तेमाल के अधिकार के खिलाफ हूं।

अगस्त में लगाई गई थी पाबंदी

गौरतलब है कि अगस्त में जम्मू कश्मीर अनुच्छेद 370 हटाए जाने और इसे दो हिस्सों में बांटने के दौरान इंटरनेट पर पाबंदी लगाई थी। इसके बाद शनिवार को ही घाटी में सभी लोकल प्रीपेड मोबाइल सेवाएं बहाल हुईं हैं। यहां प्रीपेड कॉल, एसएमएस और 2G इंटरनेट सेवाएं शुरू हुईं हैं। 

नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों ने देश की जीडीपी पर प्रहार किया

सारस्वत ने आगे कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों ने देश की जीडीपी पर प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि पिछले 3 महीनों से सड़कों पर सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। इससे मानव-घंटे, कारखानों, अस्पतालों और स्कूलों के बंद होने का नुकसान हुआ। इन सबका जीडीपी पर असर पड़ता है। सरकारी स्कूलों में अध्यापकों को वेतन दिया जा रहा है, लेकिन कक्षाओं का आयोजन नहीं किया जा रहा है, वेतन का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन कारखाने बंद पड़े हैं, यह सब हो रहा है। 

अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए निर्यात क्षेत्र पर ध्यान देने की आवश्यकता 

नीति आयोग के सदस्य ने देश में अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में आगे बात करते हुए कहा कि अमेरिका, चीन और अन्य बड़े देशों समेत दुनिया भर की अर्थव्यवस्था नीचे जा रही हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत में अर्थव्यवस्था स्थिर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए निर्यात क्षेत्र में मानकीकरण, प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

जेएनयू में फीस बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन पर वीके सारस्वत

बता दें कि वीके सारस्वत जेएनयू के चांसलर भी हैं। उन्होंने इससे पहले बुधवार को जेएनयू में फीस बढ़ोतरी को लेकर प्रदर्शन पर कहा था कि आंदोलनकारी छात्र और शिक्षक किसी भी प्रकार का अनुशासन नहीं चाहते हैं। उन्होंने जेएनयू में चल रही समस्याओं के लिए पिछले 50-60 वर्षों से छात्रों और शिक्षकों को मिल रही छूट को जिम्मेदार ठहराया। 

यह भी पढ़ें: सीएए के तहत धार्मिक उत्पीड़न का सबूत प्रदान करना असंभव - हिमंत बिस्वा सरमा

यह भी पढ़ें: Video: CAA लागू करने से राज्य मना नहीं कर सकते, कपिल सिब्बल ने कांग्रेस को दिखाया आईना


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.