JNU Violence: दिल्ली पुलिस आयुक्त को ठहराया जाए जिम्मेदार: चिदंबरम
JNU Violence जेएनयू हिंसा को लेकर कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों का आरोप प्रत्यारोप जारी है। इस क्रम में पी चिदंबरम ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को जिम्मेवार बताया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। JNU Violence: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में जेएनयू हिंसा की निंदा की और इसके लिए पुलिस कमिश्नर पर आरोप लगाए। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मामले में दिल्ली पुलिस आयुक्त को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जवाबदेही की शुरुआत पुलिस आयुक्त से होती है और यह गृह मंत्री तक जाती है।
प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने जेएनयू हिंसा के अलावा एनपीआर का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 2010 और 2020 के NPR में काफी अंतर है। मोदी सरकार द्वारा लाई गई यह योजना देश के बंटवारे की योजना है। साथ ही उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून व देश की गिरती अर्थव्यवस्था पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, देश में एक ओर जल्दी में नागरिकता संशोधन कानून के पारित होने से हंगामा है वहीं डूबती अर्थव्यवस्था से भी विद्रोह का माहौल है। पिछले 6 माह में कुछ भी अच्छा नहीं हुआ, आयात में 8.37 फीसद की कमी आई वहीं निर्यात में 2.21 फीसद की कमी देखी गई।
उन्होंने कहा कि हम तेजी से अराजकता की ओर जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘ जेएनयू हिंसा इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि हम तेजी से अराजकता की ओर जा रहे हैं। केंद्र सरकार, गृह मंत्री, एलजी और पुलिस आयुक्त की निगरानी में यह घटना भारत के अग्रणी यूनिवर्सिटी में हुआ जो राष्ट्रीय राजधानी में स्थित है। उन्होंने कहा, ‘हमारी मांग है कि 24 घंटे के भीतर हिंसा फैलाने वालों को पहचान कर गिरफ्तार किया जाए। साथ ही अधिकारियों पर जवाबदेही तय कर तत्काल कार्रवाई भी की जाए।’
उन्होंने कहा कि जवाबदेही गृह मंत्री अमित शाह की भी बनती है। उन्होंने कहा, ‘रविवार रात जेएनयू में भयावह घटना हुई। यह पूरी तरह इस बात को साबित करता है कि हम अराजकता की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यदि इस हिंसक हमले के संबंध में खुफिया जानकारी नहीं थी तब सरकार के खुफिया तंत्र की विफलता है और यदि जानकारी थी और तब यह हुआ तब तो सरकार की विफलता है।